अखिलेश का 2024 से पहले ओबीसी+सॉफ्ट हिंदुत्व पर फोकस: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बिना उतरने का प्लान; 5 पॉइंट में समझे मिशन-50

अखिलेश का 2024 से पहले ओबीसी+सॉफ्ट हिंदुत्व पर फोकस: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बिना उतरने का प्लान; 5 पॉइंट में समझे मिशन-50

लोकसभा चुनाव-2024 के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने OBC और सॉफ्ट हिंदुत्व पर फोकस किया है। कोलकाता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सपा ने यूपी की 80 लोकसभा सीट में 50 जीतने का लक्ष्य रखा है। अखिलेश अब कांग्रेस के बिना ही राष्ट्रीय राजनीति में खुद को स्थापित करने की तैयारी में हैं। कोलकाता से कांग्रेस पर निशाना साधकर इसका संदेश भी करीब-करीब दे दिया। सोमवार को उन्होंने कहा- अगर कांग्रेस कमजोर न होती तो आज देश में बीजेपी न होती। कांग्रेस की कई बुराइयों की वजह से आज भाजपा है।

अखिलेश सिर्फ यही नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा, राहुल के साथ मैंने काम किया। मैं उनको कोई सलाह नहीं दे सकता हूं। एक जमाने में कांग्रेस भी CBI और ED का इस्तेमाल अपने मतलब के लिए करती थी। ​​​​​चलिए, अब आपको 5 पॉइंट में अखिलेश का मिशन-50 समझाते हैं...

पॉइंट 1 : 20 साल में जीती हुई सीटों पर ज्यादा फोकस

18 और 19 मार्च को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में अखिलेश ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट को लेकर मंथन किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीते 20 साल में जिन लोकसभा सीटों को सपा ने पहले जीता था। उन्हीं सीट को दोबारा जीतने का टारगेट रखा गया है। फोकस ओबीसी वोट बैंक पर होगा। उन सीटों को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर मंथन हुआ

पॉइंट 2 : सॉफ्ट हिंदुत्व के सहारे BJP पर हमला

अखिलेश कोलकाता में कालीबाड़ी मंदिर गए। इस्कॉन मंदिर में कृष्ण भगवान की पूजा की। इसकी तस्वीरें सपा मीडिया सेल से जारी हुईं। ये संकेत था अखिलेश का सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ बढ़ते कदमों का। BJP अखिलेश समेत दूसरे नेताओं को चुनाव के समय ही मंदिर जाने को लेकर घेरती आई है। इसलिए, अखिलेश की मंदिर में पूजा करते हुए फोटो प्रसारित की गई।

पॉइंट 3 : OBC आरक्षण, जाति जनगणना का मुद्दा

अखिलेश लगातार यूपी में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग कर रहे हैं। यूपी में 52% OBC वोट बैंक हैं। OBC बसपा से छिटकने के बाद BJP की तरफ ट्रांसफर हुआ। 2017 के चुनाव से पहले कई OBC के बड़े नेता सपा से टूटकर BJP में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव में OBC फैक्टर का प्रमाण उत्तर प्रदेश में सबसे पहले भाजपा ने दिखाया। बीते दो बार लोकसभा और 2 विधानसभा के चुनाव परिणाम में OBC वोट बैंक की भूमिका के साथ अखिलेश यह समझ चुके हैं कि नॉन यादव OBC वोट बैंक को साथ लेकर चलने से ही भाजपा को टक्कर दी जा सकती है। अखिलेश लगातार जातीय जनगणना और आरक्षण को लेकर भाजपा सरकार पर हमलावर हैं।

पॉइंट 4 : मैनपुरी फार्मूला पर 50 सीट जीतने की प्लानिंग

मैनपुरी लोकसभा सीट में जिस चुनाव प्रबंधन के साथ सपा ने चुनाव लड़ा था। उसी तरीके से सभी जिलों में और लोकसभा में टीम गठन किए जाने का लक्ष्य अप्रैल अंतिम तक निर्धारित किया गया है। सपा के सूत्र बताते हैं कि जिले की सभी कार्यकारिणी और समाजवादी पार्टी के सभी विंग अप्रैल के आखिरी तक गठन किए जाने का निर्णय हो चुका है। पार्टी मैनपुरी फार्मूले के आधार पर लोकसभा की 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

पॉइंट 5 : कांग्रेस से दूरी, छोटे दलों के साथ रहना मजबूरी

अखिलेश लगातार कांग्रेस और BJP पर हमला बोल रहे हैं। अखिलेश ने BJP के मजबूत होने की वजह कांग्रेस को बताया है। फिलहाल, पार्टी के सूत्र बता रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से दूरी ही पार्टी के लिए बेहतर है। वही, छोटे दलों को साथ लेकर चलना अखिलेश की मजबूरी हैं। आरएलडी के साथ पश्चिमी मोर्चे को संभालने की भी तैयारी है।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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