राजस्थान में मुफ्त दवा योजना, कोख के कातिलों को पकड़वाने और स्कूली बच्चों को मुफ्त चप्पल बांटने जैसे अभियान चलाने वाले चर्चित अफसर लीक से हटकर भी काम कर रहे हैं। सरकार से लाखों रुपए सैलरी पाने वाले अफसर ये काम मुफ्त में करते हैं ताकि लोग अवेयर हो सकें। सरकारी कामकाज से समय निकाल कर कोई IAS घर के बगीचे में बैंगन-पपीते उगाने की ट्रेनिंग दे रहा है तो कोई IFS अफसर जंगलों में जाकर जड़ी-बूटियां तलाश कर उनके साइंटिफिक उपयोग बता रहा है।
एक IAS के कैंपेन से तो 10 लाख से ज्यादा बच्चे जुड़ चुके हैं। वहीं, एक IAS ऐसे भी हैं जो तीज-त्योहारों और अध्यात्म पर सबसे अनोखी जानकारियां शेयर करते हैं, साथ ही राजस्थानी स्टाइल में रोटियां बनाना भी सिखाते हैं।
एक IAS तो अपनी डॉक्टरी नॉलेज से लोगों को टिप्स देते हैं कि साइकिल चलाकर हार्ट सर्जरी की नौबत से कैसे बचा जाए। वहीं, एक IPS युवाओं को घुड़सवारी की ट्रेनिंग देकर इरादे मजबूत करना सिखाते हैं।
भास्कर ने आपके लिए ऐसे ब्यूरोक्रेट्स से बातचीत की और अफसरों के उन पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की है, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं..
मोटी-मोटी रोटियां बना रहा ये शख्स है IAS
आईएएस डॉ. कृष्ण कांत पाठक राज्य सरकार के वित्त विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर नियुक्त हैं। कैलाश मानसरोवर (चीन) की कठिनतम यात्रा कर चुके हैं और जयपुर स्थित अरावली के पहाड़ों सहित हिमालय क्षेत्र के बहुत से स्थानों पर ट्रेकिंग कर चुके हैं।
ट्रेकिंग के दौरान आने वाली समस्याओं, वहां खाना (रोटी-सब्जी) बनाने के तरीकों सहित विचार-लेखन के बहुत से विषयों पर उनके वीडियो युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं। पिछले साल हिमालय की पहाड़ियों में राजस्थानी स्टाइल में बड़ी-बड़ी रोटियां बनाने का एक ट्यूटोरियल भी पोस्ट किया था।
वे प्रत्येक भारतीय पर्व-त्योहार पर फेसबुक पर आध्यात्मिक पौराणिक महत्व की पोस्ट लिखते हैं। उनकी पोस्ट आम तौर पर ऐसी होती है, जिसमें सबसे अनोखी जानकारी होती है।
उनके साथ कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले एवरेस्ट पर्वतारोही गौरव शर्मा का कहना है कि उनके आध्यात्मिक संदेश युवाओं को निराशा से उबरने में सहायक हैं।
आईएएस पाठक ने बताया कि युवाओं में संभावनाएं अपार हैं, लेकिन विचलन (भटकाव) भी सर्वाधिक उन्हीं में है। ऐसे में भटकाव को रोकने के लिए अध्यात्म की गहन आवश्यकता है।
100 से ज्यादा कोख के कातिलों के पकड़वाने वाले IAS का दूसरा कैंपेन, 10 लाख से ज्यादा की ट्रेनिंग
पंचायतीराज विभाग के सचिव IAS नवीन जैन ‘स्पर्श’ नाम से एक कैंपेन चला रहे हैं। इसके तहत वे पिछले 5 साल में सैंकड़ों स्कूल-कॉलेज, कोचिंग इंस्टीट्यूट में 10 लाख से ज्यादा बच्चों, किशोरों व युवाओं को गुड टच बैड टच के बारे में जानकारी दे चुके हैं।
जैन के अनुसार जब बच्चों को ये पता होगा कि किसी ने उन्हें गलत नीयत से छुआ है, तो वो शिकायत कर पाएंगे।
स्पर्श कार्यक्रम को IAS जैन फेसबुक पर इतना लोकप्रिय बना चुके हैं कि अब प्रदेश के लगभग हर स्कूल-कॉलेज में साल में एक बार यह कार्यक्रम अवश्य होने लगा है।
अगस्त 2019 से स्पर्श कार्यक्रम से जुड़ी हुई जूलॉजी की प्रोफेसर रीना व्यास मिश्रा ने बताया कि बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए स्पर्श अभियान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पपीता-बैंगन-टमाटर उगाना सिखा रहे ये IAS अफसर
आईएएस अफसर बनने से पहले डॉ. समित शर्मा एमबीबीएस और एमडी की मेडिकल डिग्रियां हासिल कर चुके थे। वे इन दिनों सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को संभाल रहे हैं, लेकिन दो ऐसे काम भी करते हैं जो उनकी ड्यूटी का हिस्सा नहीं है।
डॉ. शर्मा बहुत से वॉट्सऐप ग्रुप और फेसबुक पोस्ट में साइकिलिंग और वॉक करने के बारे में टिप्स लिखते हैं। उनके अनुसार हर हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की मीडियम एक्सरसाइज या 75 मिनट की जोरदार गतिविधि सभी को करनी ही चाहिए। डॉ. शर्मा अपनी पोस्ट या ब्लॉग के आखिर में खुद के नाम के आगे आईएएस लिखने के बजाए डॉ. (एमडी) का उल्लेख करते हैं। बहुत से ऐप और गैजेट्स की जानकारी भी अपने ब्लॉग-पोस्ट में देते हैं, जिनसे हार्ट, ब्लड सर्कुलेशन, कैलोरी बर्निंग, फैट आदि की जानकारी भी लोगों को मिलती है।
बीज बचाना, उनसे घर में सब्जियां उगाना भी कैंपेन
डॉ. शर्मा ने एक मिशन सोशल मीडिया पर शुरू किया था हर बीज को बचाने का। वे अपने घर में जो भी फल-सब्जी लाते हैं, उनके बीजों को फेंकते नहीं बल्कि अपने बगीचे में उन्हें उगाकर पौधा बनाते हैं। पिछले 15 वर्षों में वे लगभग करीब 15,000 पौधे (उन्हीं बीजों से बने हुए) लोगों को फ्री बांट चुके हैं।
इनमें टमाटर, चीकू, मिर्ची, बैंगन, पपीता, अनार, नींबू, पुदीना, धनिया तक शामिल हैं। चित्तौड़गढ़ के एक शख्स तो डॉ. शर्मा से एक पौधा लेकर उसके 100 से ज्यादा पौधे तैयार कर बांट चुके हैं। वे गांधीनगर स्थित सरकारी आवास में इन दिनों करीब 1000 पौधे तैयार कर रहे हैं, जिनकी देखभाल भी खुद ही कर रहे हैं।
ये हैं फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के सबसे बड़े अधिकारी, जंगलों में घंटों तलाशते हैं जड़ी-बूटियां
राजस्थान में भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के सबसे बड़े अफसर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) दीप नारायण पांडे पिछले 35 वर्षों से जंगलों की सेवा कर रहे हैं। वे वाइल्ड लाइफ पर पीएचडी भी कर चुके हैं। रोजाना जगलों में ही सैर सपाटा करते हैं। वहां घंटों बिताते हैं। डेली 2 से 3 पोस्ट फेसबुक पर लिखते हैं, जिनका विषय केवल आयुर्वेद और फिटनेस होता है।
जंगलों में बहुतसी जड़ी-बूटियां ढूंढकर उनसे बनने वाली औषधियों की जानकारी देते हैं। साथ ही रोगों से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय भी सुझाते हैं। उन उपायों से संबंधित रिसर्च, मेडिकल स्टडी, क्लिनिकल रिजल्ट्स आदि भी सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। वे साइक्लिंग और दौड़ने के फोटो-वीडियो शेयर कर उसके फायदे भी बताते हैं।
हाल ही में जंगल, आयुर्वेद, वनस्पति और उसके अनुभव पर पांडे ने एक बुक घर से वन तक भी पब्लिश की है। पांडे ने भास्कर को बताया कि आयुर्वेद और जंगलों का गहरा संबंध है। बिना जंगल आयुर्वेद कहां से आएगा। औषधियां कहां से आएंगी।
फरियादियों से मारवाड़ी में बात करने वाले कलेक्टर
अलवर के कलेक्टर आईएएस डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी सोशल मीडिया पर राजस्थानी भाषा का खूब प्रचार करते हैं। राजस्थानी भाषा में कविताएं व कहानियां खूब पोस्ट करते हैं। वे राजस्थानी भाषा स्वयं बोलते-लिखते भी हैं। उनके फेसबुक पेज और ट्विटर एकाउंट पर हजारों लोग फॉलोअर्स हैं।
डॉ. सोनी ने बताया कि जब जर्मनी के लोग जर्मन भाषा में और रूस, जापान, फ्रांस के लोग भी अपनी ही मातृभाषा में तरक्की कर सकते हैं, तो हिन्दी और राजस्थानी भाषा वाले क्यों नहीं। राजस्थानी लोगों को भी गर्व से इस भाषा का उसी तरह से प्रयोग करना चाहिए जैसे मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, तमिल, तेलगु भाषी लोग करते हैं। बहुत सारे कार्यक्रम में भी मारवाड़ी भाषा में स्पीच देते हैं।
युवाओं को घोड़े को कंट्रोल करना सिखा रहा ये IPS
आईपीएस अफसर रूपिंदर सिंह फिलहाल अजमेर रेंज के आईजी हैं। वे घुड़सवारी को पुलिस के जवानों से लेकर आम युवाओं के बीच लोकप्रिय बना रहे हैं। अजमेर पुलिस लाइन में उन्होंने अस्तबल और यार्ड तैयार करवाया है, जहां बच्चे व किशोर भी ट्रेनिंग ले रहे हैं। वे स्कूल-कॉलेज के कार्यक्रमों में भी बच्चों को घुड़सवारी के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
पुष्कर (अजमेर) में होने वाले अश्व मेले और हॉर्स शो को उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंचाया। हॉर्स शो में भाग लेने वाले स्टड फार्म के ऑनर राजेश टंडन ने भास्कर को बताया कि आईजी सिंह ने तारागढ़ तक घुड़सवारी से पेट्रोलिंग करने से लेकर पुस्कर मेले की व्यवस्थाओं में घोड़ों का उपयोग कर इस क्षेत्र में पर्यटन व रोजगार को भी आगे बढ़ाया है।
सिंह के साथ अक्सर घुड़सवारी करने वाले एडिशनल एस. पी. राजेश चौधरी ने भास्कर को बताया कि स्कूल-कॉलेजों में अब घुड़सवारी का क्रेज बढ़ रहा है। इसका फायदा युवाओं को उनकी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में सहायक होगा।
सबसे अनदेखा राजस्थान सामने ला रहा एक IAS
राजस्थान की सबसे अनोखी वाइल्ड लाइफ देखनी है तो लोग IAS अफसर शिखर अग्रवाल के सोशल मीडिया हैंडल को फॉलो करते हैं। वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर कार्यरत शिखर अग्रवाल राजस्थान में रेगिस्तान, महल व किलों के अलावा जंगल टूरिज्म क्या हो सकता है, इसकी जानकारी लोगों को देते हैं।
वन विभाग की कमान संभालने पर अग्रवाल ने अपने फेसबुक अकाउंट से राजस्थान की वाइल्ड लाइफ को फेसलिफ्ट करने का आइडिया शुरू किया था। पिछले एक साल में अग्रवाल ने कई वीडियो और फोटो अपने फेसबुक पर पोस्ट किए हैं, जिन्होंने राजस्थान के जंगलों में पर्यटकों को खींचने का काम किया है।
अग्रवाल ने धूप सेंकते मगरमच्छ, शिकार करते टाइगर, अनूठी प्रजातियों के खिले हुए फूल, अरावली की वादियों में छिपे झरने, पहाड़ी पर घूमते पैंथर को अपनी पोस्ट का विषय बनाया है। इन पोस्ट्स और वीडियो को कुछ डॉक्युमेन्ट्रीज में शामिल किया गया है। हाल ही अग्रवाल ने सरिस्का में रणथंभौर से स्थानांतरित किए गए बाघ के वीडियो को भी शेयर किया था।
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट रविंद्र सिंह तोमर का कहना है कि पर्यटकों के लिए इससे बेहतरीन मार्केटिंग सरकार और क्या करेगी कि टाइगर जंगल में कैसे रहता है, हिरण कैसे शिकार होने से खुद को बचाता है जैसे दृश्य पर्यटकों को देखने को मिल रहे हैं।