जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आज ब्राह्मण महापंचायत बुलाई गई है। महापंचायत में ब्राह्मण सीएम की मांग उठी। कांग्रेस-बीजेपी से 30-30 टिकट बाह्मण समाज को देने की मांग की गई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत कई नेताओं ने संबोधित किया। महापंचायत में देशभर के ब्राह्मण समाज के लोग शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे। भीड़ अधिक होने से मंच के बाईं तरफ की रेलिंग टूट गई। भीड़ वीआईपी पांडाल में घुसने की कोशिश में थी।
महापंचायत में कई समाजों के नेता जुटे। ब्राह्मण समाज के जनप्रतिनिधियों के अलावा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, गोलमा देवी सहित कई समाजों के नेता महापंचायत में पहुंचे।आयोजकों के अनुसार महापंचायत में चिंतन और मनन करके समाज के भविष्य की योजनाओं पर निर्णय किया गया।
जानिए- महापंचायत में कौन क्या बोला
अश्विनी वैष्णव बोले- भगवान परशुराम पर डाक टिकट जारी होना आपकी एकता का प्रतीक
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जो एकता आपने दिखाई, इस एकता को ऐसा ही हमेशा बनाए रखना। आज ऐतिहासिक काम यह हुआ है कि भगवान परशुराम पर डाक टिकट जारी हुआ है, यह सब आप की एकता का परिणाम है।
हमारी यह एकता राष्ट्र के निर्माण में और अधर्म को दूर करने में लगेगी। आप लोग धर्म को धारण करने वाले हो, आप धर्म की रक्षा करने वाले हो। परशुरामजी ने भगवान शिव से विराट तपस्या के बाद धर्म की रक्षा के लिए फरसा प्राप्त किया था। सब में यही ऊर्जा और एकता रहनी चाहिए। मैं आपका भाई हूं। आप मुझे कभी सर मत बोलना। मुझे कभी अश्विनी जी मत बोलना, मुझे केवल अश्विनी भाई बोलना।
राजस्थान के 82 रेलवे स्टेशन वर्ल्ड क्लास बनेंगे
रेल मंत्री ने कहा कि राजस्थान को आज से 10 साल पहले 600 करोड़ मिलते थे। अब राजस्थान को 9532 करोड़ का अनुदान रेलवे से मिल रहा है। राजस्थान के 82 रेलवे स्टेशनों का वर्ल्ड क्लास स्टेशन के तौर पर निर्माण किया जाएगा।
इनमें आबू रोड, अजमेर, अलवर ,आसलपुर ,जोबनेर, बालोतरा ,बांदीकुई, बारां, बाड़मेर, ब्यावर,भरतपुर, भवानी मंडी, भीलवाड़ा, विजयनगर, बीकानेर, बूंदी, चंदेरिया, छबड़ा, चित्तौड़गढ़ जंक्शन, चूरू ,रतानिया कला, देशनोक, डेगाना, डीडवाना, फालना,फतहनगर, गांधीनगर जयपुर, फतेहपुर शेखावाटी, गंगापुर सिटी शामिल है।
घनश्याम तिवाड़ी बोले- मंदिरों पर केवल हिंदुओं का अधिकार हो
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण में वह सारे लाभ मिलने चाहिए जो दूसरे आरक्षण में मिलते हैं। हमारे जितने भी सनातन धर्म के मंदिर और धर्म स्थान हैं, उन मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में करने का अधिकार नहीं हो। जो हमारे मंदिर सरकारों के कंट्रोल में है,वे मंदिर समाज को वापस लौटाए जाएं। जिस प्रकार वक्फ बोर्ड है उसी तर्ज पर हिंदू रिलिजियस एक्ट होना चाहिए। मंदिरों पर केवल हिंदुओं का अधिकार होना चाहिए।
सांसद सीपी जोशी बोले- खुद के समाज की बुराई नहीं करें
चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने कहा कि कोई भी धर्म में अगर हमारी बहन-बेटी के साथ गलत बर्ताव करता है तो ब्राह्मण समाज को उठ खड़ा होना चाहिए। खुद के समाज के लोगों की आलोचना और उनकी टांग खींचना बंद करें। गरीब की बेटी की मदद करें।
बोहरा ने कहा- महापंचायत ने कम आंकने वालों को दिया जवाब
जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि विप्र समाज को पहले कम करके आंका जाता था। आज की इस महापंचायत ने उनको जवाब दे दिया। आर्थिक दृष्टि से ब्राह्मण भले ही पिछड़ा हो सकता है, लेकिन सांस्कृतिक रूप से उसने एकता का काम किया है।
कांग्रेस नेता भारद्वाज ने कहा- आज नहीं चेते तो कभी नहीं चेतेंगे
ब्राह्मण महापंचायत के आखिर में ब्राह्मण समाज से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग भी उठी। कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज ने ब्राह्मण सीएम की मांग उठाई । भारद्वाज ने कहा- पिछले दिनों यहीं पर एक समाज ने हुंकार भरी थी और बड़े-बड़े नेताओं ने कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री चाहिए। तो मैं कहता हूं ब्राह्मणों में कोई कमी है क्या?
राजस्थान में अगर किसी जाति की सबसे ज्यादा जनसंख्या है तो वह ब्राह्मणों की है। दोनों पार्टियों के नेता यहां पर आए थे, मैं कहना चाहता हूं जब तक हम लोग राजनीति में आगे नहीं बढ़ेंगे तब तक ब्राह्मणों का भला नहीं होने वाला है ।
भारद्वाज ने कहा कि दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं को निवेदन करता हूं कि हमें 30 -30 टिकट चाहिए । कांग्रेस-बीजेपी से कुल 60 टिकट चाहिए। कोई जमाना था जब 60-60 MLA हुआ करते थे, आज सिमटकर हमारे 17 एमएलए आ चुके हैं। समाज आज नहीं चेतेगा तो कभी नहीं चेतेगा।
मंच पर सिर्फ संत महात्माओं को ही जगह
विप्र सेना प्रमुख सुनील तिवारी ने बताया कि महापंचायत के दौरान मंच पर सिर्फ संत महात्माओं को ही जगह दी गई। इस दौरान दो हेलिकॉप्टर से पूरे जयपुर शहर में पुष्प वर्षा की गई।
दरअसल, राजस्थान में ब्राह्मण समाज की 85 लाख से ज्यादा आबादी है। 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर सवर्ण वोट बैंक के चलते हार-जीत का फैसला होता है। राजस्थान में कुल 200 विधायकों में से 18 विधायक ब्राह्मण समाज से आते हैं। ऐसे में राजनीतिक हाशिए से फिर से मुख्यधारा में आने के लिए ब्राह्मण समाज ने शक्ति प्रदर्शन किया।