मेरठ में रविवार को मोहन भागवत के कार्यक्रम में एक महिला रोते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के पास पहुंची। महिला ने कहा, मेरे पति RSS कार्यकर्ता थे। पुलिस कस्टडी में उनकी हत्या कर दी गई। इसमें विधायक का हाथ भी है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मंत्री ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर महिला को शांत कराया। इसके बाद महिला घर लौट गई। मोहन भागवत भारतीय किसान संघ की राष्ट्रीय स्तर की कृषि प्रदर्शनी में शामिल होने आए थे।
महिला का नाम अंजना चौहान है। वह हाथरस के विसाना की रहने वाली है। रविवार को मोहन भागवत जंबूद्वीप में चल रहे कृषि संगम में किसानों को संबोधित कर रहे थे। मोहन भागवत भाषण खत्म कर मंच से उतरकर हॉल से बाहर निकले तभी, एक महिला रोते हुए वहां पहुंच गई। वह कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के सामने रोने लगी।
RSS प्रमुख के पास आकर भी न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लूंगी
महिला ने कहा, मेरे पति राजकुमार सिंह चौहान 25 सालों तक संघ के कार्यकर्ता रहे। हाथरस में वो खंड संयोजक के दायित्व पर थे। लेकिन 16 मई 2022 की रात मेरे पति की हत्या हो गई। लखनऊ जनता दरबार में शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मुझे और मेरे बच्चों को जान से मारने की धमकी मिल रही है।
महिला ने कहा, मेरे बच्चे का हाथ पैर टूट जाए। कुछ हो जाए तो मैं क्या करूंगी। मैं तो पति से भी हाथ धोकर बैठी हूं। मेरे बच्चे को कुछ हो गया तो मैं जिंदा नहीं रह पाऊंगी। बस मुझे न्याय चाहिए। न्याय के लिए घूम रही हूं। मंत्री के पास भी आई हूं। RSS प्रमुख के पास आकर भी न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लूंगी।
मेरे पति को पूरी रात पीटकर टॉर्चर किया गया
महिला ने कहा, इस पूरे प्रकरण में स्थानीय विधायक का हाथ है। मुझसे झूठ बोला गया कि मेरे पति को अटैक पड़ गया। मेरे पति को पूरी रात पीटकर टॉर्चर किया गया। मेरी विधायक से कोई लड़ाई नहीं थी। विधायक ने पूरी रात मुझे घर से निकलने नहीं दिया। लखनऊ शिकायत करने गई तो केशव प्रसाद मौर्य ने झूठा आश्वासन देकर भगा दिया।
महिला ने आगे बताया, प्रभारी निरीक्षक चतर सिंह राजोरा, एसआई सर्वेश कुमार और अन्य पुलिसकर्मी नामजद अभियुक्त हैं इसलिए अभी तक न जांच आगे बढ़ी है न कोई एक्शन हुआ। केस के विवेचक थाना कोतवाली इगलास जिला अलीगढ़ हैं। वो भी निष्पक्ष जांच नहीं कर रहे हैं।
मामला क्या है, अब इसे पढ़िए...
RSS कार्यकर्ता की पुलिस कस्टडी में हुई थी मौत
दरअसल, 16 मई को बिसाना गांव में RSS कार्यकर्ता राजकुमार का गांव के एक युवक के साथ पेशाब करने को लेकर विवाद हो गया। विवाद के दौरान युवक ने राजकुमार की पिटाई कर दी। वहीं, युवक के साथ आए 16-17 लोगों ने फायरिंग भी की। इस बीच एक गोली राजकुमार के पैर में लग गई। पुलिस दोनों को थाने लेकर आ गई।
देर रात तबीयत बिगड़ने पर राजकुमार को अस्पताल लाया गया। इलाज के बाद पुलिस राजकुमार को वापस थाने ले आई। अगले दिन सुबह तबीयत फिर खराब हो गई। पुलिस राजकुमार को अस्पताल लेकर गई, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाकर हंगामा किया।
थानेदार समेत 8 लोगों पर दर्ज हुआ था हत्या का केस
परिवार के लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस राजकुमार को अस्पताल की जगह थाने लेकर गई। इसकी वजह से उसकी मौत हो गई। पुलिस पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके बाद कोतवाली चंदपा प्रभारी चतर सिंह राजोरा, एसआई सर्वेश कुमार और 1 अन्य पुलिसकर्मी के खिलाफ परिजनों की तहरीर पर हत्या और मारपीट में मुकदमा दर्ज किया गया। जबकि आकाश, विजय, ओमवीर, भोला और भूपे पर भी केस दर्ज किया गया। ये सभी राजकुमार के पड़ोसी हैं।
4 पुलिसकर्मी सस्पेंड, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
लापरवाही बरतने पर SP विकास वैद्य ने थाना प्रभारी चतर सिंह राजौरा, दरोगा त्रिवेन्द्र सिंह, कांस्टेबल अश्वनी सिरोही और कांस्टेबल रमन यादव को निलंबित कर दिया था। चारों के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश भी दिया था। इसी मामले को लेकर मृतक की पत्नी ने आज हंगामा किया है।