ब्रिटेन, कनाडा और आस्ट्रेलिया में खालिस्तानी तत्वों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। हाल में खबरें आईं कि कनाडा और आस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया, आस्ट्रेलिया में भारत के एक कॉन्सुलेट को बंद कराने का प्रयास किया गया और अब लंदन में खालिस्तानी झंडे लहराते हुए और खालिस्तानी समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे को रविवार शाम उतारने का प्रयास किया। भारत ने इन घटनाओं का कड़ा संज्ञान लिया है। हाल में भारत के दौरे पर आये ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि भारत विरोधी गतिविधियों के मामले में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए वहीं लंदन की घटना पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा बयान भी जारी किया है और ब्रिटिश राजनयिक को तलब कर खरी-खरी भी सुना दी है। इस बीच, लंदन में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों का प्रयास नाकाम रहा और तिरंगा शान से लहरा रहा है।
हम आपको बता दें कि टूटी हुई खिड़कियों और ‘इंडिया हाउस’ की इमारत पर चढ़ने वाले लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। घटनास्थल के वीडियो में एक भारतीय अधिकारी उच्चायोग की पहली मंजिल की खिड़की से एक प्रदर्शनकारी से झंडा पकड़ता हुआ दिख रहा है, जबकि प्रदर्शनकारी खालिस्तान का झंडा लहराता दिख रहा है। लंदन पुलिस ‘स्कॉटलैंड यार्ड’ ने कहा कि उसे इलाके में हुई एक घटना की जानकारी मिली है लेकिन उसने अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। बताया जा रहा है कि पंजाब में खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के बीच प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस, तथाकथित ‘‘जनमत संग्रह 2020’’ आयोजित कर रहा है।
इस बीच, भारत ने रविवार रात दिल्ली में सबसे वरिष्ठ ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया और एक विरोध प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान समर्थक अलगाववादी तत्वों द्वारा लंदन में भारतीय उच्चायोग में भारतीय ध्वज को उतारे जाने के प्रयास वाला वीडियो सामने आने के बाद ‘‘सुरक्षा व्यवस्था की गैरमौजूदगी’’ पर स्पष्टीकरण मांगा। विदेश मंत्रालय ने एक कड़े बयान में कहा कि भारत को ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन सरकार की बेरूखी देखने को मिली है, जो अस्वीकार्य है। सूत्रों ने कहा कि ब्रिटिश उप उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट को घटना के मद्देनजर विदेश मंत्रालय में तलब किया गया क्योंकि उच्चायुक्त एलेक्स एलिस दिल्ली से बाहर हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘लंदन में भारतीय उच्चायोग के खिलाफ अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा की गई कार्रवाई पर भारत का कड़ा विरोध जताने के लिए नयी दिल्ली में ब्रिटेन की वरिष्ठ राजनयिक को रविवार देर शाम तलब किया गया।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘ब्रिटेन से सुरक्षा व्यवस्था की गैरमौजूदगी के लिए स्पष्टीकरण की मांग की गई, जिससे ये तत्व उच्चायोग परिसर में दाखिल हुए।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजनयिक को वियना संधि के तहत ब्रिटेन सरकार के बुनियादी दायित्वों की याद दिलाई गई। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत को ब्रिटेन में भारतीय राजनयिक परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा के लिए ब्रिटेन सरकार की बेरूखी देखने को मिली है, जो अस्वीकार्य है।’’
मंत्रालय ने घटना में शामिल लोगों की पहचान करने, उन्हें गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि ब्रिटेन सरकार आज की घटना में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की पहचान, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने के लिए तत्काल कदम उठाएगी तथा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएगी।’’ उधर, एलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग परिसर और वहां के लोगों के खिलाफ आज के घृणित कृत्यों की निंदा करता हूं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’ इस बीच, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लंदन में हुई घटना पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन राहुल गांधी के लंदन में दिये गये भाषण के दौरान उस बयान पर जरूर ऐतराज जताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। यहां बाइट लग जायेगी।