राजस्थान विधानसभा ने सोमवार को ध्वनि मत से राज्य का वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पारित कर दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में 19 नए जिले और तीन नए संभाग बनाने की घोषणा की। उन्होंने अविलंब कार्यान्वयन के लिए पहले चरण में बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया। उन्होंने कहा कि 2023-24 के बजट में 1,018 घोषणाएं की गई, जिनमें से 250 घोषणाओं की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। जनघोषणापत्र के 80 प्रतिशत वायदे पूरे किए जा चुके हैं तथा लगभग 16 प्रतिशत पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि चिरंजीवी, उड़ान, सामाजिक सुरक्षा, निःशुल्क राशन, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों से राजस्थान आज आदर्श राज्य बन गया है। गहलोत ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के बढ़े हुए 25 लाख रुपये के पैकेज को 30 मार्च से शुरू करने की भी घोषणा की। पहले पैकेज की सीमा 10 लाख रुपये प्रति परिवार थी। गहलोत ने शुक्रवार को वित्त विनियोग विधेयक (बजट) पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रभावी, पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन देना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है।
राज्य सरकार ने विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है और ऐसे में हर गांव और ढाणी में ये योजनाएं पहुंचती हैं, इसके लिए जिला स्तर पर पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है और कुछ स्थानों की जिला मुख्यालय से दूरी 100 किलोमीटर से अधिक है इसलिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गहलोत ने कहा, ‘‘छोटे जिलों से प्रभावी प्रशासन, प्रबंधन और कानून व्यवस्था पर नियंत्रण आसान हो जाता है। देश के विभिन्न राज्य नए जिले बनाने में आगे रहे हैं और हाल ही में पश्चिम बंगाल ने सात नये जिले बनाये हैं इसलिए राज्य के भीतर नए जिले बनाने की मांग थी।’’ मुख्यमंत्री गहलोत ने अनूपगढ, बालोतरा, ब्यावर, डीग डीडवाना, कुचामनसिटी, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पश्चिम, केकडी, कोटपूतली, खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूंबर, सांचौर, शाहपुरा-भीलवाडा को नये जिले बनाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि 19 नये जिलों के बाद प्रदेश में कुल 50 जिले हो जायेंगे। इन सभी का प्रदेश मुख्यालय से संपर्क संभागीय मुख्यालयों के माध्यम से होता है इसलिये इस प्रबंध को सुदृढ़ करने की दृष्टि से प्रदेश में तीन नये संभाग बांसवाड़ा, पाली, और सीकर बनाने की घोषणा की है। उन्होंने 75 साल से ज्यादा उम्र के राज्य पेंशनभोगियों की पेंशन में 10 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों को पेंशन राशि में वृद्धि का लाभ प्राप्त होता है। आयु बढ़ने के साथ ही अतिरिक्त वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों को पेंशन राशि में मूल पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ते की घोषणा की है।’’ गहलोत ने उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर जयपुर के गोविंददेव जी मंदिर में कॉरिडोर बनाने घोषणा की और इस कार्य के लिये 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
उन्होंने पुष्कर, त्रिपुरा सुंदरी, सांवलियाजी, सालासर, खोले के हनुमान मंदिर, तनोट माता, श्रीनाथ जी, कैला देवी वीर तेजाजी, एकलिंग जी जैसे प्रसिद्ध मंदिरों के विकास के लिये डीपीआर बनाने की घोषणा की। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक अमीन खां को 2022 और अनिता भदेल को 2023 का सर्वश्रेष्ठ विधायक घोषित किया है। इन विधायकों को 20 मार्च को सम्मानित किया जायेगा। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे इसका विरोध करते रहे हैं लेकिन ओपीएस बंद नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव से पहले प्रधानमंत्री को भी ओपीएस पर कुछ फैसला लेना होगा क्योंकि कर्मचारियों द्वारा कई जगहों पर धरना दिया जा रहा है। राज्य द्वारा ओपीएस को वापस लाने का निर्णय मानवीय आधार पर लिया गया है। गहलोत ने कहा, “प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ओपीएस का विरोध कर रहे हैं लेकिन यह बंद नहीं होगा और हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। ओपीएस को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।
पक्षपात क्यों है, ओपीएस का लाभ सेना और वायु सेना को दिया जाता है, लेकिन सीआरपीएफ और अन्य को नहीं। उन्होंने राज्य के बजट की सराहना करते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदन और जनता को गुमराह कर रही है। वहीं, भाजपा ने राज्य के बजट को गुमराह करने वाला और चुनावी बजट करार दिया। गहलोत ने कहा कि यह सरकार का पांचवां बजट है, जिसमें कोई नया कर नहीं है।
उन्होंने कहा कि बजट में जनता ने विशेष रूप से चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, शहरी मनरेगा, 500 रुपये का गैस सिलेंडर, उड़ान और ओपीएस की सराहना की है। इससे पहले राज्य के बजट की आलोचना करते हुए विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड ने कहा, ‘‘पिछले चार साल से आपसी कलह झेल रही सरकार ने अपना आखिरी बजट पेश कर दिया है लेकिन यह बजट धरातल पर नहीं आएगा क्योंकि यह अव्यावहारिक है और चुनावों को देखते हुए गुमराह करने वाला है।