मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को काले झंडे दिखाने पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से लगातार दूसरे दिन गांधीनगर पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने भजन और रामधुनी गाकर पुलिस की सद्बुद्धि की कामना की।
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि 48 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत गया है। लेकिन अब तक बेकसूर कार्यकर्ताओं को कोर्ट में भी पेश नहीं किया गया है। वहीं पुलिस उन्हें फंसाने के लिए झूठी धाराएं लगा रही है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर आज एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को नहीं छोड़ा गया। तो शुक्रवार से प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने कहा कि कल भी हमने शांतिप्रिय तरीके से गांधीनगर पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शन किया था। लेकिन बावजूद इसके पुलिस हमारी वाजिब मांगों को नहीं मान रही। बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को जेल में डाला जा रहा है। उनके खिलाफ झूठी धाराएं लगाकर उन्हें कोर्ट में भी पेश नहीं किया गया है। ऐसे में अगर जल्द से जल्द एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, तो सरकार को एबीवीपी के कार्यकर्ता इसका करारा जवाब देंगे।
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने वीरांगनाओं पर हो रहे अत्याचार पेपर लीक और राजस्थान में बढ़ते अपराध के खिलाफ मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए थे। लेकिन राजस्थान सरकार इन सभी मुद्दों पर कोई एक्शन लेने की बजाय। युवाओं को ही जेल में डाल रही है। जो पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। ऐसे में अगर युवाओं को जल्द से जल्द जेल से नहीं छोड़ा गया। तो हम 21 मार्च को उग्र आंदोलन करेंगे। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
दरअसल, राजस्थान यूनिवर्सिटी (RU) के बाहर मंगलवार दोपहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्र अचानक सीएम गहलोत के काफिले के सामने आ गए। छात्रों के हाथों में काले झंडे थे और वे नारेबाजी करने लगे। वहां हंगामा होता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारी छात्रों को खदेड़ा।
पुलिस ने ABVP की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष भारत भूषण यादव, सचिव रोहित मीणा, देव पलसानिया, गुलजार मीणा समेत पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि ABVP राजस्थान इकाई के कार्यकर्ताओं ने वीरांगनाओं के सम्मान के मुद्दे को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया था।