लखनऊ में बुधवार को 11वीं क्लास की एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसका शव कमरे के अंदर दुपट्टे से लटका मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। पिता ने स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
आरोप लगाया कि प्रिंसिपल और शिक्षिका ने बेटी पर पेपर में नकल करने का न सिर्फ आरोप लगाया, बल्कि दोस्तों के सामने उसे प्रताड़ित भी किया। इससे आहत होकर बेटी ने जान दे दी। फिलहाल, पुलिस सभी एंगल पर जांच कर रही है। मामला रेडियो पुलिस कॉलोनी का है।
आरएलबी कॉलेज में पढ़ती थी छात्रा
मृतक छात्रा का नाम ईशा यादव (18) है। वह सर्वोदयनगर स्थित आरएलबी स्कूल में पढ़ती थी। मंगलवार को वह परीक्षा देने स्कूल गई थी। सब इंस्पेक्टर पिता प्रदीप के मुताबिक, दोपहर करीब 12 बजे टीचर रंजना सिंह ने कॉल किया। कहा कि ईशा नकल करते पकड़ी गई है। मैं ड्यूटी पर था, इसलिए पत्नी प्रेमलता को फोन कर स्कूल जाने को कहा। वह स्कूल पहुंची तो गार्ड ने कहा कि छुट्टी हो चुकी है। पर बेटी घर पर नहीं पहुंची थी। इस पर पत्नी भी घबरा गई और घर लौट गई।
प्रिंसिपल ने मुझसे भी बदसलूकी की: पिता
उन्होंने कहा कि इसके बाद मैं खुद ड्यूटी से बेटी के स्कूल पहुंचा। देखा तो बेटी क्लास के बाहर एक स्टूल पर बैठकर पेपर दे रही थी। इसके बाद मैं प्रिंसिपल के कार्यालय में गया। बेटी को बुलाया। जहां प्रिंसिपल ने बेटी के नकल करने की बात बताई। साथ ही बेटी को डांटा-फटकारा और मुझसे भी बदसलूकी की। इसके बाद मैं बेटी को लेकर घर आ गया।
स्कूल से आने के बाद बेटी उदास थी
पिता ने बताया कि घर पहुंचकर बेटी कुछ देर मां के साथ रही। वह उदास थी। फिर सोने की बात कहकर कमरे में चली गई। शाम 5.30 बजे पत्नी प्रेमलता बेटी को जगाने के लिए गई। पत्नी ने दरवाजा खटखटाया तो कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। इसके बाद उसने खिड़की से झांककर देखा तो बेटी ईशा का शव दुपट्टे से लटक रहा था। परिजन शव को उतारकर नजदीकी अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पिता प्रदीप कुमार ने RLB की टीचर रंजना सिंह और प्रिंसिपल पर बेटी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उनकी तहरीर पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, जल्द ही शिक्षिका व प्रिंसिपल के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
स्कूल का तर्क, नहीं किया गया अपमानित
RLB स्कूल के डायरेक्टर निर्मल टंडन का कहना है, स्कूल की प्रिंसिपल या शिक्षक पर छात्रा को उकसाने का आरोप गलत है। छात्रा नकल करते हुए पकड़ी गई थी और जब भी कोई भी स्टूडेंट नकल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उनके पैरेंट्स को बुलाकर उसकी जानकारी दी जाती है।
इसमें भी छात्रा के पैरेंट्स को बुलाकर नकल के बारे में बताया गया। साथ ही पैरेंट्स को यह भी समझाया गया कि वह इसके लिए छात्रा को डांटेंगे नहीं, यह होम एग्जाम है। इसमें सभी बच्चे पास हो जाते हैं। स्कूल में जो भी बात हुई है, वह CCTV कैमरे में हैं। पुलिस जांच में सारे रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जाएंगे।