नई दिल्ली: अगर आप Wi-Fi का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो हो सकता है कि आप अपने इंटरनेट प्रोवाइडर द्वारा दिया गया राउटर हो. कई लोगों के लिए यह सिस्टम सुविधाजनक है क्योंकि वे सेट-अप की माथापच्ची से बच जाते हैं और साथ में पैसे और समय की भी बचत हो जाती है. पर समस्या की शुरुआत तब होती है, जब नेटवर्क धीमा हो जाता है या फिर घर के कई हिस्सों में नेटवर्क नहीं मिलता. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोगों को राउटर के बारे में जरूरी जानकारी नहीं होती और वह बिना सोचे समझे कोई भी राउटर खरीद लेते हैं.
हालांकि, कुछ लोग तो धीमे नेटवर्क से समझौता कर सकते हैं पर ज्यादातर लोगों के लिए ऐसा करना मुश्किल होता है. वे अपनी सुविधा के अनुसार कई सिस्टमों पर इंटरनेट इस्तेमाल करना चाहते हैं, साथ में वे इंटरनेट स्पीड भी तेज चाहते हैं और घर के हर कमरे में इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहते हैं. ऐसे में आपको राउटर खरीदते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.
राउटर का वाई-फाई स्टेंडर्ड
सबसे पहले आपको यह देखना होगा कि राउटर किस वाई-फाई स्टेंडर्ड को सपोर्ट करता है. पुराने मॉडल पर 802.11 ‘b’ or ‘g’ का सपोर्ट मिलता है, जबकि नए राउटर्स ‘n’ को भी सपोर्ट करते हैं.802.11n स्टेंडर्ड पर आप 600Mbps की स्पीड से डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं, हालांकि कुछ 802.11n राउटर्स की टॉप स्पीड 300Mbps होती है. 802.11ac लेटेस्ट स्टेंडर्ड है. इस पर आपको 1.3Gbps का ट्रांसफर स्पीड मिलती है.
वैसे अभी बेहद ही कम मोबाइल फोन और लैपटॉप 802.11ac को सपोर्ट करते हैं. इसके अलावा यह टेक्नोलॉजी 802.11n की तुलना में काफी महंगी है. फिलहाल आप ‘n’ स्टेंडर्ड वाले राउटर पर भरोसा जता सकते हैं. भारत के इंटरनेट कनेक्शन के लिए यह काफी तेज है और साथ में सभी डिवाइसेज पर इसका सपोर्ट मिलता है और साथ में पैसों की बचत भी होती है.
राउटर की वायरलेस फ्रिक्वेंसी
राउटर की फ्रिक्वेंसी से यह निर्धारित करती है कि आपका नेटवर्क कितना पावरफुल है. राउटर के दो मुख्य स्टेंडर्ड हैं 2.4GHz और 5GHz. दोनों के बीच मुख्य अंतर रुकावट और रेंज का है. 2.5 GHz स्टेंडर्ड राउटर की तुलना में 5GHz स्टेंडर्ड राउटर में नेटवर्क तो बेहतर मिलता है, पर यह इसकी कीमत भी ज्यादा है. अगर नेटवर्क इंटरफेरेंस मुख्य मुद्दा नहीं है तो आप 2.5GHz वाला राउटर ही खरीदें.
राउटर के एंटीना का रेंज
किसी Wi-Fi राउटर का रेंज जानने का कोई सीधा तरीका नहीं है क्योंकि यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है. हालांकि, राउटर के पीछे उसके एंटीने के dBi रेटिंग्स का जिक्र रहता है. अगर आपके घर में फ्रीज, माइक्रोवेव ओवन जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं और तो आपको ऊंची रेंज वाला राउटर लेना होगा. वाई फाई सिग्नल रोकने में दीवारों का भी अहम रोल है. चाहे दीवार कंक्रीट की हो या फिर लकड़ी की, एक स्टडी के मुकाबिक 3 से 4 दीवारों के बाद सिग्नल का स्ट्रेंथ और कमजोर हो जाता है। इसलिए राउटर खरीदने से पहले उसकी dBi प्रॉपर्टी पर जरूर ध्यान दें.
राउटर की स्पीड
किसी भी राउटर की स्पीड उस मॉडल में इस्तेमाल किए गए हार्डवेयर पर भी निर्भर करती है. वैसे हर डिवाइस में स्पीड का जिक्र High Speed Upto सेक्शन में किया रहता है. जो राउटर स्लो होंगे उनकी कीमत भी कम होगी, अगर जरूरत सिर्फ इंटरनेट से जुड़ने की है तो आप सस्ता राउटर खरीदें. अगर लेपटॉप पर हाई डेफिनेशन वीडियो देखने या उसे अपने स्मार्ट टीवी पर स्ट्रीम करने का शौक है तो आपका 300 Mbps राउटर से काम चल जाएगा.