उत्तर प्रदेश सरकार इस बार चैत्र नवरात्रि पर पूरे UP में विशेष पूजा-पाठ कराएगी। योगी सरकार की ओर से नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ, देवी जागरण, भजन कराएगी। झांकियां भी निकाली जाएंगी। रामनवमी पर श्रीराम चरित मानस का पाठ कराया जाएगा। इसके लिए योगी सरकार सभी जिलों के DM को एक-एक लाख रुपए उपलब्ध कराएगी। इन कार्यक्रमों में महिलाएं और छात्राएं विशेष रूप से हिस्सा लेंगी।
गाए जाएंगे देवी गीत, झांकियां निकाली जाएंगी
प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश विश्राम की ओर से प्रदेश के सभी कमिश्नर और DM को इस संबंध में दिशा-निर्देश भेजे गए हैं। चैत्र नवरात्रि 22 से 30 मार्च तक पड़ रहा है। 29 और 30 मार्च को अष्टमी और रामनवमी पर मंदिरों में श्रीराम चरित मानस का पाठ होगा। मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा होगी। देवी मंदिरों और शक्तिपीठों में दुर्गा सप्तशती का पाठ, देवी गायन, देवी जागरण, श्रीराम चरित मानस पाठ का आयोजन किया जाएगा।
मंदिर की डिटेल मांगी गई
सभी कमिश्नर और DM को 21 मार्च तक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन मंदिरों में कार्यक्रम होंगे उनके नाम-पता, मंदिर की तस्वीरें, मंदिर प्रबंधन की डिटेल साझा करने का निर्देश दिया गया है। इसको लेकर राज्य स्तर पर दो नोडल अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। ये अधिकारी इन कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न कराएंगे। इसके लिए जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। इसे सोशल मीडिया पर भी प्रचारित किया जाएगा।
प्रमुख सचिव ने DM को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिले में चयनित देवी मंदिर और शक्तिपीठों में कार्यक्रम के लिए कलाकारों का चयन कर लें। नवरात्रि के दौरान साफ-सफाई, पेयजल, बिजली, प्रकाश आदि की बेहतर व्यवस्था करें। मंदिरों में जो भी कार्यक्रम होंगे, उनके फोटोग्राफ संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे।
केशव बोले- यह श्रीराम की जन्मस्थली है, धार्मिक अनुष्ठान स्वागत योग्य
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भगवना राम से जुड़ा कोई भी अगर धार्मिक अनुष्ठान यूपी में होता है तो वह स्वागत योग्य होना चाहिए। क्योंकि यह भगवान श्रीराम की जन्म स्थली है। जगत जननी मां विंध्यवासिनी जैसे शक्तिपीठों पर अगर जगत के कल्याण के लिए कोई धार्मिक अनुष्ठान हो रहा है तो यह भी स्वागत योग्य होना चाहिए। इसमें न किसी सवाल की जरूरत है और न किसी जवाब की।