RTO: 75% गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट फेल; लखनऊ में 18 दिन में 5000 गाड़ियों का फिटनेस लटका

RTO: 75% गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट फेल; लखनऊ में 18 दिन में 5000 गाड़ियों का फिटनेस लटका

लखनऊ में RTO कार्यालय में 18 दिन से गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट बंद हो गया है। जो गाड़ियां आती भी हैं, उनमें 75 फीसदी गाड़ियों का फिटनेस में फेल हो रही है। ऐसे में करीब 5000 गाड़ियों की पेंडिंग हो गई है। जिनका फिटनेस टेस्ट नहीं हो पाया है। स्थिति यह है कि लोग दो से चार दिन तक अपनी गाड़ियां लेकर RTO कार्यालय के बाहर आते हैं। पूरे दिन इंतजार करने के बाद वापस लौट जाते है। इसको लेकर सोमवार को वाहन मालिकों ने हंगामा भी किया था।

तब आरोप लगा था कि वाहनों के फिटनेस का टाइम स्लाॅट लेकर पहुंच रहे वाहनों को अनफिट कर दिया जा रहा है। लगातार सैकड़ों वाहनों के फिटनेस फेल का आरोप लगाते हुए वाहन मालिकों ने हंगामा काटा था। हालांकि बाद में फिटनेस सेंटर के अधिकारियों ने हंगामा शांत कराया।

दो कंपनियों की लड़ाई बता रहे कर्मचारी

आरटीओ में कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि यह दो कंपनियों की लड़ाई का मामला ज्यादा है। दरअसल, पिछले दिनों फिटनेस टेस्ट का काम दूसरी कंपनी को दे दिया गया। जबकि जो सर्वर काम कर रहा है। वह पहले वाली कंपनी का है। ऐसे में गाड़ियों को फेल करने का खेल किया जा रहा है।

बड़ी बात यह है कि करीब 80 फीसदी गाड़ियों को लाइट के मामले में फेल किया जा रहा है। जब वह एजेंसी या सर्विस सेंटर से जांच करा कर निकलती हैं तो सभी टेस्ट में पास रहती है। लेकिन यहां आने के बाद फेल हो जा रही है। इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे है।

दरअसल, बीते दिनों ट्रांसपोर्ट नगर स्थिति फिटनेस सेंटर का काम नई कंपनी को मिला। कंपनी की दलील है कि फिटनेस मशीन को ठीक किया जा रहा है। इस वजह से वाहनों के फिटनेस में देरी हो रही है। इसी बात को लेकर सोमवार दोपहर में वाहनों के फिटनेस तीसरी बार फेल होने पर वाहन मालिकों ने फिटनेस व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए हंगामा किया। परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। आरटीओ से जानकारी मांगी गई है। जल्द ही फिटनेस सेंटर की व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाएगा।

हर दिन कटती है 200 गाड़ियों की पर्ची

एक दिन में करीब 200 गाड़ियों की पर्ची कटती है लेकिन उसमें से महज 25 से 30 गाड़ियों ही फिटनेस के लिए फ्लोर पर जा पाती है। उन गाड़ियों में भी महज 7 या 8 गाड़ी ही टेस्ट पास कर पाती है। ऐसे में करीब 75 फीसदी गाड़ियों को टेस्ट में फेल किया जा रहा है।

हालांकि अमूमन उसका उल्टा होता है। 75 से 80 फीसदी गाड़ियां टेस्ट में पास होती है। इस बारे में आरटीओ अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी का कहना है कि इस तरह की समस्या आ रही है। इसको दूर करने पर काम किया जा रहा है। जल्द ही इसका निस्तारण कर सभी गाड़ियों की पेंडिंग को खत्म किया जाएगा।


 1d55vq
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *