इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने पाक सरकार की पोल खोल दी है. पाक चुनावों को लेकर कई महीनों से गर्मा-गर्मी चल रही है. पाकिस्तान सरकार चुनाव में बाधा डालने के लिए TTP पर दोष मढ़ती है. अब TTP ने अपने नवीनतम बयान में घोषणा की है कि वह आगामी चुनावों में “राजनीतिक रैलियों, पार्टियों, जुलूसों और मतदान केंद्रों को लक्षित नहीं करेगा. ये हमारे लक्ष्य नहीं है.” संगठन ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह किसी भी तरह के चुनाव के खिलाफ नहीं है लेकिन ऐसी धांधली के खिलाफ जरूर है जिसमें फौज और सरकार मिलकर जनतंत्र के नाम पर आवाम का गला घोंटने का काम कर रही है. साथ ही उसने यह भी स्पष्ट किया है कि TTP चाहता है कि पाकिस्तान में पूरी तरह से शरिया कानून लागू होना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान एक मुस्लिम देश है लिहाजा उसे इस कानून को लागू करने में पीछे नहीं हटना चाहिए.
इससे पहले टीटीपी ने पाकिस्तानी प्रशासन पर लगातार दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया. टीटीपी ने कहा कि सरकार लगातार यह दुष्प्रचार कर रही है कि टीटीपी पाकिस्तान में चुनाव नहीं होने देना चाहता. संगठन का कहना है कि पाकिस्तानी फौज और पाकिस्तानी सरकार जानबूझकर अपनी नाकामयाबियों को छुपाने के लिए इस तरह के आरोप टीटीपी पर लगा रहे है.
पाकिस्तानी फौज ने टीटीपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह चुनाव के खिलाफ है इसलिए उनके द्वारा कई तरह के धमाकों की साजिश रची जा रही है. इसे लेकर पाकिस्तानी प्रशासन ने बाकायदा कई तरह की सुरक्षा योजनाएं भी शुरू कर दी थीं. लेकिन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने अपने ताजा बयान में पाकिस्तान के इस झूठे प्रचार की पोल खोल दी है. संगठन के मुताबिक सच्चाई यह है कि पाकिस्तान अपने आर्थिक और प्रशासनिक फ्रंट पर पूरी तरह से फेल हो रहा है. वहां की सरकार फौज पर लगाम नहीं लगा पा रही है, यही कारण है कि वह चुनाव ना कराने का ठीकरा आतंकवादी संगठन पर फोड़ना चाहती है.