क्वेटा: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान को बलूचिस्तान हाई कोर्ट से अस्थायी राहत मिली है. बीएचसी ने शुक्रवार को इमरान खान के खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट को दो सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया है. इमरान पर सरकारी संस्थानों के खिलाफ जनता को भड़काने का आरोप है, जिसमें एक स्थानीय अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जब क्वेटा पुलिस की टीम इमरान खान को गिरफ्तार करने लाहौर स्थित उनके आवास पहुंची, तब अदालत द्वारा उनकी गिरफ्तारी को निलंबित कर दिया गया. बिजली घर पुलिस थाने में दर्ज एक मामले के बाद क्वेटा के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पीटीआई प्रमुख के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
इमरान खान के खिलाफ राष्ट्रीय संस्थानों को बदनाम करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. बलूचिस्तान पुलिस ने अब्दुल खलील करक नाम के एक नागरिक की शिकायत पर पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बीएचसी के जज जहीर-उद-दीन काकर ने पीटीआई प्रमुख की ओर से इंसाफ लॉयर्स फोरम (आईएसएफ) के इकबाल शाह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की. याचिका में कहा गया है कि यह अपराध बिजली पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में नहीं किया गया था और अदालत से प्राथमिकी खारिज करने का अनुरोध किया गया था. जस्टिस काकर ने वारंट को निलंबित करते हुए बलूचिस्तान के पुलिस प्रमुख, एसपी और बिजली पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर को समन भी जारी किया. जियो न्यूज ने बताया कि सुनवाई को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया है.
इससे एक दिन पहले, क्वेटा की एक स्थानीय अदालत ने पीटीआई प्रमुख के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता (PPC) और प्रिवेंशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम्स एक्ट 2016 (PECA) की कई धाराओं के तहत दर्ज एक मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इमरान को अदालत में पेश होने के लिए कहा. रविवार को अपने भाषण में तोशखाना मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद पुलिस की एक टीम उनके जमान पार्क स्थित आवास पर पहुंची थी. द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में कुल 37 मामले दर्ज हैं