पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठी पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाओं ने गुरुवार को मुंह में घास (दूब) लेकर अनूठे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने सीएम हाउस कूच करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। वीरांगनाओं के साथ बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी कूच में शामिल थे। आगे नहीं बढ़ने देने पर वीरांगनाओं ने जमीन पर लेटकर सीएम से गुहार लगाईं। इधर, तीनों वीरांगनाओं का पायलट के बंगले के बाहर धरना जारी है।
किरोड़ी बोले- सीएम ने वीरांगनाओं के जले पर नमक छिड़का
राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- मुख्यमंत्री ने आज फिर ट्वीट करके वीरांगनाओं के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। वीरांगनाएं आज अधीर हो गईं तो मुंह में घास लेकर सीएम हाउस की तरफ मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कूच करने लग गईं। हम नहीं चाहते कि आंदोलन हिंसक हो। तीनों वीरांगनाओं ने मुंह में दूब लेकर जमीन पर दंडवत होकर याचना की है कि मुख्यमंत्री हमारी बात सुनिए।
बड़े से बड़ा राक्षस भी इतनी याचना के बाद पिघल जाता है। दंडवत प्रणाम करके प्रार्थना कर दी, अब देखना है कि सीएम पिघलकर दया भाव दिखाते हैं या नहीं। मंत्रियों के आश्वासन की पूर्ति होती है या नहीं। जब तक सुनते नहीं हैं, तब तक यहीं बैठे हैं। मर जाएंगे, मिट जाएंगे, लेकिन इस जगह से नहीं हटेंगे।
मंत्रियों को भेजकर मुख्यमंत्री पलटे
किरोड़ी ने कहा- मुख्यमंत्री ने 7 मार्च को दो मंत्रियों प्रतापसिंह खाचरियावास और शकुंतला रावत को भेजा था, मंत्रियों ने मांगें मान ली थी। वीरांगनाओं ने कहा कि लिखित में देने पर मानेंगे तो उसका ड्राफ्ट भी तैयार हो गया था। इसके दो घंटे बाद ही मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके मांगें मानने से मना कर दिया।
वीरांगनाएं सम्मान लेने आईं थी, अपमान मिला
सांसद ने कहा- वीरांगनाएं सम्मान लेने आई थीं, लेकिन इन्हें हर जगह अपमान मिला। पहले विधानसभा के सामने, फिर सीएम हाउस के सामने अपमान हुआ, फिर शहीद स्मारक पर अपमान हुआ। वीरांगनाएं और हम मुख्यमंत्री से मिलना चाहते थे। सीएम नहीं मिल रहे थे तो हमने सचिन पायलट से कहा था कि प्रियंका गांधी से मिलवा दीजिए, लेकिन वो भी नहीं मिलवा पाए,पता नहीं कहां चले गए?
पुलवामा शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू और शहीद हेमराज मीणा की पत्नी हेमलता मीणा ने कहा कि हम इतने दिन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
गहलोत बोले- BJP के नेता वीरांगनाओं का सियासी इस्तेमाल कर रहे
सीएम अशोक गहलोत ने 8 मार्च को लिखित बयान जारी करके कहा था कि पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं को पैकेज दिया जा चुका है। बीजेपी के कुछ नेता वीरांगनाओं का इस्तेमाल सियासी रोटियां सेंकने के लिए कर रहे हैं। उनकी मौजूदा मांगें अनुचित है। गहलोत ने आज फिर बयान जारी कर उन्हीं बातों को दोहराया है।
गहलोत ने कहा- बीजेपी के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए वीरांगनाओं का इस्तेमाल कर उनका अनादर कर रहे हैं। यह कभी भी राजस्थान की परंपरा नहीं रही है। मैं इसकी निंदा करता हूं।
शहीद हेमराज मीणा की दो मूर्ति लग चुकी, तीसरी की मांग अनुचित
गहलोत ने कहा- शहीद हेमराज मीणा की पत्नी उनकी तीसरी मूर्ति एक चौराहे पर स्थापित करवाना चाहती हैं। जबकि पहले शहीद की दो मूर्तियां राजकीय कॉलेज, सांगोद के ग्राउंड और उनके पैतृक गांव विनोद कलां स्थित पार्क में लगाई जा चुकी है। ऐसी मांग अन्य शहीद परिवारों को देखते हुए उचित नहीं है।
शहीद क देवर को नौकरी दी तो बच्चों का क्या होगा?
गहलोत ने कहा- शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी अपने देवर के लिए अनुकंपा नियुक्ति मांग रही है। अगर आज शहीद लांबा के भाई को नौकरी दे दी जाती है तो आगे सभी वीरांगनाओं के परिजन और रिश्तेदार उनके अथवा उनके बच्चे के हक की नौकरी दूसरे परिजन को देने का अनुचित सामाजिक-पारिवारिक दबाव डालने लग सकते हैं। शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है? जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा? उनका हक मारना उचित है क्या?
वीरांगनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल निंदनीय, गहलोत बोले- शहीद के बच्चों का हक मारकर दूसरे रिश्तेदार को नौकरी गलत