राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा को लेकर हंगामा हुआ। BJP ने वाड्रा पर जमीन घोटाले का आरोप लगाया। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि आप जिस पर आरोप लगा रहे हैं, उन्होंने एक प्रतिशत भी गड़बड़ी नहीं की। बल्कि BJP नेताओं ने भूमिहीन बनकर जमीनें ली और घोटाला किया। इस मामले में पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। सदन में गुरुवार को राजस्व और सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर बहस हो रही थी।
लूणकरणसर से BJP विधायक सुमित गोदारा के बीकानेर जिले में रॉबर्ट वाड्रा पर जमीन घोटाले का आरोप लगाने से विवाद की शुरुआत हुई। गोदारा ने कहा कि फायरिंग रेंज की जमीन में घोटाला हुआ, जो किसान फायरिंग रेंज की जमीन से माइग्रेट हुए उनकी जमीन को लोगों ने कौड़ियों के दाम खरीदकर करोड़ों कमाए हैं। दिल्ली से रॉबर्ट वाड्रा ने वहां आकर जमीनें ली उसका नाम ईडी में आया।
कल्ला बोले- सदन का जो मेंबर नहीं उनका नाम लेना गलत
सुमित गोदारा के रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप लगाने पर शिक्षा मंत्री कल्ला ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जो सदन का मेंबर नहीं, उसका नाम लेना गलत है। इस पर गोदारा ने कहा कि अंबानी-अडाणी भी सदन के मेंबर नहीं है, उन पर तो आप खूब आरोप लगाते हो।
मंत्री कल्ला ने कहा- जो जमीन ली गई है, उनमें अधिकांश लोग बीजेपी के हैं। भाजपा के लोगों ने पांच से 10 हजार बीघा की जमीनों को लाखों में बेचा। गड़बड़ भाजपा के लोगों ने की है। वाड्रा ने चेक से पेमेंट किया, रजिस्ट्री हुई है उसका पूरा पैसा दिया है।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कल्ला पर पलटवार करते हुए कहा- मंत्री जी ने जिस शख्स का नाम लेकर कहा, वह सारा मामला कोर्ट में चल रहा है। मेरी मांग है सरकार एक कमीशन बना दे तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। मंत्री जी, चोर की दाढ़ी में तिनका है। वाड्रा ने बीकानेर जिले में जमीन नहीं खरीदी है यह साबित कर दो, गलत हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगा अन्यथा आप दे देना। यह मेरा चैलेंज है।
कल्ला ने कहा- वाड्रा ने भूमिहीन बनकर जमीन नहीं ली, भूमिहीन बनकर बीजेपी के लोगों ने जमीन ली। वाड्रा ने चेक से पेमेंट दिया है, रजिस्ट्री का पूरा पैसा दिया है।
गोदारा बोले- मंत्री ने फील्ड फायरिंग रेंज में जमीन खरीदी
सुमित गोदारा ने कहा- आपको पता था कि यहां सोलर प्लांट आने वाला है, इसलिए उन्होंने पहले जमीन ली यह तो भ्रष्टाचार हुआ है। महाजन फायरिंग रेंज में माइंस वाली जमीन ली गई। कोलायत के विधायक और मंत्री ने भी वहां जमीन ली है। कल्ला ने कहा कि मेरी तो एक बीघा जमीन नहीं है।
इस पर गोदारा ने कहा आप नहीं आपके साथी मंत्री ने खरीदी है। सारे आवंटन की जांच करवा लीजिए। फील्ड फायरिंग रेंज में आपके कोलायत वाले मंत्री को जमीन आवंटित हुई कि नहीं हुई।
राठौड़ बोले- बालोतरा जिला नहीं बना तो मदन प्रजापत कपड़े भी त्याग देंगे
बहस के दौरान कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने बालोतरा को जिला बनाने की मांग फिर से उठाई। मदन प्रजापत ने जिला नहीं बनने तक नंगे पैर घूमने का संकल्प ले रखा है। प्रजापत की मांग का समर्थन करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा- जिला बनाने की मदन प्रजापत की बात का मैं भी समर्थन कर रहा हूं।
मैंने सुना है एक साल से ये बिना चप्पल के घूम रहे हैं। मुझे अभी इनके साथियों ने बताया है कि अगर इनकी मांग नहीं मानी गई तो अभी तो जूते-चप्पल ही उतारे हैं, आगे ये कपड़े भी उतारेंगे। वह सीन देखकर मेरी आत्मा कांप जाएगी। जिस दिन यह मेरा छोटा भाई दिगंबर की वेशभूषा में यहां आएगा। इसलिए मैं मांग करता हूं, सामने राजस्व मंत्री बैठे हैं, मदन प्रजापत को दिगंबर मत बनने देना, उनकी मांग को पूरा करना।
हरीश चौधरी बोले- ओबीसी आरक्षण हमारा संवैधानिक अधिकार है
सामाजिक न्याय व अधिकारिता और राजस्व की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि 1954 में जब टिनेंसी एक्ट आया तो हम लोग जो मजदूर थे वे किसान बने, उनको अपनी जमीन का हक मिला। जब किसान सामाजिक और आर्थिक तौर पर मजबूत होने लगा तो सबसे पहले उस खेती पर ही प्रहार किया। किसान की आमदनी दोगुनी करने के नारे बेमानी है। रामराज्य की बात करने वाले प्रधानमंत्री के मित्र की आमदनी कितनी है और किसान की कितनी है, आप तुलना कर लीजिए।
हरीश चौधरी ने कहा- खेती के बाद हमारे पास इकलौता माध्यम जो छोड़ा था वह 27 फीसदी आरक्षण था। शिक्षा के आधार पर आरक्षण कोई भीख नहीं है, संविधान ने हमें हक दिया था, लेकिन इससे भी ईमानदारी से लागू नहीं किया। ये लोग विवाद करेंगे, आरोप-प्रत्यारोप करेंगे।
मेरे खिलाफ सीबीआई की जांच हुई, लेकिन मूल सवाल बरकरार रहेगा
हरीश चौधरी ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा- आपकी मांग और आरोपों के आधार पर सीबीआई की जांच भी हो गई जो कुछ भी फैसला होगा वह मंजूर होगा। आप चाहे जितना विवाद और आरोप लगा लीजिए, लेकिन मूल मुद्दे का सवाल बरकरार रहेगा कि प्रदेश के लोगों के साथ न्याय होना चाहिए। उस प्रश्न को आप टाल नहीं सकते। ओबीसी को 27% आरक्षण मिला हुआ था, लेकिन 21% ही मिल रहा है।