नई दिल्ली: गुरु गुड़ रह गया…चेला शक्कर हो गया…ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी और इसका मतलब भी पता होगा. इंदौर टेस्ट के पहले दिन ऐसा ही हुआ. जब अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के स्पिनर मैथ्यू कुहनेमन (Matthew kuhnemann) अपने आयडल रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) की टीम इंडिया पर भारी पड़े. मैथ्यू ने पहली बार 5 विकेट झटके और भारत को पहली पारी में 109 रन पर समेटने में अहम रोल निभाया.
मैथ्यू कुहनेमन ऑस्ट्रेलिया में घरेलू क्रिकेट क्वींसलैंड की तरफ से खेलते हैं. उनका औसत 35 से अधिक है. लेकिन, इंदौर टेस्ट में उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की. पहली बार भारत में टेस्ट खेल रहे मैथ्यू कुहनेमन इंदौर के होलकर स्टेडियम की पिच से मिल रही मदद से भटके नहीं और ज्यादा प्रयोग करने के बजाए सधी हुई लाइन लेंथ से गेंदबाजी की.
मैथ्यू ने जडेजा के लगातार एक ही जगह गेंदबाजी करने के मंत्र को अपनाया और समय-समय पर अपनी पेस और लेंथ में बदलाव किया और उन्हें इसका पूरा फायदा मिला और पहले दिन मैथ्यू भारतीय स्पिनर रवींद्र जडेजा पर भारी पड़े, जिसके बॉलिंग वीडियो वो हर दिन देखते हैं.
मैथ्यू कुहनेमन ने पहली बार 5 विकेट लिए
मैथ्यू कुहनेमन इंदौर में अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे हैं. लेकिन, कप्तान स्टीव स्मिथ को इस गेंदबाज पर कितना भरोसा है. इसका अंदाजा, इससे लगाया जा सकता है कि उन्होंने भारतीय पारी के छठे ओवर में कुहनेमन को गेंद थमा दी और इस बाएं हाथ के स्पिनर ने अपनी छठी गेंद पर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को पवेलियन की राह दिखा दी. इसके बाद तो भारतीय पारी लड़खड़ाती गई और 50 रन के भीतर आधी टीम आउट हो गई.
जो जडेजा नहीं कर पाए, वो कुहनेमन ने कैसे किया?
इंदौर के होलकर स्टेडियम की पिच पर दोनों टीमों में किसी गेंदबाज ने बल्लेबाजों को इतना परेशान नहीं किया, जितना कुहनेमन ने किया. जिस विकेट पर आर अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे धाकड़ स्पिन गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया को चारों खाने चित नहीं कर पाए. उस पर दूसरा टेस्ट खेल रहे कुहनेमन ने कैसे धमाल मचाया?
कुहनेमन ने नई गेंद से अतिरिक्त उछाल हासिल किया और जब गेंद थोड़ी पुरानी हुई तो उन्होंने सीम पोजीशन का इस तरह इस्तेमाल किया कि गेंद नीची रहे. जहां भारतीय गेंदबाजों ने फुललेंथ गेंदबाजी की, वहीं, कुहनेमन ने अधिकतर गेंद लुडलेंथ पर रखी. इसी वजह से उन्हें अतिरिक्त स्पिन और उछाल मिला और यही भारतीय बल्लेबाजों के लिए काल बना. जब भारतीय पारी खत्म हुई तो कुहनेमन के खाते में 5 विकेट थे. अपने दूसरे ही टेस्ट में उन्होंने एक पारी में ये कारनामा किया.
उस गेंदबाज को इससे ज्यादा क्या चाहिए, जो भारत दौरे के लिए चुनी गई ऑस्ट्रेलियाई टीम में ही नहीं था, जिसे अचानक बीच टूर पर कंगारू टीम से जोड़ा गया और मैदान में उतरते ही इस गेंदबाज ने कहर बरपा दिया. इंदौर टेस्ट के दूसरे दिन अगर ऑस्ट्रेलिया अपनी बढ़त को 100 रन के ऊपर ले जाता है तो फिर दूसरी पारी में भी कुहनेमन टीम इंडिया की परेशानी बढ़ा सकते हैं और इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की वापसी करा सकते हैं.