इटावा: स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे B.ED पास प्रबल; 7 हेक्टेयर में लगाए ढाई लाख पौधे,

इटावा: स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे B.ED पास प्रबल; 7 हेक्टेयर में लगाए ढाई लाख पौधे,

इटावा में बीएड डिग्री लेने के बाद भी एक युवक स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहा है। स्ट्रॉबेरी की खेती ठंड के मौसम में ही हो पाती है, लेकिन प्रबल प्रताप सिंह ने मौसम के विपरीत वाली खेती कर किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं। ड्रिपिंग तकनीक को उन्होंने अपने खेत में अपनाया है। अब उन्हें इससे सलाना 30-40 लाख का मुनाफा होता है।

दरअसल, युवा किसान प्रबल प्रताप सिंह ने पढ़ाई के बाद नौकरी तलाशी। जॉब नहीं मिली तो खेती का सहारा लिया। प्रबल ने 7 हेक्टेयर भूमि में स्ट्रॉबेरी की खेती कर ऊंची उड़ान भरी है। यहां पर 2 लाख 5 हजार पौधे लगा रखे हैं। अब और किसानों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। ठंडे इलाकों में होने वाली फसल को इटावा में करके कीर्तिमान हासिल किया है। जिला उद्यान अधिकारी ने किसान प्रबल प्रताप के इस पहल को सराहनीय बताया है।

7 हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती की है

इटावा के बसरेहर ब्लॉक के लालपुर गांव के प्रबल प्रताप सिंह ने बीएड परीक्षा पास करने के बाद नौकरी की तलाश की। लेकिन नौकरी हाथ ना लगी। जिसके बाद थक हारकर बेरोजगार प्रबल प्रताप सिंह ने अपनी 7 हेक्टेयर, 80 बीघा जमीन पर खेती करने का मन बनाया। प्रबल ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने अपनी जमीन पर आलू की फसल की थी। लेकिन बड़ी मुश्किल से सिर्फ लेबर का खर्चा ही निकल सका।

शिमला जाकर स्ट्रॉबेरी की खेती की जानकारी ली थी

इसके बाद प्रबल प्रताप ने परंपरागत खेती से अलग हटकर जिला उद्यान अधिकारी के सहयोग से स्ट्रॉबेरी की खेती करने का मन बनाया। इसके लिए वह अपने मित्र के पास चंडीगढ़ पहुंचे। जहां से शिमला जाकर स्ट्रॉबेरी की खेती तकनीक की जानकारी 2 महीने तक रहकर हासिल की। पुणे से स्ट्रॉबेरी के 2 लाख 50 हजार पौधे मंगवाए। जिसमें से एक पौधे की कीमत 11 रुपए थी।

2 लाख 50 हजार से ज्यादा पौधे लगाए हैं

प्रबल प्रताप ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती से उन्हें काफी फायदा हो रहा है। इस खेती में ड्रिपिंग तकनीक से सिंचाई कर खेती को सफल बनाया। एक पौधे से स्ट्रॉबेरी के करीब 40 फूल निकलते हैं। एक पौधा एक बार में 1 किलो से अधिक स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करता है। अक्टूबर में प्रबल प्रताप ने 2 लाख 50 हजार पौधों को लगाया था, जिनसे 60 दिन के बाद फल आना शुरू हो गए। 15 मई तक इन पौधों से फल आते रहेंगे।

किसान ने बताया कि उन्होंने स्ट्रॉबेरी के दो किस्म विंटर डाउन एवं कैमारोजा का उत्पादन शुरू किया है। इन फसल की खासियत यह है कि 40 डिग्री तापमान तक यह पौधे बने रहते हैं। दूर दराज इलाकों से किसान इस विशिष्ट खेती की जानकारी लेने प्रबल प्रताप के पास पहुंच रहे हैं।

अन्य किसानों को भी प्रशिक्षण देते हैं प्रबल प्रताप

इस बारे में जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में प्रबल प्रताप सिंह ने स्ट्रॉबेरी की खेती करने का जो सफल सार्थक प्रयास किया है। वह बड़ा ही सराहनीय है। ड्रिप एवं मल्चिंग तकनीक से इन्होंने स्ट्रॉबेरी के पौधों का रोपण किया था, जिनमें अब बहुत अच्छा फल शुरू हो गया है।

सरकार की मंशा है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो, जिसको लेकर किसान भाइयों से अपील है कि परंपरागत खेती से अलग हटकर इस तरह की विशिष्ट खेती पर किसान भाई ध्यान दें। इससे उन्हें अधिक से अधिक मुनाफा हो सके। जिला उद्यान अधिकारी की मानें तो स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान प्रबल प्रताप को सभी खर्चे निकालने के बाद 1 हेक्टेयर जमीन से 7 से 8 लाख रुपए का मुनाफा हो सकता है

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