विधानसभा: गुढ़ा के बयान पर घिरी सरकार, बोले- मुझ पर अपहरण का झूठा केस

विधानसभा: गुढ़ा के बयान पर घिरी सरकार, बोले- मुझ पर अपहरण का झूठा केस

विधानसभा में पुलिस की अनुदान मांगों पर मंत्री शांति धारीवाल के जवाब के दौरान मंगलवार को भारी हंगामा हुआ। धारीवाल ने जब झूठे मुकदमे दर्ज करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आंकड़े गिनाते हुए कहा कि बीजेपी राज में तो 182 की कार्रवाई के बारे में पता तक नहीं था।

इसी बीच सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंंद्र गुढ़ा ने कहा- झूठा मुकदमा तो मुझ पर भी लगाया गया। मेरे खिलाफ भी झूठा मुकदमा किया गया।

गुढ़ा के इतना कहते ही उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और विपक्ष के विधायक खड़े हो गए। राठौड़ ने कहा— एक मंत्री ही खुद पर झूठा मुकदमा होने की बात कह रहे हैं।

मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। एक मंत्री का आरोप लगाने से साफ है कि सरकार अब राज करने का हक खो चुकी है।

बीजेपी विधायकों ने गुढ़ा के बयान पर सरकार को घेरने की कोशिश करते हुए जमकर हंगामा किया। बीजेपी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। स्पीकर सीपी जोशी के दखल के बाद हंगामा शां​त हुआ।

गुढ़ा ने फिर बोलना चाहा लेकिन स्पीकर ने अनुमति नहीं दी

हंगामा शांत होने के बाद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने धारीवाल के जवाब के बीच फिर बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन स्पीकर ने कड़ा रुख अपनाते हुए मंजूरी नहीं दी। स्पीकर ने गुढ़ा से कहा- आपको बीच में बोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके बाद गुढ़ा बैठ गए।

सीएम सलाहकार और स्पीकर के बीच नोकझोंक

शांति धारीवाल के जवाब के दौरान सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने बोलना चाहा, लेकिन उन्हें स्पीकर ने मंजूरी नहीं दी।

इस पर लोढ़ा स्पीकर से उलझ गए। स्पीकर ने लोढ़ा को फटकारते हुए कहा कि मंत्री के जवाब के बीच आपको बोलने की अनुमति कैसे दी जा सकती है।

यह हाउस आपकी मर्जी से नहीं चलेगा। स्पीकर ने धारीवाल के जवाब के दौरान टोकाटाकी करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ​अगर विधायकों के विशेषाधिकार हैं तो उनका इस्तेमाल मैं भी कर सकता हूं। जो मंत्री की नहीं सुनना चाहते उन्हें भी अब अनुदान मांगों पर बोलने से रोकने पर सोचना पड़ेगा।

धारीवाल ने कहा— मुझे इस षड्यंत्र का पहले से पता था

सदन में हंगामे और टोकाटाकी पर शांति धारीवाल ने कहा- मुझे पहले से इनके षड्यंत्र के बारे में पता था कि ये सुनना नहीं चाहते। इन्होंने टाइम तो बिगाड़ दिया।

स्पीकर ने धारीवाल से जवाब जल्द खत्म करने को कहा। इसके बाद पुलिस और जेल की अनुदान मांगों को पारित कर दिया गया।

मंगलवार रात 9 बजकर 25 मिनट पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को बुधावार तक के लिए स्थगित कर दिया।

पायलट समर्थक विधायक बोले-राजस्थान में ही क्यों होते हैं पेपरलीक

नेटबंदी पर पायलट समर्थक विधायक हरीश मीणा ने विधानसभा में मंगलवार को सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। मीणा ने कहा- राजस्थान में ही पेपरलीक और इंटरनेट बंद क्यों होता है? यूक्रेन में युद्ध के बीच नेट चालू है। हमारे यहां परीक्षा होते ही नेट बंद कर देते हैं।

हरीश मीणा ने कहा- कुछ चीजें राजस्थान में नई हो रही हैं, जैसे पेपरलीक। मैं भी राजस्थान का मूल निवासी हूं। मैंने भी पेपर दिए हैं।

यूपीएएसी की परीक्षा पूरे देश में होती है। मैंने तो नहीं सुना कि आईएएस की परीक्षा का पेपर लीक हुआ हो। इंटरनेट बंद करने से कुछ नहीं होगा कारणों पर जाइए।

इसका मुख्य कारण यह है हम लोग अपराधियों तक नहीं पहुंच रहे। यह राजस्थान का आंतरिक मामला है। राजस्थान में ही पेपर छपते हैं। राजस्थान के ही लोग एग्जाम देते हैं।

राजस्थान के ही लोग पेपरलीक करते हैं। आज तक पता नहीं लगा पाए कि पेपर लीक आरपीएससी से होता है, कहां से होता है? कुछ तो पता लगाइए। नाकामी को छुपाने के लिए आप लोग इंटरनेट बंद करते हैं।

राजस्थान इंटरनेट बंद करने में देश में टॉप पर, यह शर्म की बात

हरीश मीणा ने कहा- दुनिया भर में जितना इंटरनेट बंद होता है, उसका आधा भारत में होता है। इंटरनेट बैन करने में राजस्थान भारत में टॉप पर है।

यह सर्वे आज ही छपा है। यह मेरे लिए गर्व की बात नहीं है, यह शर्म की बात है। चिंता की बात है। इस पर मंथन करना चाहिए। इसका समाधान निकालना चाहिए। हर चीज को डिफेंड करने से पार नहीं पड़ेगी।

अपराध रोकना है या व्यापार रोकना है? दुनिया में कहीं भी इस तरह नेटबंदी नहीं होती

हरीश मीणा ने कहा- हरियाणा में दो युवकों को जिंदा जला दिया। आज उनके गांव घाटमीका में उनके समाज के लोगों ने मीटिंग रखी और वहां इंटरनेट बंद कर दिया।

बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं। व्यापारियों का व्यापार चल रहा है। आप नेट बंद कर रहे हो। सोमवार को जयपुर शहर के व्यापार मंडल ने मीटिंग की थी।

उन्होंने प्रस्ताव पास किया कि 2 दिन की नेटबंदी से करोड़ों का नुकसान हो गया। क्या तरीका है यह? थोड़ा सा तो ध्यान रखें। अपराध रोकना है या व्यापार रोकना है?

कहीं दुनिया में यह नहीं होता कि आप बात-बात में इंटरनेट बंद कर दें। यूक्रेन में युद्ध चल रहा है, लेकिन वहां भी इंटरनेट चालू है।

हमारे यहां परीक्षा होते ही इंटरनेट बंद। क्या साबित करना चाहते हो? जो भी यह कर रहे हो अच्छा नहीं है। इसका कोई और समाधान निकालें।

कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा बोले- कल्चरल प्रोग्राम के लिए घर में दो-तीन बोतल शराब रखना आदिवासी संस्कृति, पुलिस झूठे मुकदमे बनाकर परेशान करती है

डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक और यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गणेश घोघरा ने आदिवासी ​कल्चर का हवाला देते हुए घरों में देसी शराब रखने वाले आदिवासियों पर मुकदमे दर्ज करने पर सवाल उठाए।

पुलिस की अनुदान मांगों पर बहस के दोरान गणेश घोघरा ने कहा- अभी होली का पर्व आ रहा है। हमारे ढूंढ पर्व भी है। हमारे कई कल्चरल प्रोग्राम होते हैं, जिनके लिए आदिवासी घर में दो तीन बोतल शराब रखता है।

यह हमारा कल्चर है। रीति रिवाज है। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए आदिवासी घर में दो तीन बोतल देसी शराब रखते हैं। पुलिस वाले 10 बोतल का मुकदमा लगाते हैं।

पहले आप अंग्रेजी शराब बंद करा दीजिए। हम भी देसी बंद कर देंगे। गुजरात बॉर्डर तक पार करके अंग्रेजी शराब जाती है। उसे कोई नहीं रोकता, लेकिन कोई आदिवासी कल्चर प्रोग्राम के लिए शराब रखता है। उस पर झूठा मुकदमा कर दिया जाता है।

घोघरा बोले- पुलिस महकमे में कई द्रोणाचार्य एससी-एसटी के अफसरों को आगे नहीं बढ़ने देते

गणेश घोघरा ने कहा- एससी एसटी के साथ आज भी अत्याचार होता है। हम लोगों की सुनवाई नहीं होती। आज भी थानों में एससी एसटी के हेड कॉन्स्टेबल हो या दूसरे कर्मचारी।

उनको हीन भावना से देखा जाता है। उनको काम करने नहीं दिया जाता। अगर एससी एसटी का अफसर या कर्मचारी अच्छा काम करता है तो उसे बदनाम किया जाता है।

मेडल दूसरे ले जाते हैं। किसी गलती पर गाज गिरानी हो तो वह एससी एसटी के अफसर कर्मचारी पर गिराई जाती है।

घोघरा ने कहा- आज पुलिस से लेकर हर महकमे में ऐसे गुरु द्रोणाचार्य बैठे हुए हैं। प्राचीन काल में जिस तरह एकलव्य को आगे नहीं बढ़ने दिया, उसी तरह आज भी एससी-एसटी के एकलव्य को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा।

वह कितना भी प्रतिभावना हो, उसे बड़े अफसरों के सामने बदनाम किया जाता है। ताकि वह आगे नहीं बढ़ सके। एससी एसटी के कर्मचारी को चोर कहकर बदनाम किया जाता है। अगर एससी एसटी के कर्मचारी चोर है तो क्या दूसरे सब ईमानदार हैं

बेरोजगारी भत्ता ज्यादा होने की वजह से बेरोजगारी के आंकड़े ज्यादा हुए

युवा और खेल मंत्री अशोक चांदना ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता ज्यादा होने की वजह से बेरोजगारी के आंकड़े ज्यादा हुए हैं। चांदना बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के सवाल का जवाब दे रहे थे।

इस दौरान उन्होंने कहा- जब से बेरोजगारी भत्ता 3500 और फिर 4000 से 4500 प्रतिमाह किया। तब से चाहे बेरोजगार हैं या नहीं, बड़ी संख्या में युवाओं ने आवेदन किए हैं। स्क्रूटनी के बाद ही पता लग पाता है कि वे बेरोजगार हैं या नहीं।

बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता ज्यादा होना ही है।

दरअसल, सतीश पूनिया ने चांदना से सवाल किया था कि राजस्थान बेरोजगारी के मामले में दूसरे नंबर पर क्यों है। बेरोजगारी भत्ते के आंकड़ों में फर्क क्यों है?

प्रदेश में 18 लाख से ज्यादा बेरोजगार बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्टर्ड

सतीश पूनिया के सवाल के जवाब में अशोक चांदना ने सदन में बताया- 21 फरवरी तक के रिकॉर्ड के अनुसार कुल 18 लाख 40 हजार 44 बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं।

इनमें पुरुषों की संख्या 11 लाख 22 हजार 090 और महिलाओं की संख्या 7 लाख 17 हजार 555 और अन्य 399 है।

21 फरवरी 2023 तक कुल 6 लाख 22 हजार 043 बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा चुका है। इसमें से वर्तमान में 1,90,873 पात्र बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।

चांदना ने कहा- कुल लाभार्थी 6 लाख 90 हजार हैं। 10 लाख आठ हजार शिक्षित बेरोजगारों ने अप्लाई किया। इनमें से 2.65 लाख आवेदन अधूरे थे।

1.90 लाख का बेरोजगारी भत्ता चालू है। 37 हजार आवेदन अगले टर्म से मिलना चालू हो जाएगा। 28985 आवेदन जांच के लिए लंबित हैं।

4.32 लाख बेरोजगार दो साल तक बेरोजगार भत्ता ले चुके हैं। दो साल से ज्यादा बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलता। 54 हजार बेरोजगारों के आवेदन निरस्त हुए हैं।

मंत्री ने कहा- सरकार रोजगार सहायता शिविर लगा रही है। जनवरी, 2019 से जनवरी, 2023 तक 1062 रोजगार सहायता शिविर लगाए गए हैं।

उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ बोले- सरकार जल्द वकीलों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए

विधानसभा में शून्यकाल के दौरान जोधपुर में वकील जुगराज चौहान की हत्या और इसके विरोध में हो रही वकीलों की हड़ताल का मुद्दा गूंजा। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मामला उठाया।

राजेंद्र राठौड़ ने कहा- 10 दिन पहले मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में वकील जुगराज चौहान की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी।

इस हत्याकांड के विरोध में प्रदेश भर की 800 अदालतों में वकील हड़ताल पर हैं। इससे हजारों पक्षकार परेशान हो रहे हैं, जमानतें अटक गई हैं। इससे कई लोग जेलों में पड़े हैं।

राठौड़ ने कहा- जुगराज चौहान जैसे मामले कई बार हुए हैं। चार साल में दर्जनों बार ऐसे मामले हुए हैं, जब एक पक्षकार की पैरवी करने पर दूसरे पक्षकार ने वकील पर हमला किया। सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने का वादा किया था।

एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाना पुरानी मांग है। जनघोषणा पत्र में वादा करने के अलावा बजट में भी इसकी घोषणा की जा चुकी है।

सरकार को इस मामले में तत्काल एक्शन लेना चा​हिए। राजस्थान में तत्काल प्रभाव से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि वकीलों की सुरक्षा करना राज्य सरकार की ड्यूटी है।

सीएम सलाहकार बोले— सरकार बताए आरपीएससी का मूल पेपर कहां से लीक हुआ? क्या आपने तय कर लिया कि नकल करने वाले ही सरकारी नौकरी में सलेक्ट होंगे?

पुलिस और अनुदान की मांगों पर बहस के दौरान सीएम सलाहकार और सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा। संयम लोढ़ा ने कहा— पेपर पीक गंभीर मामला है। सरकार कम से कम यह तो बताए कि आरपीएएसी का पेपर लीक कहां से हुआ? इसको गिरफ्तार कर लिया उसको गिरफ्तार कर लिया, यह हमें सब समझ में आता है लेकिन मूल पर्चा कहां से लीक हुआ, यह आज तक बताने की स्थिति में नहीं है।

हमारी भर्ती परीक्षाओं के हाल देखिए। अभी जोधपुर के एक कोचिंग सेंटर ने सब इंस्पेक्टर परीक्षापास करने वाले कुछ कैंडिडेट्स के मॉक इंटरव्यू किए। ऐसी ऐसी लड़कियां सब इंस्पेक्टर में सलेक्ट हुई हैं जिन्हें यह नहीं पता कि राजस्थान में कितने जिले हैं? आपने तय कर लिया है कि नकल करने वालों को ही भर्ती करोगे। जो पेपर लीक कोटे से पेपर पास कर ले कि उनको पास कर देते हो।

सीएम सलाहकार बोले— सरकार बताए आरपीएससी का मूल पेपर कहां से लीक हुआ?

पुलिस और अनुदान की मांगों पर बहस के दौरान सीएम सलाहकार और सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा। संयम लोढ़ा ने कहा— पेपर पीक गंभीर मामला है। सरकार कम से कम यह तो बताए कि आरपीएएसी का पेपर लीक कहां से हुआ? इसको गिरफ्तार कर लिया उसको गिरफ्तार कर लिया, यह हमें सब समझ में आता है लेकिन मूल पर्चा कहां से लीक हुआ, यह आज तक बताने की स्थिति में नहीं है।

हमारी भर्ती परीक्षाओं के हाल देखिए। अभी जोधपुर के एक कोचिंग सेंटर ने सब इंस्पेक्टर परीक्षापास करने वाले कुछ कैंडिडेट्स के मॉक इंटरव्यू किए। ऐसी-ऐसी लड़कियां सब इंस्पेक्टर में सिलेक्ट हुईं, जिन्हें यह नहीं पता कि राजस्थान में कितने जिले हैं? आपने तय कर लिया है कि नकल करने वालों को ही भर्ती करोगे। जो पेपर लीक कोटे से पेपर पास कर ले कि उनको पास कर देते हो।

कुछ साल की नौकरी में दिव्या मित्तल ने 50 करोड़ का रिसोर्ट कैसे बना लिया?

संयम लोढा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। संयम लोढ़ा ने कहा— रिश्वत के मामले में पकड़ी गई एसओजी अफसर दिव्या मित्तल का केस कई सवाल खड़े करता है। जब वह अफसर आरएसी मेंं थी तो लंबे समय गैरहाजिर रही। उस पर फैसला आरएसी के अफसर की जगह एसओजी में क्यों हुआ? उसने चंद साल की नौकरी में 50 करोड़ का रिसॉर्ट कैसे बना लिया?

आदर्श घोटाले के मुख्य आरोपी पीएम और भागवत से मिले थे संयम लोढ़ा ने कहा— क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज की धोखाधड़ी के शिकार लोग आज भी अपने पैसों के लिए भटक रहे हैं। पिछले दिनों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जब उदयपुर दौरे पर थे तो उनसे आदर्श घोटाले के मुख्य आरोपी ने उनसे मुलाकात की थी। भागवत से मिलने वाले 20 लोगों में आदर्श घोटाले का मुख्य आरोपी भी था।अगर सरकार पूरी सच्चाई लोगों के सामने लाना चाहती है तो उदयपुर के प्रशासन से उनसे मिलने वालों का ब्योरा लिया जा सकता है, जिससे लोगों को मालूम पड़ सके कि अरबों रुपए लोगों को क्यों नहीं मिल रहा? क्यों एक नकारा किस्म के रिटायर्ड आईएएस को अहमदाबाद में लिक्विडेटर बना रखा है। इसे जब लोग टेलीफोन करते हैं तो कहते हैं कि मेरे पास स्टाफ नहीं है। उसे जानबूझकर इसलिए बैठा रखा है ताकि इसमें कोई कार्रवाई नहीं हो।?


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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