Bihar: नीतीश कुमार ने राजनीति में 8 बार संभाली बिहार की सत्ता, जन्मदिन पर जानें उनका सियासी सफऱ

Bihar: नीतीश कुमार ने राजनीति में 8 बार संभाली बिहार की सत्ता, जन्मदिन पर जानें उनका सियासी सफऱ

बिहार की राजनीति में अपना लोहा मनवाने वाले नीतीश कुमार का आज ही के दिन यानि की 1 मार्च को जन्म हुआ था। नीतीश ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत 70 के दशक में की थी। नीतीश कुमार को सॉफ्ट-स्पोकेन, तेज और मुखर होने के कारण जल्द ही लोगों द्वारा पसंद किया जाने लगा। वह बिहार के 8वें सीएम के तौर पर कार्यभार संभाल रहे हैं। आइए जानते हैं बिहार में सातवीं बार सत्ता संभालने वाले नीतीश कुमार के जन्मदिन पर कुछ खास बातें....

जन्म और शिक्षा

बिहार के बख्तियारपुर में 1 मार्च 1951 को नीतीश कुमार का जन्म हुआ था। उस दौरान नीतीश के पिता कविराज राम लखन सिंह ने देश की स्वतंत्रता कि लड़ाई में भाग लिया था। बता दें कि नीतीश के पिता एक आयुर्वेदिक वैद्य भी थे। नीतीश ने बख्तियारपुर के श्री गणेश हाईस्कूल से 12वीं पास किया। इसके बाद इन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। साल 1972 में नीतीश ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। फिर वह बिहार बिजली बोर्ड में शामिल हुए। लेकिन यहां पर इनका मन नहीं लगने के कारण इन्होंने राजनीति की ओर रूख किया। 

राजनीतिक सफर

साल 1974 एवं 1977 में नीतीश कुमार जयप्रकाश बाबू के सम्पूर्ण क्रांति में शामिल रहे। इस दौरान वह साल 1985 में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए थे। फिर साल 1989 में इन्हें जमता दल का सचिव बनाया गया था। इसी दौरान नीतीश को 9वीं लोकसभा सदस्य के तौर पर चुना गया था। नीतीश कुमार पहली बार 1990 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि राज्य मंत्री के शामिल हुए। इसके बाद वह 1991 में फिर से लोकसभा के सदस्य चुने गए। इस बार नीतीश को जनता दल का सचिव चुना गया। 1998 – 1999 में वह केंद्रीय रेल एवं परिवहन मंत्री भी रहे। हालांकि 1999 में रेल दुर्घटना के चलते नीतीश को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। 

बिहार के सीएम

बिहार की सत्ता में अभी तक अपना दबदबा कायम रखने वाले नीतीश कुमार साल 2000 में पहली बार सीएम बने थे। लेकिन केवल 7 दिनों में ही इन्हें त्यागपत्र देना पड़ा था। केन्द्रीय मंत्रीमण्डल में उन्हें फिर कृषि मंत्री बनाया गया। वाजपेयी सरकार में वह 2001 से 2004 तक केंद्रीय रेलमंत्री रहे। वहीं साल 2005 में कड़ी मशक्कत के बाद वह 15 साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंकने में कामयाब हुए। अब तक राजनीति में नीतीश परिपक्व हो गए थे। 

साल 2010 में अपनी सरकार द्वारा किये विकास कार्यो के चलते बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश फिर से गठबंधन को जीत दिलाने में कामयाब रहे। इसके बाद फिर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला। वहीं साल 2014 में संसदीय चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। जब 2014 में नीतीश ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था। उस दौरान उन्होंने जय बिहार, जय भारत का नारा दिया था। 

शादी

नीतीश कुमार की शादी साल 1973 में मंजू कुमारी से हुई थी। वह पटना के एक स्कूल में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत थीं। नीतीश का एक बेटा है। जिसका नाम निशांत है। वहीं साल 2007 में नीतीश की पत्नी मंजू का निधन हो गया था। कहा जाता है कि आखिरी दिनों में नीतीश के अपनी पत्नी से संबंध अच्छे नहीं थे। लेकिन जब उनकी मृत्यु हुई तो नीतीश बुरी तरह से टूट गए थे। बताया जाता है कि अर्थी को कंधा देते समय नीतीश फूट-फूटकर रोने लगे थे।  

भाजपा से तोड़ा रिश्ता

साल 2014 में लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के साथ चल रही राजनीतिक गाड़ी को नीतीश ने रोक दिया। जब नीतीश को 2013 में पता चला कि एनडीए के नरेंद्र मोदी देश के अगले पीएम पद के उम्मीदवार होंगे तो उन्होंने बीजेपी से अपना पुराना नाता तोड़ लिया। वहीं साल 2014 में करारी हार का जिम्म अपने ऊपर लेते हुए नीतीश ने जीतनराम मांझी को बिहार की कमान सौंप दी। वहीं 1 साल बाद 2015 में वह फिर से सीएम बनें। 2015 में नीतीश की पार्टी ने लालू यादव की पार्टी राजद के साथ गठबंधन कर लिया। लेकिन 2017 में उन्होंने इस गठबंधन को तोड़कर फिर से भाजपा से हाथ मिला लिया। वहीं 2022 में भाजपा से रिश्ता तोड़कर वह फिर से महागठबंधन के साथ हो लिए। इसलिए बिहार की राजनीति में उन्हें यू-टर्न लेने वाले नेता के रूप में भी जाना जाता है।

ऐतिहासिक फैसले

नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान कुछ ऐसे फैसले लिए जो ऐतिहासिक माने जाते हैं। उन्होंने पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया। बता दें कि पूरे देश में ऐसा करने वाला पहला राज्य बिहार था। उनके इस कदम को उनके विरोधियों ने भी सराहा था। इसके बाद नीतीश ने महिलाओं की मांग पर ही बिहार में शराबबंदी का फैसला लिया। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण देने का फैसला लिया। हर-घर नल जल और हर घर बिजली योजना और स्कूल गोइंग बेटियों के लिए साइकिल योजना का फैसला लिया गया।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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