सरकार के लिए 2017 चुनावों तक शहद , 19 लोकसभा के बाद से 22 विधानसभा चुनावों तक नीम और 22 के बाद फिर शहद से बनने वाले नेता ओमप्रकाश राजभर कल सदन में सरकार के लिए नीम के पत्ते जैसे कड़वे नज़र आये । उनका ये रुख देखकर सियासी हलकों में चर्चा रही कि लगता है मनमर्जी का सिस्टम बन नही पा रहा है ओपी राजभर का बीजेपी के साथ इसलिए नेता जी भरऊँआ कारतूस से फायर करने लग गए हैं ।
ओपी राजभर ने सदन में कहा कि सरकार भूमाफिया के नाम पर भूमिहीनों को उजाड़ने का काम कर रही है। सरकार भूमिहीनों को भूमाफिया न बनाए।
ओपी राजभर ने बजट पर सरकार को घेरते हुए ये भी कहा कि महंगाई कैसे कम हो इसके लिए बजट में कोई प्रविधान नहीं किए गए हैं। शिक्षा के लिए भी प्रयासों में कमी है। तेलंगाना जैसे छोटे से प्रदेश में वहां की सरकार केजी से लेकर पीजी तक की मुफ्त पढ़ाई के लिए 500 आवासीय कालेज चला रही है। इसमें पिछड़ों, दलितों व वंचितों के बच्चे पढ़ाई करते हैं। ऐसे ही स्कूल प्रदेश सरकार को भी खोलने चाहिए।
खंज़र सूत्र कहते हैं कि अगर स्थानीय निकाय चुनाव समय से हो जाते तो अब तक बीजेपी सुभासपा का गठबंधन हो जाता पर स्थानीय चुनावों के आगे बढ़ने से समीकरण गड़बड़ा गए डीलिंग के , अब लोकसभा चुनावों के आस पास ही गठबंधन होगा और जो डिमांड पंचायत वाले विभाग की ओमप्रकाश राजभर किये हैं उसपर विचार भी मुख्यमंत्री से लोकसभा चुनावों के प्रेशर में ही करवाया जा सकेगा ।
(अभिनव द्विवेदी )