युवा और खेल मंत्री अशोक चांदना ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता ज्यादा होने की वजह से बेरोजगारी के आंकड़े ज्यादा हुए हैं। चांदना बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के सवाल का जवाब दे रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा- जब से बेरोजगारी भत्ता 3500 और फिर 4000 से 4500 प्रतिमाह किया। तब से चाहे बेरोजगार हैं या नहीं, बड़ी संख्या में युवाओं ने आवेदन किए हैं। स्क्रूटनी के बाद ही पता लग पाता है कि वे बेरोजगार हैं या नहीं।
बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता ज्यादा होना ही है।
दरअसल, सतीश पूनिया ने चांदना से सवाल किया था कि राजस्थान बेरोजगारी के मामले में दूसरे नंबर पर क्यों है। बेरोजगारी भत्ते के आंकड़ों में फर्क क्यों है?
प्रदेश में 18 लाख से ज्यादा बेरोजगार बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्टर्ड
सतीश पूनिया के सवाल के जवाब में अशोक चांदना ने सदन में बताया- 21 फरवरी तक के रिकॉर्ड के अनुसार कुल 18 लाख 40 हजार 44 बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं।
इनमें पुरुषों की संख्या 11 लाख 22 हजार 090 और महिलाओं की संख्या 7 लाख 17 हजार 555 और अन्य 399 है।
21 फरवरी 2023 तक कुल 6 लाख 22 हजार 043 बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा चुका है। इसमें से वर्तमान में 1,90,873 पात्र बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
चांदना ने कहा- कुल लाभार्थी 6 लाख 90 हजार हैं। 10 लाख आठ हजार शिक्षित बेरोजगारों ने अप्लाई किया। इनमें से 2.65 लाख आवेदन अधूरे थे।
1.90 लाख का बेरोजगारी भत्ता चालू है। 37 हजार आवेदन अगले टर्म से मिलना चालू हो जाएगा। 28985 आवेदन जांच के लिए लंबित हैं।
4.32 लाख बेरोजगार दो साल तक बेरोजगार भत्ता ले चुके हैं। दो साल से ज्यादा बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलता। 54 हजार बेरोजगारों के आवेदन निरस्त हुए हैं।
मंत्री ने कहा- सरकार रोजगार सहायता शिविर लगा रही है। जनवरी, 2019 से जनवरी, 2023 तक 1062 रोजगार सहायता शिविर लगाए गए हैं।
उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ बोले- सरकार जल्द वकीलों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान जोधपुर में वकील जुगराज चौहान की हत्या और इसके विरोध में हो रही वकीलों की हड़ताल का मुद्दा गूंजा। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मामला उठाया।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा- 10 दिन पहले मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में वकील जुगराज चौहान की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी।
इस हत्याकांड के विरोध में प्रदेश भर की 800 अदालतों में वकील हड़ताल पर हैं। इससे हजारों पक्षकार परेशान हो रहे हैं, जमानतें अटक गई हैं। इससे कई लोग जेलों में पड़े हैं।
राठौड़ ने कहा- जुगराज चौहान जैसे मामले कई बार हुए हैं। चार साल में दर्जनों बार ऐसे मामले हुए हैं, जब एक पक्षकार की पैरवी करने पर दूसरे पक्षकार ने वकील पर हमला किया। सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने का वादा किया था।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाना पुरानी मांग है। जनघोषणा पत्र में वादा करने के अलावा बजट में भी इसकी घोषणा की जा चुकी है।
सरकार को इस मामले में तत्काल एक्शन लेना चाहिए। राजस्थान में तत्काल प्रभाव से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि वकीलों की सुरक्षा करना राज्य सरकार की ड्यूटी है।