राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को मीणा पुलवामा हमले में शहीद हुए हेमराज और 2 शहीदों के परिजनों के साथ विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि 4 साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है लेकिन अब तक सरकार ने वीरांगनाओं के साथ किया एक भी वादा पूरा नहीं किया है ऐसे में जब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीरांगनाओं से मिले इनकी लंबित मांगों को पूरा नहीं करेंगे हम धरने से नहीं हटेंगे। इस दौरान पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद किरोड़ी लाल मीणा विधानसभा गेट से उठ अमर जवान ज्योति की ओर जाने लगे। तभी पुलिस ने उनके कुछ समर्थकों को हिरासत में ले लिया। जिससे नाराज होकर मीणा अमर जवान ज्योति पर ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने मीणा के समर्थकों को छोड़ा। तब जाकर मीणा माने और पुलिस की बस में अपने समर्थकों के साथ बैठ शहीद स्मारक के लिए रवाना हो गए। फिलहाल मीणा वीरांगनाओं और अपने समर्थकों के साथ शहीद स्मारक पर सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हुए हैं।
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार ने वीरांगनाओं के लिए जो पैकेज घोषित किया था। उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया है। अब तक ना तो शहीदों की प्रतिमा लग पाई है। ना ही उनके गांव तक सड़क बनी है। वहीं शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी और आर्थिक पैकेज का वादा भी पूरा नहीं हुआ है।
दरअसल, पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के उन 40 जवान शहीद हुए थे। जिनमें राजस्थान ने भी पांच बहादुर बेटे खो दिए थे। इनमें शीद हेमराज मीणा कि पत्नी वीरांगना मधुबाला ने कहा कि शहादत के चार साल बाद भी पति की प्रतिमा नहीं लगाई गई। वहीं सरकार के मंत्रियो ने जो भी वादे किये थे। अब तक उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ है। इसलिए अब मजबूरन सरकार के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ा है। अगर सरकार ने अब भी हम से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। तो मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगा।
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 78 बसों में सवार होकर सीआरपीएफ के 2500 जवानों का काफिला गुजर रहा था। पुलवामा में सामने से आ रही एक एसयूवी जवानों के काफिले की बसों से टकराई और फिर विस्फोट हुआ। जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। CRPF जवानों का यह काफिला जम्मू स्थित चेनानी रामा ट्रांसिट कैंप से श्रीनगर के लिए निकला था। 320 किलोमीटर की दूरी तय करके जवानों को श्रीनगर के बख्शाी स्टेडियम स्थित ट्रांसिट कैंप में पहुंचना था। पुलवामा हमले का बदले लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयरस्ट्राइक की थी।