नई दिल्ली: भारत की मौजूदा टीम काफी मस्तमौला मानी जाती है. क्रिकेट के साथ-साथ खिलाड़ी ऑफ द फील्ड भी काफी मस्ती मजाक करते हैं. कोई डांस करने का शौकीन है तो कोई पार्टी एनिमल है. ऐसे भी खिलाड़ी टीम में मौजूद हैं जिन्हें गाना गाने का शौक है. टीम इंडिया के एक सदस्य ऐसा भी है जो बचपन में क्रिकेटर नहीं बल्कि डांसर बनना चाहता था. इसके लिए बैटर ने डांस क्लास भी ली थी. हार्दिक पंड्या की टीम का ये खिलाड़ी ना सिर्फ क्रिकेटर बना बल्कि उसने कप्तान के तौर पर भारतीय टीम को अंडर-19 वर्ल्ड कप भी दिलवाया. हम बात कर रहे हैं पृथ्वी शॉ की.
डेब्यू सीरीज में किया कमाल
पृथ्वी शॉ ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के आधार पर टी20 टीम के स्क्वाड में वापसी की है. उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 टीम में जगह दी गई. हालांकि वो प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाए. पृथ्वी शॉ की टीम इंडिया में एंट्री बेहद धमाकेदार थी. साल 2018 में वो वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम में डेब्यू करने में सफल रहे थे. अपनी डेब्यू सीरीज में ही बैक टू बैक शतक जड़ पृथ्वी प्लेयर ऑफ द सीरीज बने थे. हालांकि ज्यादा दिन तक वो अपनी फॉर्म को बरकरार नहीं रख सके और टीम इंडिया से बाहर हो गए थे.
पिता ने डांस करने से रोका
पृथ्वी शॉ ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि क्रिकेट खेलने की शुरुआत करने से पहले वो डांस करने के शौकीन थे. तब वो मुंबई के विरार में रहा करते थे. स्कूल के दिनों में वो डांस क्लास के लिए भी जाया करते थे. पृथ्वी का कहना है कि म्यूजिक बजते ही उनके हाथ और पांव थिरकने लगते थे. मुंबई में गणपति विसर्जन के दौरान उन्हें अपने डांसिंग टैलेंट को निखारने का अच्छा मौका मिला. उन्होंने स्कूल व अंडर-14 स्तर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया तो पिता उन्हें डांस करने से रोकने लगे. पृथ्वी का कहना है कि क्रिकेट की दुनिया में कदम रखने के बाद पिता उन्हें गणपति विसर्जन के दौरान डांस भी नहीं करने देते थे. वो लगातार तीन साल विसर्जन के दौरान डांस नहीं कर पाए. एक बार तो वो पिता के सामने रो पड़े. तब जाकर उन्हें गणपति विजर्सन में डांस करने की इजाजत दी गई.
तोड़ चुके हैं धोनी का रिकॉर्ड
पृथ्वी को फैन्स विस्फोटक बैटर के रूप में जानते हैं. वो 50 ओवरों के क्रिकेट में धोनी का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं. भारत के लिस्ट ए टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ ने मुंबई की कप्तानी करते हुए सौराष्ट्र के खिलाफ नाबाद 185 रन ठोक दिए. यह रनों का पीछा करते हुए किसी भी भारतीय द्वारा सबसे बड़ा निजी स्कोर है. इससे पहले साल 2005 में धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ रनों का पीछा करते हुए 184 रनों की पारी खेली.