रोबोट्स सभी ने फिल्मों में जरूर देखा होगा. रजनीकांत की मशहूर फिल्म रोबोट में चिट्टी का किरदार भी सबको खूब पसंद आया था. आजकल कई सेक्टर्स में रोबोट्स का इस्तेमाल होने भी लगा है. इस बीच PLOS ONE साइंटिफिक जर्नल में एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. जो कहती है कि इंसानों को ऊबाउ लगने वाले घरेलू कामों में रोबोट्स ज्यादा जगह लेंगे.
PLOS ONE में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक अगले दशक के अंत तक, रोबोट कम से कम 39% समय घरेलू कामकाज और लोगों की देखभाल में लगा देंगे. यानी घरेलू कामों में रोबोट्स ज्यादा शामिल रहेंगे.
करीब 65 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्सपर्ट्स से कंसल्ट करने के बाद, यूके और जापान के रिसर्चर्स ने पाया कि अगले 10 सालों में किराने का सामान खरीदना सबसे ज्यादा ऑटोमेटेड होगा. वर्तमान में इस काम पर 60 प्रतिशत खर्च किया जाता है. जोकि बच जाएगा.
वहीं, बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल में सबसे कम ऑटोमेशन देखने को मिलेगा. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ओशनोमिजू यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने देखा कि मनुष्य अवैतनिक घरेलू कार्यों के लिए AI पर सबसे अधिक निर्भर हैं.
इसलिए रोबोट वैक्यूम क्लीनर का उपयोग दुनिया में सबसे लोकप्रिय हो रहे हैं. मैक्सिमाइज मार्केट रिसर्च को उम्मीद है कि क्लीनिंग रोबोट का बाजार 2029 तक 22.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा.
वर्तमान में, वयस्क अपने सभी काम और पढ़ाई के समय का 43 प्रतिशत नियमित घरेलू काम पर खर्च करते हैं. डॉमेस्टिक रोबोट्स का फ्यूचर प्रेडिक्ट करने के लिए UK के 29 AI एक्पर्ट्स और जापान के 36 AI एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिया था.
रिसर्च में पाया गया कि यूके के मेल एक्सपर्ट्स का अपनी फीमेल काउंटरपार्ट्स की तुलना में डॉमेस्टिक ऑटोमेशन के प्रति अधिक आशावादी दृष्टिकोण था. जबकि, ये मामला जापान में उल्टा था.