क्या आपने कभी WhatsApp Hijacking के बारे में सुना है? अगर नहीं तो हम यहां आपको बताएंगे. इस शब्द को सुनकर आप ऐसा सोच रहे होंगे कि किसी के द्वारा वॉट्सऐप को हैक करने का मामला होगा. लेकिन, यहां केस थोड़ा अलग है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
दरअसल वॉट्सऐप हाईजैकिंग में जोर-जबरदस्ती से वॉट्सऐप का डेटा का एक्सेस नहीं किया जाता. बल्कि ऐसा गलती से हो जाता है या कहें यूजर की भूल की वजह से हो जाता है. अकाउंट हाईजैक होने के बाद आपके डेटा का क्या होगा ये आपकी किस्मत पर निर्भर करता है.
कई बार ऐसा होता है कि हम एक नंबर को काफी समय तक इस्तेमाल नहीं करते या एक्टिव नहीं रखते. लेकिन, इसी नंबर से बना वॉट्सऐप अकाउंट किसी इस्तेमाल होता रहता है. ऐसे में इस नंबर को एक्टिव ना होने की वजह से टेलीकॉम कंपनियां किसी दूसरे को अलॉट कर देती हैं.
ऐसी स्थिति में होता यूं है कि अगर कोई दूसरा यूजर उस नंबर से वॉट्सऐप अकाउंट क्रिएट करता है तो अकाउंट की सारी डिटेल्स उसके पास पहुंच जाती है. ऐसी ही एक घटना Vice के साइबरसिक्योरिटी रिपोर्टर Joseph Cox के साथ साल 2020 में घटी थी. उन्होंने नया फोन नंबर लिया और उनके पास गलती से किसी दूसरे का सारा डेटा आ गया था.
ऐसे में जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति शरीफ हो. हो सकता है ऐसे में कभी आपकी भूल की वजह से अगर आपका डेटा किसी के हाथ लग गया तो आपके चैट्स, फोटो और वीडियो के जरिए वो आपको ब्लैकमेल कर सकता है या और भी गलत तरह से फायदा उठा सकता है.
ऐसे में अपने अकाउंट को प्रोटेक्ट करने के लिए यूजर्स को वॉट्सऐप को नए नंबर के साथ एक्टिवेट कर लेना चाहिए. इसके अलावा 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन कर लेना चाहिए. इससे लॉगिन करने के लिए अलग से 6 डिजिट पिन की जरूरत होती है.