राजस्थान में 19 फरवरी को आयोजित हुई CHO भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध तेज हो गया है। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार की लापरवाही से लगातार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। सरकार न तो आरोपियों पर कार्रवाई कर रही है, और ना ही भर्ती परीक्षा को रद्द कर रही है। ऐसे में अगर CHO भर्ती परीक्षा को रद्द कर दोषियों को नहीं पकड़ा गया तो बेरोजगार सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे।
19 फरवरी को एक पारी में हुई सीएचओ भर्ती परीक्षा में सोशल मीडिया पर पेपर वायरल होने के बाद से ही संविदा पर निकाली गई इस भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग तेज होने लगी है। परीक्षा से करीब 3 घंटे पहले पेपर के बाहर आने और विनोद मीणा द्वारा सुबह 7 बजे पेपर आने की बात स्वीकार करने के सारे सबूत एसओजी और बोर्ड कार्यालय को सौंप दिए गए हैं तो वहीं अब दूसरी ओर इस मामले को उठाने वाली दोनों छात्राओं ने अपनी जान को खतरा होने की बात कही है।
उपेन ने कहा, CHO परीक्षा का आयोजन सुबह 10.30 बजे से होना था। लेकिन जो आरोपी विनोद मीणा है जिसके मोबाइल से सुनीता सेन के पास पेपर आया था। उसने खुद स्वीकार किया है कि पेपर उसके पास सुबह 7 बजे आ गया था। ऐसे में परीक्षा से करीब तीन घंटे पहले पहले पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जो काफी अभ्यर्थियों तक पहुंचा है।
इसलिए CHO पेपर को रद्द करते हुए एक महीने में फिर से दोबारा भर्ती परीक्षा आयोजित करवानी चाहिए। उपेन ने कहा कि CHO भर्ती पेपर लीक मामले को उठाने वाली सुनीता सेन और सुखी चौधरी को धमकिया मिल रही हैं। इसके साथ ही फोन पर उनके साथ गाली-गलौज की जा रही है। ऐसे में इन्हें सुरक्षा देने के साथ ही दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए।
उपेन ने कहा कि 7 फरवरी को RPSC के बाहर बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज करने वाले एसएचओ को निलंबित किया जाना चाहिए। अगर 7 दिनों में एसएचओ पर कार्रवाई नहीं होती है तो 3 मार्च से आंदोलन को उग्र किया जाएगा। फ़िलहाल मैंने पिछले 14 दिनों से अन्न का त्याग कर रखा है लेकिन अगर एसएचओ को 3 मार्च तक कार्रवाई नहीं हुई। तो 3 मार्च से पानी को छोड़कर सभी लिक्विड का त्याग कर दूंगा।