दौसा जिले में 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के सोहना-दौसा खंड के लोकार्पण कार्यक्रम पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने चुटकी ली। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
वीडियो पिछले दिनों श्रीगंगानगर में हुए एक कार्यक्रम का बताया जा रहा है। जहां पायलट ने अपने भाषण में कहा कि दिल्ली से मुंबई सड़क जा रही है और उनको (भाजपा) उद्घाटन करने के लिए दौसा जिला ही मिला है।
पायलट ने कहा- उनको भी मालूम है कि जहां हमारी पार्टी व हम लोगों का गढ़ है, वहीं जाकर दस्तक देनी है। उन्होंने कहा आप कितनी भी मीटिंग कर लो, कितने फीते काट लो, कितनी घोषणाएं कर लो, लेकिन जनता और मतदाता अपने-पराए का फर्क करना जानता है। उसको (जनता) मालूम है कि कौन हमारे लिए जीने-मरने को तैयार है और कौन वोट लेने के लिए यहां पर आए हैं।
सचिन बोले- ERCP का वादा भूल गए PM
ERCP (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) को लेकर पायलट ने कहा मैं तो प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि 4 साल से आपने मुड़कर नहीं देखा। ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के आपने 5 साल पहले वादे किए थे वह आपको याद नहीं आए।
ERCP पर यह बोले थे प्रधानमंत्री
पिछले दिनों धनावड में सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि राजस्थान में पानी की समस्या का समाधान करना भाजपा की प्राथमिकता है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच केन-बेतवा नदियों को जोड़ने का काम शुरू हो रहा है।
पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में भी पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना और पार्वती, कालीसिंध व चंबल नदियों को जोड़कर एक बड़ी परियोजना का प्रारूप तैयार किया गया है।
इसके प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने राजस्थान व मध्य प्रदेश की सरकार से साझा किया है। इस परियोजना को नदियों से जुड़ी विशेष समिति ने प्राथमिकता में शामिल किया है। जब दोनों राज्यों (राजस्थान व मध्यप्रदेश) की सहमति हो जाएगी तों केंद्र सरकार इसे आगे बढ़ाने का जरूर विचार करेगी।
कांग्रेस का गढ़ माना जाता है दौसा जिला
कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित नवलकिशोर शर्मा व राजेश पायलट के वक्त से ही दौसा जिले को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। सचिन पायलट व उनकी मां रमा पायलट भी दौसा से सांसद रही हैं। वर्तमान में जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर कांग्रेस के विधायक काबिज हैं। हालांकि 2014 व 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली थी।