नई दिल्ली: चेतेश्वर पुजारा के 100 टेस्ट मैच पूरे होने के चलते एक बार फिर से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि भारत के कौन-कौन से बल्लेबाजों ने इस जादुई आंकड़े को छू पाए हैं. टीम इंडिया के जितने भी सर्वकालिक महान प्लेयर रहे हैं, उनमें से ज्यादातर ने 100 टेस्ट मैचों में अपना जौहर दिखाया है. लेकिन इस लिस्ट में एक ऐसे बैट्समैन का नाम है, जिसने इंडियन क्रिकेट को कलाई का जादू दिखाना सिखाया. लंबे समय तक टीम इंडिया की कप्तानी भी की, लेकिन इन्हें 100 टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला. इस महान बैट्समैन की कहानी इसलिए और भी दिलचस्प हो जाती है, क्योंकि इनके करियर का अंत 99 टेस्ट मैच पर हो गया.
यह क्रिकेटर और कोई नहीं बल्कि मोहम्मद अजहरुद्दीन हैं. जब मोहम्मद अजहरुद्दीन टीम इंडिया की कमान संभाल रहे थे, उस वक्त भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुनहरा नजर आ रहा था. लेकिन मैच फिक्सिंग में नाम आने के बाद ना केवल अजहरुद्दीन का करियर 99 टेस्ट पर अटक कर खत्म हो गया. बल्कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य भी अंधकार में जाता हुआ दिखने लगा.
2000 में मैच फिक्सिंग कांड में मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम आने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उन पर लाइफ बैन लगा दिया. इसी के साथ अजहर के शानदार क्रिकेट करियर का भी अंत हो गया. हालांकि, अजहर ने इस बैन के खिलाफ काफी लंबी लड़ाई और 2012 में उन्हें इसमें जीत भी मिली. 12 साल लड़ाई लड़ने के बाद उन पर लगा बैन हटा दिया गया, लेकिन तब तक वक्त हाथों से फिसल चुका था.
मोहम्मद अजहरुद्दीन पर फिक्सिंग का आरोप खुद फिक्सिंग में फंसे दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी हैंसी क्रोनिए ने लगाया था. टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर ने भी अजहर पर फिक्सिंग का आरोप लगाया था. अजहर का नाम इसके बाद अंडरवर्ल्ड के साथ भी जुड़ने लगा था. इससे उनका क्रिकेट करियर खत्म हो गया.
बता दें कि 1984 में शतक के साथ अपने टेस्ट करियर का डेब्यू करने वाले अजहरुद्दीन ने अपने 99वें और अंतिम टेस्ट मैच में भी शतक जड़ा था. अजहर ने भारत के लिए खेले 99 टेस्ट मैचों में 45 की औसत से 6125 रन बनाए. अजहर ने भारत के लिए 334 वनडे मैच खेले और 36.92 की औसत के साथ 9378 रन बनाए. अपने 15 साल के इंटरनेशनल करियर की शुरुआत अजहरुद्दीन ने तीन शतकों के साथ की थी.