New Delhi: राजस्थान का ये किसान साइबर अपराधियों से अकेले टकराया, वापस मिले ठगे गए लाखों रुपये, हैरान कर देने वाली है घटना

New Delhi: राजस्थान का ये किसान साइबर अपराधियों से अकेले टकराया, वापस मिले ठगे गए लाखों रुपये, हैरान कर देने वाली है घटना

बीते कुछ सालों में हर हाथ में फास्ट डेटा के साथ स्मार्टफोन पहुंचा है और लोग छोटे-बड़े सभी तरह के काम महज एक क्लिक से कर पा रहे हैं. लेकिन, ऐसे में साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ा है. अपराधी आजकल लोगों को लूटने के लिए रोज नए-नए तरीके लेकर आते हैं. अब एक ताजा किस्से में राजस्थान के एक किसान के अकाउंट से हैकर्स ने 8 लाख रुपये निकाल लिए. लेकिन, गनीमत ये रही कि किसान ने काफी पैसा वापस पा लिया. आइए जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में.

55 साल के पवन कुमार सोनी राजस्थान के श्री गंगानगर शहर में रहते हैं. वहीं, उनका 26 साल का बेटा हर्षवर्धन दिल्ली में द्वारका में रहता है. हुआ कुछ यूंकि पवन कुमार के बैंक अकाउंट में उनके बेटे का नंबर रजिस्टर्ड है. ऐसे में उनके अकाउंट की सभी जानकारियां बेटे के नंबर पर जाती है. 7 जनवरी की बात है जब हर्ष को एक मैसेज मिला, जिसमें लिखा हुआ था कि आपका अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया है. कृप्या अपना KYC अपडेट करें.

हर्ष ने इसे बैंक का मैसेज समझकर क्लिक कर दिया है. क्लिक करते ही एक डुप्लीकेट SBI YONO ऐप उनके फोन में डाउनलोड हो गया. हर्ष के फोन में पहले से योनो ऐप मौजूद था. लेकिन, उन्हें लगा कि ये नया ऐप है. ऐसे में हर्ष ने फेक ऐप में अपना ID और पासवर्ड डाल लिया. ऐसा करने के 7 मिनट बाद ही पवन कुमार के अकाउंट से 8,03,899 रुपये कट गए.

गलत तरीके से इतने पैसे कट जाने के बाद हर्ष को ये अहसास हुआ कि उसने गलत ऐप में ID पासवर्ड डाला है और इस वजह से हैकर्स ने पैसे लूट लिए हैं. इसके बाद हर्ष ने अपने पिता को फोनकर इसकी जानकारी दी है और बैंक जाकर ट्रांजैक्शन्स को रोकने के लिए कहा. साथ ही हर्ष खुद द्वारका में जिला साइबर सेल शिकायत दर्ज कराने के लिए गए.

एक तरफ जहां हर्ष को द्वारका साइबर सेल से ज्यादा मदद नहीं मिली तो दूसरी तरफ पवन कुमार बैंक मैनेजर से संपर्क कर पाए और उन्होंने लोकल साइबर सेल को इसकी जानकारी दी. PTI को पवन कुमार ने बताया कि मैनेजर ने उन्हें तीन अकाउंट में पैसे जाने की जानकारी दी. PayU में 5 लाख और 1.24 लाख रुपये, CCAvenue में 1,54,899 रुपये और एक्सिस बैंक में 25,000 रुपये गए.

बैंक मैनेजर ने पवन कुमार को बताया कि PayU ने उनके मेल का जवाब दिया है और पैसे के ट्रांसफर को रोक दिया है. लेकिन, दो दिन में साइबर क्राइम डिपार्टमेंट से अगर उन्हें कोई रिप्लाई नहीं मिलेगा, तो वे मर्चेंट के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देंगे. इस दौरान हर्ष ने भी घटना की जानकारी साइबर ऑफिशियल्स को दी और शिकायत दर्ज कराई लेकिन उसने कहा कि सेल की ओर से कोई तुरंत कार्रवाई नहीं की गई.

हालांकि, गंगानगर में हर्ष के पिता ने लोकल साइबर सेल की मदद ली, जिसपर पुलिस की ओर से PayU को लेटर लिखा गया और उनके अकाउंट में 6,24,000 रुपये वापस पहुंच गए. लेकिन, इसके बावजूद Axis Bank और CCAvenue वाले 2 लाख रुपये बचे हुए थे. पवन कुमार ने बताया कि उनकी रिक्वेस्ट पर उनके रिश्तेदार के एक फ्रेंड, जो कि डिजिटल फायनेंस प्रोफेशनल हैं, उन्होंने पता लगाया कि एक्सिस बैंक में गए 25,000 रुपये और कोलकाता में ATM से निकाले गए हैं.

इसी तरह CCAvenue में गए 1,54,899 रुपये में से 1,20,000 रुपये अपराधियों द्वारा कोलकाता के जियो स्टोर पर कुछ खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया है. इस पर पवन कुमार ने कोलकाता में संबंधित पुलिस स्टेशन से बात की, लेकिन उन्होंने दिल्ली से पुलिस से लिखित में मिलने के बाद ही एक्शन लेने की बात कही.

हालांकि, पवन कुमार का आरोप है कि वो खुद और उनका बेटा एक्सिस बैंक, सीसीएवेन्यू और कोलकाता पुलिस को लिखने के लिए द्वारका के साइबर सेल से संपर्क करते रहे लेकिन उन्होंने 23 जनवरी तक कोई कार्रवाई नहीं की, जिसमें काफी देर हो चुकी थी.

लेकिन पवन कुमार और उनके बेटे ने उम्मीद नहीं छोड़ी और जालसाज का नाम और पता ढूंढ़ने में सफल रहे. उन्होंने खुलासा किया कि जालसाज और अन्य साइबर स्कैमर्स खुद को डिजिटल भुगतान कंपनियों के साथ व्यापारियों के रूप में पंजीकृत करते हैं. लेकिन, भुगतान व्यापारियों द्वारा केवाईसी की इतनी मेहनत से जांच नहीं करने के कारण, वे एक घोटाला कर पाते हैं. साथ ही पवन कुमार और उनके बेटे वर्धन ने भी द्वारका साइबर सेल पर धीमी कार्रवाई का आरोप लगाया. पवन कुमार ने कहा, जब मैं पैसे के लेन-देन का पता लगा सकता हूं, तो पुलिस क्यों नहीं? वे इसे और जल्दी और आसानी से कर सकते हैं.

जवाब में, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), द्वारका, हर्षवर्धन ने स्वीकार किया कि पुलिस को बड़ी मात्रा में शिकायतें मिलती हैं और उनकी प्रतिक्रिया की गति में हमेशा सुधार की गुंजाइश होती है.


 zldiex
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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