भारत में अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बयान के बाद बवाल मचा हुआ है. दरअसल, उन्होंने गौतम अडानी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने की कोशिश की, जिस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि वे भारत के लोकतंत्र में दखल न दें. सोरोस पहले भी चर्चा में रह चुके हैं. 11 नवंबर 2003 को वॉशिंगटन पोस्ट को दिए इंटरव्यू में सोरोस ने कहा था कि उनका मकसद जॉर्ज बुश को हटाना है, तब बुश अमेरिका के राष्ट्रपति थे. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी ठग कहा है. इन सब बहस के बीच ये जानना जरूरी है कि आखिर यह जॉर्ज सोरोस है कौन?
जॉर्ज सोरोस 92 साल के अमेरिकी-हंगेरियन अरबपति हैं. सोरोस खुद को जरूरतमंदों की मदद करने वाला मानते हैं. इनका जन्म यहूदी परिवार में 12 अगस्त 1930 में हुआ था. यह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हैं. इनकी नेटवर्थ साढ़े 6 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है.
सोरोस जब 9 साल के थे तब दूसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया था. यह वही दौर था जब हंगरी में यहूदियों को खोज-खोज कर मारा जा रहा था. सोरोस के परिवार ने इस नरसंहार से बचने के लिए फेक आईडी बनवाई थी. 1945 में जब युद्ध खत्म हुआ तो इसके बाद वह भागकर लंदन आ गए थे.
1947 में सोरोस ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में फिलॉसफी से पढ़ाई की. उन्होंने इस दौरान वेटर का भी काम किया. पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद सोरोस अमेरिका आ गए थे. सोरोस ने 1973 में हेज फंड की स्थापना के बाद निवेश निर्णय लेकर वित्तीय दुनिया में अपनी पहचान बनाई.
अपनी पढ़ाई के बाद, वह लंदन के मर्चेंट बैंक सिंगर एंड फ्रीडलैंडर में शामिल हो गए. एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, 1956 में, सोरोस न्यूयॉर्क चले गए, जहां उन्होंने शुरुआत में यूरोपीय सिक्योरिटीज के विश्लेषक के रूप में काम किया.
जॉर्ज सोरोस अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं. उन्होंने 2003 में ऐलान कर दिया था कि जॉर्ज डब्ल्यू बुश को सत्ता से हटाना उनका मकसद है, यहां तक कि उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति लुटाने की भी बात कह दी थी.
शीत युद्ध की समाप्ति के बाद, सोरोस ने 70 से अधिक देशों में ओपन सोसाइटी फाउंडेशनों की स्थापना की. वह राजनीतिक रूप से भी सक्रिय रहे और उन्होंने बराक ओबामा, हिलेरी क्लिंटन और जो बाइडन के राष्ट्रपति अभियान का समर्थन किया.
अरबपति जॉर्ज सोरोस ने हाल में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक विवादित बयान दिया. जॉर्ज सोरोस ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं तानाशाह हैं. इस टिप्पणी का विपक्ष ने भी विरोध किया.
पीएम मोदी पर टिप्पणी के बाद विदेशमंत्री जयशंकर ने सोरोस पर निशाना साधा और कहा कि वे बुजुर्ग, अमीर और खतरनाक हैं. ऐसे लोगों को लगता है कि चुनाव तभी अच्छे हैं, जब उनकी पसंद का व्यक्ति जीत जाए.