Gujrat: मोरबी हादसा क्यों हुआ? SIT की रिपोर्ट में खुलासा- तो बच जाती 135 लोगों की जान

Gujrat: मोरबी हादसा क्यों हुआ? SIT की रिपोर्ट में खुलासा- तो बच जाती 135 लोगों की जान

नई दिल्ली: गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे (Morbi Bridge Collapsed) में नया खुलासा हुआ है. एसाईटी (Morbi Bridge SIT Report) की प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया है कि केबल पर लगभग आधे तारों पर जंग लगा हुआ था और पुराने सस्पेंडर्स को नए से जोड़ा गया था, जिसके चलते साल 2022 में मोरबी में पुल गिर गया था. इस हादसे में कुल 135 लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने इस रिपोर्ट को दिसंबर, 2022 में ही सौंप दिया था. हालांकि इस रिपोर्ट को हाल ही में राज्य शहरी विकास विभाग द्वारा मोरबी नगर पालिका के साथ शेयर किया गया है.

अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) को मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के सस्पेंशन ब्रिज के संचालन और रखरखाव के लिए ठेका मिला था. ये पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को नदी में गिर गिया था. एसआईटी टीम ने अपनी रिपोर्ट में पुल की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में खामियों का जिक्र किया है. एसआईटी की इस टीम में आईएएस अधिकारी राजकुमार बेनीवाल, आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी, राज्य सड़क और भवन विभाग के एक सचिव और एक मुख्य अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के एक प्रोफेसर शामिल थे.

एसआईटी ने रिपोर्ट में बताया कि मच्छू नदी पर 1887 में तत्कालीन शासकों द्वारा बनाए गए पुल के दो मुख्य केबल में से एक केबल में जंग की दिक्कत थी और हो सकता है कि इसके लगभग आधे तार पर 30 अक्टूबर की शाम को केबल टूटने से पहले ही टूट चुके हो. एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक नदी के ऊपर की तरफ की मुख्य केबल टूट गई, जिससे यह हादसा हुआ. हर केबल सात तारों से बनी थी. प्रत्येक में सात स्टील के तार थे.

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस केबल को बनाने के लिए कुल 49 तारों को सात जगह एक साथ जोड़ा गया था. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 49 तारों में से 22 में जंग लगा हुआ था, जो इस बात का इशारा करता है कि वे तार घटना से पहले ही टूट गए होंगे. बाकी के 27 तार हादसे में टूट गए होंगे.

बता दें कि मोरबी नगर पालिका ने सामान्य बोर्ड की मंजूरी के बिना ओरेवा ग्रुप को पुल के रखरखाव और संचालन का ठेका दिया था, जिसने मार्च 2022 में पुल को नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया था और 26 अक्टूबर को बिना अनुमति के इसे खोल दिया था.

Leave a Reply

Required fields are marked *