महाशिवरात्रि पर काशी की शिव बारात इस दफा अनोखी होगी। शिव दूल्हा होंगे, तो बाराती विदेशी राष्ट्रअध्यक्षों के मुखौटा लगाए होंगे। ये शिव बारात G-20 स्पेशल होगी। इसे काशी कॉर्निवाल कहा जा रहा है। बारात शनिवार सुबह 7.30 बजे से निकलेगी। ये बारात पूरे 18 घंटे तक चलेगी। रात 12 बजे जयमाल रस्म पर खत्म होगी।
पहली बार बाराती मसाने के साथ बरसाने की होली खेलेंगे
ये बारात पूरी दुनिया को LIVE दिखाई जाएगी। shivbarat नाम से एक वेबसाइट के साथ ही फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज बनाए गए हैं। वहीं, एक और खास बात ये है कि पहली बार शिव बाराती मसाने के साथ ही बरसाने की भी होली खेलेंगे। करीब 4-5 लाख श्रद्धालु इस शिव बारात में हिस्सेदारी करेंगे। 100 से ज्यादा झांकियां निकाली जाएंगी।
साथ में, 150 सपेरे, 100 बंदर-मदारी, दर्जनों हाथी, घोड़े, ऊंट, बैल, गाय, भूत-पिशाच, ढोल-नगाड़े और बैंडबाजे वाले, औघड़, नागा, जिन्न, साधु, पहलवान, खिलाड़ी, शायर, साध्वी, प्रोफेसर, साहित्यकार, संगीतकार, कथाकार, भोजपुरी स्टार और विदेशी कलाकार इसमें शामिल होने वाले हैं।
आइए, बारी-बारी से जानते हैं कैसी होंगी शिव बारात की तैयारियां...
बदरुद्दीन अहमद बनेंगे पार्वती, शिव होंगे शायर पंडित सुदामा
शिव बारात के मुख्य आयोजक दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि इस शिव बारात में दूल्हा प्रख्यात शायर पंडित सुदामा प्रसाद तिवारी उर्फ साड़ बनारसी को बनाया जाएगा। वहीं, पार्वती बनेंगे बदरुदीन अहमद। शिव बारात में हम G-20 देश और दुनिया को काशी की गंगा-जमुनी तहजीब दिखाएंगे। पार्वती हमने मुस्लिम कैरेक्टर को ही बनाया है। हर धर्म के लोग, जोगी, साधु, सिख गुरु और मौलवी इस बारात में भांग-ठंडई पीकर नाचेंगे। सहबल्ला होंगे 80 साल के अमरनाथ शर्मा डैडी।
महामृत्युंजय से उठकर चितरंजन पार्क तक जाएगी बारात
वाराणसी में यूं तो कई स्थान से शिव बारात निकलेंगी। मगर, मुख्य शिव बारात सुबह महामृत्युंजय महादेव और तिल भांडेश्वर मंदिर से सुबह 7.30 बजे उठेगी। यह बारात मैदागिन, चौक, गौदोलिया होते हुए चितरंजन पार्क तक जाएगी। यहां तक बारात को पहुंचने में रात 12 बज जाएगा। बीच में ही मसाने और बरसाने की होली होगी। साथ ही सर्कस और भांग ठंडई पीकर भक्त शिवधुन पर तांडव करेंगे।
होगी गोबर-माटी वाली होली
हर बार शिव बाराती केवल मसाने की ही होली खेलते थे। मगर, इस बार शिव बाराती पूर्वांचल की गोबर-माटी से लेकर, मथुरा, बरसाने और मसाने तक की होली एंजॉय करेंगे। हर कैटेगरी की होली खिलाने वाले एक्सपर्ट काशी आ रहे हैं। चितरंजन पार्क पहुंचने के बाद जयमाल और परछन की रस्म निभाई जाएगी। वहीं, अगले साल से शिव-पार्वती मंडप में 7 फेरे भी लेंगे। विदाई होगी।
10 किलोमीटर लंबी होगी बारात
काशी की शिव बारात पर G-20 पर फ्लेवर चढ़ गया है। इस बार शिव बारात काशी कार्निवाल के रंग-रूप में नजर आएगा। रियो, म्यूनिख और फ्रांस की तर्ज से यहां भी 10 किलोमीटर के एरिया में सर्कस, हजारों छोटे-बड़े मुखौटा धारी लोग और नाच-गाना होगा।
8-10 लाख बारातियों में G-20 देशों के सिंबोलिक राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होंगे। यानी कि आम शिव बाराती ही उन राष्ट्राध्यक्षों का मुखौटा और परिधान पहनकर सड़क पर चलेंगे। उनके हाथ में अपने-अपने देश का झंडा होगा। सबसे आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मास्क पहने शिव बाराती G-20 की अध्यक्षता करेगा।
सोशल मीडिया पर पेज तैयार
इसे ग्लोबल रूप देने के लिए आयोजकों ने पहली बार shivbarat नाम से वेबसाइट और सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेज भी तैयार कर लिए हैं। चूंकि, G-20 बैठकें देश में आयोजित होनी है, इसलिए अब शिव बारात पूरी दुनिया भर के लोगों को लाइव दिखाई जाएगी।
बारात की दूसरी थीम होगी काशी की अल्हड़ मस्ती
शिव बारात में कुछ ड्रामा और एक्टिंग भी किए जाएंगे। इसमें हम काशी की पुरानी मस्तियों का मंचन करेंगे। जो आज काशी से खत्म हो गया, वो प्रस्तुत करेंगे। काशी में आने वाला पर्यटक आजकल कुछ लेकर नहीं जाता। जबकि, पहले कभी काशी आने वाले लोग यहां का मौज रस लेकर जाते थे। यानी कि यहां के विचार, चिंतन, संस्कृति और आदतें।