प्रवर्तन निदेशालय ( ED): करोड़ों रुपए के अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप के घोटाले में लखनऊ, हरदोई, फर्रुखाबाद और बाराबंकी समेत 6 शहरों में स्थित मेडिकल संस्थानों में छापेमारी की। नई दिल्ली स्थित ED मुख्यालय और लखनऊ के जोनल कार्यालय की टीमों की सुबह 7 बजे से रैपिड एक्शन फोर्स के साथ शुरू की गई कार्रवाई देर रात तक जारी रही।
ED की देर रात तक चलती रही कार्रवाई, कई दस्तावेज किए जब्त
ED ने छह जिलों में 22 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान स्कॉलरशिप से जुड़े कब्जे में लिए हैं। सूत्रों का कहना है कि लखलऊ में फैजुल्लागंज क्षेत्र स्थित हाईजिया इंस्टीट्यूटी के साथ विकासनगर स्थित हॉस्टल और जानकीपुरम स्थित संचालक के आवास पर भी छापेमारी की गई। वहीं फर्रुखाबाद में ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के साथ संचालक प्रभात गुप्ता के लखनऊ स्थित घर पर टीम ने जांच की। वहीं उनके मॉडर्न अल्ट्रासाउंड सेंटर पर दस्तावेज खंगाले।
दूसरी तरफ हरदोई अतरौली के मदारपुर कुकुरा स्थित जीविका कालेज आफ फार्मेसी के दो ठिकानों और बाराबंकी व हैदरगढ़ में इन संस्थानों से जुड़े लोगों के ठिकानों पर तलाशी ली। छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज, संपत्तियों के कागजात, बैंक खातों व लॉकरों की जानकारी मिली है। नकदी, लैपटॉप और कंप्यूटर के हार्ड डिस्क भी जब्त किए गए हैं।
फर्जी एडमिशन दिखाकर किया गया था खेल
ED सूत्रों के मुताबिक केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्कॉलरशिप की करोड़ों रुपए की रकम में हेराफेरी की गई थी। इसके लिए संस्थानों ने फर्जी छात्र -छात्राओं को दर्शाकर उनके फर्जी खाते खुलवाए। जिसमें आई स्कॉलरशिप को निजी हितों के लिए निकाल लिया। अभी तक की जांच में कई बैंककर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आए हैं। टीम इससे जुड़े खातों का ब्योरा भी जुटाया है। इस मामले में ED ने मनी लांड्रिंग का केस दिसंबर 2022 में दर्ज किया गया था। साल 2017 में विजिलेंस ने भी इस मामले की जांच की थी।