3D प्रिटिंग को एक खास तरह की टेक्नोलॉजी है, जिससे कम समय और मेहनत काफी सारी चीजों का निर्माण किया जा सकता है. लेकिन, इसके बारे में अभी भी काफी कम ही लोगों को जानकारी है. ऐसे में हम यहां आपको 3D प्रिटिंग के बारे में बताने जा रहे हैं.
3D प्रिटिंग मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया है. इसका इस्तेमाल थ्री डायमेंशनल ऑब्जेक्ट को बनाने के लिए किया जाता है. जैसे सामान्य प्रिंटर किसी भी पेपर या डॉक्यूमेंट को प्रिंट करके देता है. इसी तरह इस प्रक्रिया में ये काम 3D में होता है.
इस प्रोसेस में पहले किसी 3D डिजाइन को डिजिटल तरीके से डिजाइन किया जाता है. इसके बाद 3D प्रिटिंग के जरिए उसके फिजिकल स्वरूप में प्राप्त किया जाता है.
जिस तरह किसी साधारण प्रिंटिंग मशीन में इंक और पन्नों की जरूरत होती है. ठीक उसी तरह 3D प्रिटिंग में प्रिंट होने वाले ऑब्जेक्ट के आकार, कलर आदि का निर्धारण कर उसी अनुरूप उसमें पदार्थ डाले जाते हैं.
हेल्थ सेक्टर में इस तकनीक का इस्तेमाल कई कामों जैसे- टिशू इंजीनियरिंग, प्रोस्थेटिक और कृत्रिम मानव अंगों को बनाने के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा विनिर्माण, शिक्षा, अंतरिक्ष और सुरक्षा के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी पहल साबित होगी.
आपको बता दें कि इस प्रक्रिया से आइकन नाम की एक कंपनी 650 वर्ग फुट का सीमेंट का एक मंजिला मकान केवल 12-24 घंटे ही तैयार कर देती है. साल 2021 में भी IIT मद्रास के एक स्टार्टअप ने भी इस टेक्नोलॉजी से एक भव्य मकान बनाया था.