फोन टैपिंग से जुड़े केस में सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा से आज दिल्ली क्राइम ब्रांच ने करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। लोकेश शर्मा से क्राइम ब्रांच ने उन ऑडियो का सोर्स पूछा जो उन्होंने वायरल किए थे। इसके साथ ही जिस फोन से वीडियो आए और आगे भेजे उसे भी सौंपने को कहा। पिछली दो बार की पूछताछ में भी वे ही सवाल किए गए थे जो आज पूछे गए थे। दिल्ली हाईकोर्ट ने क्राइम ब्रांच से सहयोग करने की शर्त पर लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। अब दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तारी पर रोक हटाने के लिए याचिका लगाई है जिस पर 20 फरवरी को सुनवाई होगी।
लोकेश शर्मा बोले- मैंने केवल ऑडियो जनता तक पहुंचाए
क्राइम ब्रांच की पूछताछ के बाद लोकेश शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा- मुझ पर फोन टैपिंग के आरोप पूरी तरह गलत हैं। मैंने कोई फोन टैप नहीं किया। मैंने जो काम किया वह सरकार गिराने की साजिश वाले ऑडियो को जनता तक पहुंचाने का काम किया था। जो बातचीत थी, जिसमें प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिराने का षडयंत्र रचा गया था, सरकार गिराने के षडयंत्र के ऑडियो मीडिया के माध्यम से जनता तक सर्कुलेट किए थे।
लोकेश शर्मा ने कहा- मैंने दिल्ली क्राइम ब्रांच ने जो पूछा उसका जवाब दिया है। दो साल से वही सवाल किए जा रहे हैं कि ऑडियो कहां से आया? उसमें क्या था,किन्हें आपने भेजी। जो बात मैं पिछले दो साल से कह रहा हूं, दो बार यहां आकर कह चुका हूं। हर सवाल का जवाब दे चुका हूं। चार पांच घंटे पूछताछ का जवाब दे चुका हूं। मुझे कोई आपत्ति नहीं है, जब मैं पूछताछ के लिए नहीं आ पाया तो उसका लिखित कारण भेजा। आगे भी अगर बुलाया और पूछताछ के लिए बुलाया तो पूरा सहयोग करुंगा।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ था केस
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर 25 मार्च 2021 को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग मामले में लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया था। उसी केस पर जांच चल रही है। सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने राजस्थान की घटना के लिए दिल्ली में केस दर्ज करने पर क्षेत्राधिकार का सवाल उठाते हुए इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, इस केस में लोकेश शर्मा को अभी गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है।
पायलट कैंप की बगावत से शुरू हुआ था फोन टैपिंग विवाद
जुलाई 2021 में सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगे थे। गहलोत खेमे ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कुछ ऑडियो टेप वायरल किए थे। इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ गहलोत सरकार को गिराने के लिए सौदेबाजी का आरोप लगाया गया था। इस मुद्दे पर 2021 में विधानसभा के बजट सत्र में जमकर हंगामा हुआ था। संसद में भी यह मामला उठा था। विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने माना था कि मुख्यमंत्री के OSD ने ऑडियो वायरल किए थे। BJP शुरू से ही इन वायरल ऑडियो के सोर्स के बारे में पूछते हुए सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगा रही है।