कानपुर: जिंदा जली मां-बेटी; कब्जा हटाने गई अफसरों की टीम के सामने लगी थी आग

कानपुर:  जिंदा जली मां-बेटी; कब्जा हटाने गई अफसरों की टीम के सामने लगी थी आग

कानपुर देहात में मां और बेटी की अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान आग लगने की घटना में जल कर मौत हो गई है। इस हृदयविदारक घटना में आग में जलकर मां और बेटी की मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में गम के माहौल के साथ ही गुस्सा भरा हुआ है। इस घटना के बाद से ही राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है। समाजवादी पार्टी ने इसे हत्या बताया वहीं सत्ता पक्ष ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

निलंबित हुए लेखपाल व एसडीएम

इस मामले पर ADG कानपुर जोन आलोक सिंह ने काह कि कानपुर देहात के अंतर्गत एक गांव में कथित तौर पर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान झोपड़ी में आग लगने से एक महिला और उसकी बेटी की जलकर मौत हो गई। घटना के बारे में पता किया जा रहा है। तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की जांच में जुटे कानपुर आयुक्त डॉ. राज शेखर ने कहा कि घटना में एफआईआर दर्ज़ कर ली गई है। हम आरोपी को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं। लेखपाल व एसडीएम को निलंबित किया है।

उपमुख्यमंत्री ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

इस घटना के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों से बात की है, किसी भी दोषी को हम बख्शेंगे नहीं। प्रशासनिक अधिकारी हों या पुलिस के अधिकारी हों, कानपुर में झुग्गी झोपड़ी पर जाकर जिन लोगों ने ऐसा काम किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जांच कमेटी की रिपोर्ट आज मिल जाएगी।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक घटना कानपुर देहात के रूरा थाना इलाके के मड़ौली गांव की है जहां अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए गई टीम से परिजनों की कहासुनी हुई। टीम में तहसील प्रशासन की कृष्ण गोपाल दीक्षित समेत उनकी टीम के अन्य सदस्य शामिल थे। जानकारी के मुताबिक अतिक्रमण हटाने गई टीम ने उस समय झोंपड़ी पर बुलडोजर चलवा दिया जब झोंपड़ी में मां और बेटी दोनों मौजूद थे। बुल्डोजर चलने से वहां अचानक आग भड़क उठी जिसमें मां और बेटी की झुलसकर मौत हो गई। मृतकों में कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 साल की बेटी नेहा दीक्षित शामिल है। दोनों की जिंदा जलकर मौत हुई है जिसके बाद से इलाके में काफी हंगामा हो रहा है।

बता दें कि इस आग को बुझाने की कोशिश में कृष्ण गोपाल भी बुरी तरह से झुलस गए थे। इस आग लगने की घटना के बाद कृष्ण गोपाल दीक्षित ने कहा कि उनके घर पर 20 पुलिसवालों समेत एसडीएम, कानूनगो, तहसीलदार और लेखपाल आए। दीक्षित ने कहा कि उनका मामला कोर्ट में चल रहा है जहां 20 फरवरी को सुनवाई होनी है। इसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों ने बुलडोजर चलाकर झोपड़ी गिराई वो भी उस समय जब हमारी पत्नी और बेटी अंदर ही थे। इसी दौरान आग लग गई और दोनों की मौत हो गई।

आर्थिक मदद और नौकरी की मांग

पीड़ित परिवार ने मांग की है कि इस मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए। दीक्षित ने अपने बेटे के लिए सरकारी नौकरी और पांच करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की भी मांग की है।

बता दें कि इस घटना के बाद से ही इलाके में काफी तनाव बढ़ गया है। स्थानीय लोगों में इस घटना के बाद आक्रोश बढ़ा हुआ है। पुलिस और लेखपाल के खिलाफ स्थानीय लोगों ने मोर्चा खोल रखा है। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल और पीएसी की तैनाती की गई है।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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