घास फूस की झोपड़ी से गरीब को बेदखल करने पहुंचे प्रशासन पर अग्निकांड को अंजाम देने के लगे आरोप , गरीब की पत्नी और बेटी की जलकर हुई मौत

घास फूस की झोपड़ी से गरीब को बेदखल करने पहुंचे प्रशासन पर अग्निकांड को अंजाम देने के लगे आरोप , गरीब की पत्नी और बेटी की जलकर हुई मौत


कानपुर के मंडौली गांव आज फिर सुर्खियों में है और ब्राह्मण उत्पीड़न के अस्त्र के साथ सपा भी काफी आक्रामक नज़र आ रही है । घास फूस की झोपड़ी में रह रहे कृष्ण गोपाल दीक्षित अपनी पत्नी और बेटियों के साथ अतिक्रमण हटाने गयी टीम की संवेदनहीनता और विवेकहीनता का शिकार हो गए । घास फूस की झोपड़ी से कृष्णगोपाल दीक्षित को बेदखल करते समय लगी भीषण आग में उनकी पत्नी और बेटी की जलकर मौत हो गयी और कृष्णगोपाल झुलस गए । घटना के बाद प्रशासन के लोग वहां से नौ दो ग्यारह हो गए और पीछे छोड़ गए गरीब ब्राह्मण की लुटी पिटी गृहस्थी और एक माँ बेटी की सुलगती अस्थियां ।

कानपुर देहात मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। सोमवार को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्व कर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे।आरोप है कि टीम ने जेसीबी से नल व मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया। इससे छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (21) की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई। जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए।

हादसे की जानकारी मिलते गांव के सैकड़ों लोग जमा हो गए और पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को दौड़ा लिया। अफसर गांव से अपनी जान बचाकर भाग निकले। मामले की जानकारी मिलते ही एसपी कानपुर देहात बीबीजीटीएस मूर्ति समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंच गए। एडीजी कानपुर जोन आलोक सिंह ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर मौत हुई है। मामले की जानकारी मिलते ही मौका-मुआयना करने के लिए वह खुद मौके पर जाने के लिए रवाना हो गए हैं।

मड़ौली गांव निवासी गेदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ आबादी की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी। इस पर 13 जनवरी 2023 को एसडीएम मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर, लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान ढहा दिया था। पीड़ित कृष्ण गोपाल व उनके पुत्र शिवम ने परिजनों के साथ लोडर से बकरियां आदि लेकर माती मुख्यालय में धरना देकर आवास मुहैया कराए जाने की मांग की लेकिन एसडीएम मैथा व एडीएम प्रशासन केशव गुप्ता ने उनको माफिया बता दिया।

इतना ही नहीं बचा मकान भी ध्वस्त कराने की चेतावनी दी थी। इसके बाद 14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा शालिनी व विहिप नेता आदित्य शुक्ला तथा गौरव शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मौजूदा समय में वह लोग फूस का छप्पर रखकर वहां पर रह रहे थे। उसे ही हटाने के लिए प्रशासनिक अफसरों की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची थी।


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