बीते साल रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर एक के बाद एक लगातार दो वीडियो जारी कर चर्चा में आई एमबीबीएस की छात्रा वैशाली यादव एक बार फिर चर्चा में आ गयी हैं । पिछले साल रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र छात्राओं के फंसने की खबरें आने लगी थीं । उसी समय वहां MBBS कर रहीं हरदोई की वैशाली यादव ने एक वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई थी । वैशाली के मदद मांगने के वीडियो के बाद कंट्रोवर्सी तब शुरू हुई जब ये आरोप लगा कि चूंकि वैशाली के पिता सपा नेता हैं सो वैशाली ने सरकार को बदनाम करने के लिए वीडियो बनाया है , वैशाली की गिरफ्तारी की अफवाहें भी उड़ी थी जिसके बाद वैशाली यादव ने एक और वीडियो जारी कर अफवाहों का खंडन किया था और हर मामले में राजनीति ना करने की सलाह भी दी थी बीजेपी सपोर्टरों को । वैशाली की गिरफ्तारी की अफवाह के तूल पकड़ने पर हरदोई एसपी राजेश द्विवेदी ने स्पष्ट भी किया था उस समय ।
इस प्रकरण के पटाक्षेप होने के बाद वैशाली यादव की कहानी में एक और ट्विस्ट तब आया जब ये पता चला कि वो तेरा पुरसौली गांव की प्रधान भी हैं । प्रधान चुनने के बाद ही वैशाली पढ़ाई करने यूक्रेन चली गयी पर प्रधानी अपने सिस्टम से चलती रही । इस मामले के उछलने के बाद प्रशासन ने नोटिस जारी कर मामले की जांच के आदेश दे दिए थे । उस जांच का परिणाम अब सामने आ गया है और वैशाली यादव के ग्राम प्रधान सम्बन्धी सभी वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं ।
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक जांच में पता चला है कि सितंबर 2021 से वैशाली की गांव में अनुपस्थिति तक करीब 17 लाख 25 हजार 200 का भुगतान डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से कराया गया, जो अनियमितता में शामिल है। 23 दिसंबर को एक बार फिर से नोटिस जारी की गई और 15 दिन के अंदर जवाब मांगा गया, लेकिन उनके द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जिससे स्पष्ट हो जाता है उन पर लगे आरोप सत्य हैं। उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम की संबंधित धारा के तहत प्रधान वैशाली यादव के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों के प्रयोग के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जो प्रधान के कार्यों को संपादित करेगी। प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की गई है, जिसमें मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण खंड बिलग्राम शामिल हैं।