रामचरित मानस पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे स्वमी प्रसाद मौर्य अब अपनी ही पार्टी में घिरते नजर आ रहे हें। सपा नेता व पार्टी की पूर्व प्रवक्ता ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है । ऋचा ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचाकर अपने खत्म हो चुके सियासी करियर को जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं।
ऋचा सिंह ने ये ट्वीट किया…
‘’मानसिक जुगाली से @SwamiPMaurya दलित आंदोलन खड़ा करना चाहते हैं!
जब कि दलितों की बुनियादी जरूरतों और समस्याओं पर जीवन में कभी ध्यान नहीं दिया।
दलित विमर्श मात्र वक्तव्य देने का विषय नहीं है, बल्कि उनकी चुनौतियों दुख-दर्द में शामिल होने के लिए जमीन पर उतरना पड़ेगा’’
ऋचा सिंह का कहना है कि कई बार बीएसपी और एक बार बीजेपी सरकार में मंत्री रहने के दौरान उन्हें रामचरितमानस में कोई असामनता नहीं दिखाई दी। उन्हें अगर राम चरित मानस की चौपाइयों से कोई दिक्कत है तो वो उन्हें न पढ़ें और न देखें। ऋचा ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य संविधान की बात करते हैं और संविधान के खिलाफ जाकर करोड़ों हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचा रहे हैं। ऋचा ने कहा मानस की करोड़ों हिंदुओं के घर में पूजा होती है और जब स्वामी प्रसाद मौर्य खुद कहते हैं कि बौद्ध धर्म अपना चुके हैं तो उन्हें किसी धर्म विशेष की आस्था पर चोट पहुंचाने का कोई अधिकार नही हैं। यह सब बयानबाजी वो राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं।