भूकंप से आई आपदा के बाद तुर्कियो, सीरिया में चलाए जा रहे मिशन को भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन मदद’ नाम दिया है। इस मिशन के तहत अब तक NDRF और इंडियन आर्मी के 250 जवान तुर्कियो भेजे जा चुके हैं। वहीं सात विमानों से 129 टन मेडिकल इक्वीपमेंट्स व अन्य राहत सामग्री भेजी गई है। सातवां C-17 ग्लोब मास्टर विमान बुधवार रात 8 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से NDRF वाराणसी के 51 जवानों को लेकर तुर्किये के लिए उड़ा।
नूरदाग में रेस्क्यू कर रही NDRF गाजियाबाद
NDRF आठवीं बटालियन गाजियाबाद के जवानों को तुर्किये में गाजीअंटेप के नूरदाग में सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन की जिम्मेदारी मिली है। नूरदाग में ये ऑपरेशन बुधवार सुबह साढ़े 9 बजे शुरू कर दिया गया। प्रवक्ता नरेश चौहान ने बताया, रेस्क्यू टीम वन ने 7 मंजिला मकान के मलबे से दो शवों को बाहर निकाला है। इसमें चार वर्षीय बच्चा और 35 वर्षीय युवक के शव हैं। भीषण तीव्रता के भूकंप की वजह से इस क्षेत्र में बिजली, पानी और संचार व्यवस्था पूरी तरह बंद पड़ी है।
विदेश राज्यमंत्री हिंडन एयरबेस पर पहुंचे
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन बुधवार रात गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर पहुंचे। उन्होंने एनडीआरएफ की वाराणसी टीम को चिकित्सा, राशन, राहत उपकरणों के साथ तुर्किये के लिए रवाना किया। इससे पहले मंत्री ने जवानों से बातचीत करके उनकी हौंसला अफजाई की।
वी. मुरलीधरन ने बताया, तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए भारत अब तक पांच टीमें भेज चुका है। इसमें NDRF बचाव दल की 3 और मेडिकल सहायता के लिए इंडियन आर्मी की 2 टीमें हैं। वहां एक क्षेत्र अस्पताल भी खोला जा चुका है।
NDRF के महानिदेशक अतुल करवाल और महानिरीक्षक नरेंद्र सिंह बुंदेला भी विमान रवाना होने से पहले हिंडन एयरबेस पर पहुंचकर रेस्क्यूअर्स से रूबरू हुए।
विदेश मंत्रालय के सचिव बोले– ईमेल के 12 घंटे में भेजी मदद
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा, 1939 के बाद तुर्किये में आई ये सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है। हमें सहायता के लिए तुर्किये की ओर से एक ईमेल मिला। इसके महज 12 घंटे के भीतर पहली SSR उड़ानें तुर्किये के लिए रवाना हो गईं। चिकित्सा आपूर्ति और उपकरणों को ले जाने वाला एक विमान सीरिया भी भेजा गया है।
भारत से अब तक सात विमानों में तुर्किये-सीरिया पहुंची मदद
गाजियाबाद में भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर से NDRF आठवीं बटालियन के 51 सदस्यीय पहले दल ने 6 फरवरी की रात 3 बजे हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी। इसमें एनडीआरएफ की ड्रिल मशीनें, भूकंप में बचाव के लिए काम आने वाले सभी उपकरण, दो डॉग स्क्वायड भेजे गए हैं।
गाजियाबाद हिंडन एयरबेस से 7 फरवरी की दोपहर साढ़े 12 बजे दूसरा सी-17 ग्लोबमास्टर रवाना हुआ। इसमें कोलकाता स्थित NDRF बटालियन के 50 जवान गए। इनके साथ खोजी श्वान, रेस्क्यू इक्यिपमेंट्स, वाहन आदि सामान भेजा गया है।
आगरा 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल से इंडियन आर्मी की 45 सदस्यीय मेडिकल टीम 7 फरवरी की सुबह वायुसेना के स्पेशल विमान से तुर्किये गई। इस विमान में वेंटिलेटर, एक्सरे मशीन, ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट, कार्डिक मॉनिटर और 30 असेंबल बेड भेजे गए।
आगरा 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल से 54 मेडिकल एक्सपर्ट चौथे सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से तुर्किये भेजे गए। इस टीम में सभी तरह के मेडिकल एक्सपर्ट, डॉक्टर, विशेषज्ञ मौजूद हैं, ताकि वे भूकंप पीड़ितों का इलाज कर सकें।
भारतीय वायुसेना का विमान C-130 हरक्युलिस छह टन इमरजेंसी राहत सामग्री लेकर सीरिया पहुंच गया है। इसमें जीवन रक्षक दवाइयां और इमरजेंसी मेडिकल आइटम्स हैं।
गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से मंगलवार देर रात भारतीय वायुसेना का छठा विमान C-17 ग्लोबमास्टर इंडियन आर्मी के 100 जवानों को लेकर उड़ा था, जो अलसुबह तुर्किये पहुंच गया है। इसमें भूकंप पीड़ितों के इलाज के लिए मेडिकल इक्वीपमेंट्स भेजे गए हैं।
NDRF वाराणसी की 51 सदस्यीय टीम मेडिकल इक्वीपमेंट्स लेकर बुधवार रात 8 बजे भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर से तुर्किये के लिए रवाना हुई। ये सातवां विमान है।