नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के लिए ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के खिलाफ आगामी 4 मैचों की टेस्ट सीरीज अग्नि परीक्षा की तरह है. वर्ल्ड क्रिकेट में ‘हिटमैन’ के नाम से फेमस रोहित ने लिमिटेड ओवर की क्रिकेट में टीम का अभी तक बेहतरीन नेतृत्व किया है लेकिन टेस्ट में उनकी सबसे बड़ी परीक्षा अभी बाकी है. कंगारुओं के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) में रोहित करियर की सबसे बड़ी परीक्षा देने जा रहे हैं.
भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच सीरीज का पहला टेस्ट मैच गुरुवार (9 फरवरी) से नागपुर के विदर्भ क्रिकेट संघ स्टेडियम में खेला जाएगा. पैट कमिंस (Pat Cummins) की कप्तानी वाली कंगारू टीम मेजबान भारत से उसके घर में हिसाब बराबर करने आई है. हालांकि भारत को उसके घर में हराना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं है. ऐसे में कंगारुओं का सामना भारतीय फिरकी के ब्रह्मास्त्र से होगा.
कई खिलाड़ियों के करियर होंगे जमींदोज
क्रिकेट के मैदान पर किवदंती बन चुकी इस सीरीज में कई के करियर बनेंगे तो कई सितारे जमींदोज भी होंगे. इसमें नाकाम रहने पर कइयों के करियर पर विराम भी लग सकता है. क्रिकेट के मैदान की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विताओं में शुमार इस सीरीज पर क्रिकेटप्रेमियों, आलोचकों और मीडिया की पैनी नजरें रहेंगी. क्या रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को पूल शॉट खेलने की अपनी ललक पर काबू रख सकेंगे. एश्टन एगर या नाथन लॉयन के सामने विराट कोहली कैसे शॉट खेलेंगे. क्या सूर्यकुमार यादव को कोच राहुल द्रविड़ शुभमन गिल पर तरजीह देंगे?
कंगारुओं की नजर हिसाब बराबर करने पर
अक्षर पटेल ज्यादा उपयोगी साबित होंगे या कुलदीप यादव? इन सभी सवालों के जवाब इस सीरीज में मिलेंगे. अपनी सरजमीं पर पिछली दोनों बार (2018-19 और 2020-21) में सीरीज गंवाने का दर्द कमिंस और उनकी टीम को है और वे इस बार बदला लेने के इरादे से ही आए हैं. वैसे यह उनके लिए इतना आसान भी नहीं होगा क्योंकि पिच पहले ही दिन से टर्न ले सकती है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2001 के बाद से हुई सीरीज में एशेज की तुलना में बेहतर क्रिकेट देखने को मिला है. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की इस जमात को मैथ्यू हेडन, जस्टिन लैंगर, ग्लेन मैकग्रा या एडम गिलक्रिस्ट जैसे 2004 की टीम के खिलाड़ियों की बराबरी करनी है तो यह सीरीज जीतनी होगी.
भारतीय बैटर को लॉयन से खतरा
रोहित चोट या बीमारी के कारण बड़ी टीमों के खिलाफ सभी टेस्ट चूकते आए हैं. चाहे 2022 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज हो या इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट. अब उनके सामने चुनौती विराट कोहली की तरह भारत को एक बार फिर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में ले जाने की है. इसके लिए भारत को जीत में दो मैचों का अंतर रखना होगा. रोहित के ब्रहमास्त्र उनकी स्पिन चौकड़ी है जिनमें से तीन का खेलना तय है. इसी तरह उनके बल्लेबाजों को भी लॉयन को संभलकर खेलना होगा.
अक्षर या कुलदीप? किसे मिलेगा मौका
रोहित के लिए सबसे बड़ा फैसला अक्षर या कुलदीप में से एक को चुनना होगा और अक्षर की संभावना अधिक लग रही है. भारत अगर चार स्पिनरों को लेकर उतरता है तो रविचंद्रन अश्विन को नई गेंद सौंपी जा सकती है. वैसे सूखी लग रही पिच पर तेज गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग भी मिल सकती है तो ऐसे में मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज उपयोगी साबित होंगे.
कमिंस और बोलैंड संभालेंगे नई गेंद की जिम्मेदारी
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया निचले क्रम पर बल्लेबाजी के बेहतर रिकॉर्ड के कारण लॉयन के जोड़ीदार के तौर पर एगर को उतार सकता है .कमिंस के साथ स्कॉट बोलैंड नई गेंद संभालेंगे. ऑस्ट्रेलिया के पास चार खब्बू बल्लेबाज हैं जिनमें डेविड वॉर्नर, उस्मान ख्वाजा, ट्रेविस हेड और एलेक्स कैरी का खेलना तय है. कैमरन ग्रीन की गैर मौजूदगी में अतिरिक्त बल्लेबाज पीटर हैंड्सकॉम्ब या मैट रेनशॉ में से होगा.