iPhone यूं ही नहीं होते खास, स्टीव जॉब्स ने इसको खरीदने में लगा दिए थे 8 साल

iPhone यूं ही नहीं होते खास, स्टीव जॉब्स ने इसको खरीदने में लगा दिए थे 8 साल

ऐपल के आईफोन शुरू से ही स्टेटस सिंबल के रूप में जाने जाते हैं. आज हम अपने आसपास जितने भी टच स्क्रीन देखते हैं, उसकी बुनियाद ऐपल ने ही रखी है. स्टेटस सिंबल के साथ-साथ इसके यूनीक फीचर्स इसे बाकी सबसे और भी अलग बनाते हैं. हर साल आईफोन में कोई न कोई अलग और खास फीचर देखने को मिलता है. इस प्रीमियम आईफोन को बनाने के पीछे का आइडिया स्टीव जॉब्स का था. स्टीव आईफोन को बनाने में बारीक से बारीक चीज़ों पर ध्यान देते थे. तभी आईफोन में खामी ढूंढ़ना मुश्किल हो जाता है.

जिस तरह आईफोन में बारिकियों का ख्याल रखा गया, उसी तरह स्टीव जॉब्स अपनी पर्सनल लाइफ में भी छोटी-छोटी चीज़ों के डिटेल पर ध्यान देने के लिए जाने जाते थे. कुछ समय पहले उनकी विधवा लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने खुलासा किया है कि वह हर छोटी चीज़ पर इतनी बारीकी से नज़र रखते थे कि उन्हें एक सोफा चुनने में आठ साल लग गए.

सोफा सेलेक्ट करने में लगे 8 साल

कुछ साल पहले एक इंटरव्यू के दौरान लॉरेन पॉवेल ने खुलासा किया कि स्टीव न केवल अपने काम के ही मामले बारीकियां देखते हैं, बल्कि अपने निजी जीवन में भी कुछ ऐसा ही करते थे. पॉवेल ने बताया कि लोगों ने सालों तक हमारा मज़ाक उड़ाया क्योंकि हमारे घर में हम सोफे या कुर्सियों पर सहमत नहीं हो सकते थे. एक सोफा सेलेक्टे करने में उन्हें 8 साल लग गए.

स्टीव ने भी इस बारे में बात की थी, और बताया था कि अतीत में कई बार उनके लिए छोटी डिटेल्स कितनी ज़रूरी रही थीं. इसे लेकर उनका एक कथन है, ‘Details matter, it’s worth to get it right’.

Apple के पूर्व कला निर्देशक ली क्लो ने एक बार खुलासा किया था कि स्टीव ने पूरे 30 मिनट यह तय करने में बिताए कि वह Apple स्टोर्स के बाथरूम को किस ग्रे शेड में बनाना चाहते हैं.

फोल्डर पर टाइटल बार का डिज़ाइन 

मैक डेवलपर बिल एटकिंसन ने कहा कि स्टीव छोटी-छोटी बातों को लेकर बारीकी देखते थे, जिसमें फोल्डरों पर टाइटल बार का डिज़ाइन भी शामिल था. एक डिज़ाइन फाइनल करने से पहले वह 20 अलग-अलग वर्जन देख चुके थे.

वाल्टर ने स्टीव जॉब्स नाम की अपनी 2011 की किताब में लिखा था कि ऐपल के सीईओ चाहते थे कि कंप्यूटर का सर्किट बोर्ड ‘जितना संभव हो सकता उतना सुंदर होना चाहिए’. जबकि लगभग कोई भी कंप्यूटर के अंदर नहीं देख पाता है. वाल्टर के अनुसार, स्टीव ने कहा, ‘एक महान बढ़ई एक कैबिनेट के पीछे घटिया लकड़ी का इस्तेमाल नहीं करने वाला है, भले ही कोई इसे देखने वाला न हो.’

फोल्डर पर टाइटल बार का डिज़ाइन 

मैक डेवलपर बिल एटकिंसन ने कहा कि स्टीव छोटी-छोटी बातों को लेकर बारीकी देखते थे, जिसमें फोल्डरों पर टाइटल बार का डिज़ाइन भी शामिल था. एक डिज़ाइन फाइनल करने से पहले वह 20 अलग-अलग वर्जन देख चुके थे.

वाल्टर ने स्टीव जॉब्स नाम की अपनी 2011 की किताब में लिखा था कि ऐपल के सीईओ चाहते थे कि कंप्यूटर का सर्किट बोर्ड ‘जितना संभव हो सकता उतना सुंदर होना चाहिए’. जबकि लगभग कोई भी कंप्यूटर के अंदर नहीं देख पाता है. वाल्टर के अनुसार, स्टीव ने कहा, ‘एक महान बढ़ई एक कैबिनेट के पीछे घटिया लकड़ी का इस्तेमाल नहीं करने वाला है, भले ही कोई इसे देखने वाला न हो.’

पसंद नहीं आए थे एयरक्राफ्ट के बटन

एक रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि उन्हें अपने निजी जेट के इंटीरियर को डिजाइन करने में एक साल से ज़्यादा का समय लगा, क्योंकि वह एयरक्राफ्ट के बटन से असंतुष्ट थे.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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