आगरा में आवास विकास कॉलोनी के साथ लगी खाली जमीन पर बस्ती बसाकर रह रहे 16 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया। अब खुफिया एजेंसी ने 4 लापता पाकिस्तानियों की तलाश तेज कर दी है। वहीं, आवास विकास कालोनी में रह रहे बांग्लादेशियों ने पूछताछ में बताया कि वो हिंदी सीखने के लिए टीवी पर हिंदी फिल्म और सीरियल देखते हैं।
200 और बांग्लादेशी आगरा में छिपे
आगरा में बांग्लादेशियों की बस्ती पकड़ने के बाद से केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। पिछले 2 दशक के बाद बांग्लादेशियों पर इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है। वहीं, इस मामले के बाद से एलआईयू की सक्रियता पर भी सवाल खडे़ हो रहे हैं। बताया गया है कि खुफिया एजेंसी के इनपुट के अनुसार आगरा में अभी करीब 200 और बांग्लादेशियों के होने की बात कही गई है। एजेंसियां अब इनकी तलाश कर रही हैं। वहीं, इनके साथ पाकिस्तानियों का भी रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। पूर्व में तीन से चार पाकिस्तानियों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब उनका पता नहीं है।
हालिम है मास्टरमाइंड
बांग्लादेश के जिला बरौरहट का रहने वाला हालिम घुसपैठ कराने का मास्टरमाइंड हैं। हालिम बायो मेडिकल वेस्ट उठाने का काम कर रहा था। उसे सिकंदरा स्थित एक हॉस्पिटल ने नौकरी पर रखा था। उसे 18 हजार रुपये मिलते थे। रकम बैंक में ट्रांसफर होती थी। उसने कुछ साल पहले कैलाश मोड़ पर किराये पर कमरा लिया था। उसकी पत्नी मरियम कभी-कभी आती थी। वह भी पति के साथ पकड़ी गई थी। उसके पास भारत आने का वीजा और पासपोर्ट था। इस पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया था।
बताया गया है कि हालिम वर्ष 2009 में पहली बार घुसपैठ कर भारत आया था। उसे जैनब नाम का व्यक्ति लेकर आया था। वर्ष 2012 में उसने जैनब की बेटी मरियम से निकाह कर लिया था।
टीवी देखकर सीखते हैं हिंदी
हालिम की पत्नी मरियम ने बताया कि भारत में हिंदी बोली जाती है। इस कारण वो लोग टीवी पर हिंदी फिल्म और सीरियल देखते हैं। इससे हिंदी सीख जाते हैं। पहले से भी उनके गांव में कई लोग हिंदी जानते हैं। इस कारण सीखने में कोई परेशानी होती है। मरियम का वीजा अभी सितंबर तक का है। वह दो महीने पहले ही भारत आई थी। एक बेटी को साथ लाई है, जबकि दो को गांव में छोड़कर आई थी। उनका मोबाइल पुलिस ने ले लिया है। वह मोबाइल लेने के लिए परेशान थीं।