कोविड: लखनऊ में 37, गोरखपुर में 38 गुना ज्यादा संक्रमित; काशी में सरकारी डेटा से 40 गुना ज्यादा कोविड, देश के 34 संस्थानों में हुआ सीरो सर्वे

कोविड: लखनऊ में 37, गोरखपुर में 38 गुना ज्यादा संक्रमित; काशी में सरकारी डेटा से 40 गुना ज्यादा कोविड, देश के 34 संस्थानों में हुआ सीरो सर्वे

वाराणसी में बीते 3 साल में कोविड संक्रमण के 23 हजार 360 मामले सामने आए। मगर, वास्तविक आंकड़ा इससे 40 गुना ज्यादा था। ये खुलासा काशी हिंदू विश्वविद्यालय समेत 34 संस्थानों के संयुक्त सीरो सर्वे से हुआ है। इस भयावह तस्वीर के लिए सीरो सर्वे 6 राज्यों के 14 शहरों में किया गया।

बात लखनऊ की करें, तो कुल 81276 केस रिपोर्ट किए गए थे, लेकिन रियल डेटा इससे 37 गुना ज्यादा था। गोरखपुर में 38 गुना, जौनपुर में 43 गुना और गाजीपुर में सबसे ज्यादा 47 गुना ज्यादा मामले आए थे।

लोगों को नहीं पता था कि उन्हें कब हुआ कोविड

रिसर्च के अनुसार, कोविड के सभी चारों वेव को मिलाकर भारत में करीब साढ़े 4 करोड़ केस आए थे। लेकिन, सीरो सर्वे की माने तो देश में कुल 76 करोड़ लोगों को कोराेना इंफेक्शन होने का अनुमान है। यानी कि रियल डेटा से 17 गुना ज्यादा। हालांकि, इन लोगों में कोरोना के लक्षण ही नहीं मिले थे। इन्हें तो यह भी पता नहीं चला कि इन्हें कभी कोविड हुआ भी था।

स्ट्रीट वेंडरों पर किया गया रिसर्च

इस सीरो सर्वे में स्ट्रीट वेंडरों को शामिल किया गया था। उनके ब्लड सैंपल पर एंटीबॉडी टेस्टिंग की गई है। इसमें 6 राज्यों के 14 जिलों से कुल 2301 लोगों पर रिसर्च किया गया। BHU के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे के नेतृत्व में कुल 88 वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च किया है। यह रिसर्च प्रतिष्ठित विज्ञान पत्रिका इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंफेक्शस डीजीजेज में प्रकाशित हो चुका है।

2020 में हुआ था रिसर्च

प्रो. चौबे ने बताया कि रिसर्च टीम ने जितने भी सैंपल लिए, उसमें से जितने पॉजिटिव आए उसी के आधार पर यह आंकड़ा निकाला गया है। जब हर जिले की कोविड रिपोर्ट चेक की गई तो यह आंकड़ा उससे कई गुना ज्यादा आया। ओवर ऑल भारत में 17 गुना ज्यादा रहा। वहीं, छत्तीसगढ में सीरो सर्वे और सरकारी पॉजिटिव केसेज लगभग बराबरी पर रहे। उन्होंने बताया कि रिसर्च टीम ने 2020 में लोगाें की एंटी बॉडी टेस्ट की थी।

RT-PCR निगेटिव था, फिर भी मिला कोविड का एंटीबॉडी

शोध टीम के सदस्य युवा वैज्ञानिक प्रज्जवल प्रताप सिंह ने कहा कि लोगों के ब्लड सैंपल में कोविड की एंटीबॉडी पाई गई थी। इनका RT-PCR टेस्ट भी निगेटिव आया था। इन्हें, आभास ही नहीं था कि इनको कोरोना कब हुआ। ज्यादातर लोग 26-35 एज ग्रुप वाले एसिंप्टोमैटिक थे। ये शहरी क्षेत्रों में सड़कों के किनारे के दुकानदार थे। चूंकि, इन्हें कोरोना का संक्रमण सबसे ज्यादा होता है, इसलिए इनकी एंटीबॉडी टेस्ट की गई।

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