नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में युवराज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. 2007 और फिर 2011 भारत की टी20 और वनडे वर्ल्ड जीत में युवराज का सबसे बड़ा हाथ था. 2011 की कामयाबी तो इसलिए बड़ी है. क्योंकि तब युवराज ने कैंसर से जूझते हुए दमदार प्रदर्शन किया था और वो प्लेय़र ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे. युवराज सिंह सिर्फ बैटिंग या बॉलिंग से कमाल नहीं करते, बल्कि वो जबरदस्त फील्डर भी थे. हालांकि, पूर्व भारतीय फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने अपनी किताब में युवराज को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने एक किस्सा साझा किया है, जब युवराज विराट कोहली के साथ अभ्यास करने के लिए तैयार नहीं थे.
युवराज का कोहली के साथ प्रैक्टिस नहीं करने का यह वाकया 2016 का है, जब भारतीय क्रिकेट टीम लिमिटेड ओवर सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी. आर श्रीधर ने अपनी किताब COACHING BEYOND: My Days with the Indian Cricket Team में यह खुलासा किया है. उन्होंने लिखा है, “ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2016 के जनवरी महीने में 3 टी20 की सीरीज शुरू होने से पहले, हम एडिलेड में प्रैक्टिस कर रहे थे. मैं विराट से कड़ी मेहनत करवा रहा था और जैसा कि कोहली जाने जाते हैं, वो पीछे नहीं हटे. उसी समय युवराज मेरे पास से गए, मुझे उम्मीद थी कि वो हमें ज्वाइन करेंगे. लेकिन, वो सीधे डगआउट में जाकर बैठ गए थे और हमें ध्यान से देखने लगे.”
श्रीधर ने आगे लिखा, “कुछ मिनटों बाद जब विराट मैदान से वापस लौटे, तब युवराज अपने अभ्यास के लिए आए. युवराज ने तब मुझसे कहा था, मैं विराट की रफ्तार या जोश की शायद ही बराबरी कर पाता. इसलिए मैंने सोचा कि मैं आप लोगों को अकेला छोड़ दूं. आप पहले अपनी ट्रेनिंग ड्रिल पूरी कर लें. इसके बाद मैं अपनी रफ्तार से फील्डिंग प्रैक्टिस करूंगा. मुझे पता था कि वो किस तरह के संघर्ष से उबरकर यहां तक पहुंचे थे.”
पूर्व भारतीय फील्डिंग कोच के मुताबिक, अगले ही दिन युनराज ने हार्दिक पंड्या की गेंद पर शॉर्ट कवर पर क्रिस लिन का गजब का कैच लपका था. इसके बाद मेरे पास कहने जैसा कुछ नहीं था. भारत उस दौरे पर 5 वनडे की सीरीज 1-4 से हार गया था.