राजस्थान की सियासत में चल रही उठापटक के बीच कांग्रेस का रायपुर राष्ट्रीय अधिवेशन महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन 24 से 26 फरवरी तक छत्तीसगढ़ के रायपुर में होना है। इसी अधिवेशन में सचिन पायलट को लेकर भी फैसला हो सकता है।
यह अधिवेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब इस अधिवेशन में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के पदाधिकारी नियुक्त होंगे। ऐसे में राजस्थान कांग्रेस की सियासत पर इन नियुक्तियों का बड़ा असर पड़ेगा।
कांग्रेस ने 19 अक्टूबर 2022 को मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना था। इसके बाद कांग्रेस में सभी पदों से पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे सौंप दिए थे। इसके बाद 47 सदस्यों की एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई गई थी। इसमें CWC सदस्य, AICC महासचिव, AICC प्रदेश प्रभारियों सहित प्रमुख नेताओं को जगह दी गई थी।
CWC (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) में हैं 12 स्थायी सहित 23 सदस्य
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य रूप से कांग्रेस की नई वर्किंग कमेटी बन जाएगी। इसके अलावा AICC महासचिव भी चुने जाएंगे। वहीं प्रदेश के प्रभारी भी बदले जा सकते हैं। CWC के लिए भी चुनाव का प्रोसेस है। मगर माना जा रहा है कि अधिवेशन में नॉमिनेट कर कमेटी बनाई जा सकती है। फिलहाल CWC में 12 स्थायी सदस्यों सहित कुल 23 सदस्य हैं। इनमें 11 सदस्य आमंत्रित हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि आमंत्रित सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है।
राजस्थान से रघुवीर मीणा-भंवर जितेंद्र हैं सदस्य
राजस्थान से कांग्रेस की राष्ट्रीय कमेटियों में कई नेता है। पूर्व सांसद और मंत्री रघुवीर मीणा और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं। इसके अलावा हरीश चौधरी पंजाब के और रघु शर्मा गुजरात के प्रभारी हैं। वहीं धीरज गुर्जर यूपी के सह-प्रभारी हैं। धीरज गुर्जर को छोड़ बाकी चारों नेता फिलहाल स्टीयरिंग कमेटी में भी हैं।
मीणा रिपीट होंगे, बढ़ सकता है प्रतिनिधित्व
राजस्थान में इसी साल चुनाव होने हैं। जिन राज्यों में चुनाव हैं उनमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ दो राज्य हैं जहां कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में चुनावी वर्ष को देखते हुए कांग्रेस की प्रमुख कमेटियों में राजस्थान को अच्छा प्रतिनिधित्व मिल सकता है। माना जा रहा है आदिवासी चेहरा होने और राहुल गांधी के विश्वासपात्र होने के चलते रघुवीर मीणा रिपीट हो सकते हैं। वहीं भंवर जितेंद्र सिंह राहुल और प्रियंका गांधी के करीबी हैं। ऐसे में वे भी रिपीट कर सकते हैं।
हालांकि इनके अलावा भी राजस्थान से AICC में प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है। वहीं राजस्थान से दो नेता हरीश चौधरी और रघु शर्मा जिन्हें दो राज्यों का प्रभारी बनाया हुआ है उन्हें हटाया जा सकता है। हालांकि हरीश चौधरी को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इधर AICC महासचिव या सचिव के पदों पर भी राजस्थान से कोई नया चेहरा आ सकता है।
सचिन पायलट पर हो सकता है निर्णय!
राष्ट्रीय अधिवेशन में सचिन पायलट की भूमिका को लेकर भी निर्णय हो सकता है। जानकारों का मानना है कि सीएम के पद को लेकर अब अगर पायलट इनकार करते हैं तो उन्हें राजस्थान सहित केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है। हालांकि इसे लेकर पायलट को राजी करना कांग्रेस के लिए बड़ा टास्क होगा। वहीं राजस्थान को लेकर भी अधिवेशन में महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता हैं।
राजस्थान में प्रदेशाध्यक्ष पर हो सकता है फैसला
अधिवेशन राजस्थान के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। राजस्थान में भी PCC चीफ काे लेकर अब तक असमंजस है। ऐसे में चुनावी साल में कांग्रेस ज्यादा समय तक असमंजस की यह स्थिति नहीं रखेगी। ऐसे में यह साफ हाे सकता है कि गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेशाध्यक्ष बने रहेंगे या प्रदेशाध्यक्ष बदलेगा। हालांकि राजस्थान में सीएम की कुर्सी की लड़ाई का इस निर्णय पर बड़ा असर पड़ेगा।