पुरानी पेंशन को राज्य और केंद्र के कर्मचारी एक बार फिर10 फरवरी से यूपी समेत देश के सभी राज्यों में आंदोलन किया जाएगा। कर्मचारी आने वाले लोकसभा चुनाव में इसको बड़ा मुद्दा बनाने में जुटे हैं।
दरअसल, 21 जनवरी को दिल्ली में देशभर के 50 से ज्यादा संगठनों की बैठक हुई थी। इसमें इन संगठनों के 700 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। उसमें तय गया किया कि आंदोलन की गर्मी को तेज किया जाएगा। 10 फरवरी से आंदोलन शुरू होगा। इसमें अलग-अलग प्रारूप में आंदोलन होगा। यह सितंबर तक चलेगा। अब अब प्रदेश भर के कर्मचारी संगठन आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। सभी संगठनों ने मिलकर पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के लिए संयुक्त मंच (एनजेसीए) बनाया है।
पेंशन पर पूरा देश एक होने जा रहा है
आंदोलन को लेकर ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्र और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि इसको लेकर पूरा देश एक होने जा रहा है। यूपी में सभी बड़े राज्य में आंदोलन तेज किया जाएगा। अलग-अलग राज्य में इसको लेकर कर्मचारी संगठन एक मंच बनाने जा रहे है।
हिमाचल प्रदेश का आंदोलन तेज होगा
पुरानी पेंशन का मुद्दा हिमाचल प्रदेश में काफी बड़ा हुआ था। कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के बाद उसको लागू करने का फैसला किया था। चुनाव में कर्मचारियों ने कांग्रेस को समर्थन दिया। उसके बाद ही वहां कांग्रेस की सरकार बन गई। कांग्रेस ने उसको वहां पर लागू कर दिया। अब यह मुद्दा लोकसभा चुनाव में बड़ा होगा। इसकी अनदेखी करने वाली सरकारों को खामियाजा भुगतना होगा।
यूपी में 14 लाख कर्मचारी इसमें शामिल है
अटेवा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि यूपी में न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में करीब 14 लाख कर्मचारी हैं। देश भर में ऐसे कर्मचारियों और उनके आश्रितों की संख्या मिलाकर करोड़ों में है। सभी पुरानी पेंशन का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने राजस्थान, झारखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली को मुद्दा बनाया और बहाल करवाने में सफल रहे ।
होंगे नुक्कड़ नाटक, जागरूकता रैली
देशव्यापी आंदोलन को धार देने और समर्थन जुटाने के लिए नुक्कड़ नाटक और जागरूकता रैलियों का आयोजन होगा। इसके लिए कर्मचारी संगठन प्रदेश भर में कार्यक्रम करेंगे। साथ ही सभी बड़े और छोटे कर्मचारी संगठनों को संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जोड़ा।