राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक प्रकरण से राजस्थान सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। मैं युवाओं के साथ गांधीवादी तरीके से धरना दे रहा हूं। उससे भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिक्कत हो रही है। जबकि इस मामले में सरकार के मंत्री, विधायक और बड़े अधिकारी शामिल है।
ऐसे में जब तक इस मामले की CBI जांच नहीं दी जाती। युवाओं के साथ मेरा धरना जारी रहेगा। मीणा ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री डर रहे हैं। कहीं सीबीआई जांच के बाद इस मामले में भ्रष्ट मंत्री और विधायक पकड़ में ना आ जाए और राजस्थान की सरकार ना गिर जाए।
सांसद मीणा ने कहा कि मैंने डीपी जारौली के खिलाफ पुख्ता सबूत दिए। लेकिन सरकार ने बर्खास्त कर छोड़ दिया। एसओजी के अधिकारी मोहन पोसवाल के खिलाफ सबूत दिए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि, विधानसभा में पेपर लीक प्रकरण में अधिकारियों और मंत्रियों को क्लीन चिट दे दी। जिससे पुलिस भी इस मामले में कार्रवाई करने से डर रही है।
बता दें कि आज विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांसद के किरोड़ी लाल मीणा के धरने पर सवाल खड़े किए थे। सीएम ने कहा था कि सांसद युवाओं को लेकर बेवजह धरने पर बैठे हैं। CBI जांच देने से आखिर क्या हो जाएगा। देशभर में पेपर लीक की घटनाएं हो रही हैं।
दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान में 4 साल में 16 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। जिससे प्रदेश के 50 लाख से ज्यादा युवाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। वहीं बाहरी राज्यों के बेरोजगार राजस्थान में सरकारी नौकरी में लग रहे हैं। जिसे राजस्थान के युवाओं का हक छिन रहा है। CM अशोक गहलोत युवाओं की परेशानी को भूल सिर्फ अपनी सरकार बचाने में लगे हैं।
किरोड़ी लाल मीणा की प्रमुख मांग
रीट, कॉन्स्टेबल, RAS समेत 16 भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक हुए हैं। जिनसे 50 लाख से ज्यादा युवाओं का भविष्य असमंजस की स्थिति में आ गया है। ऐसे में इन सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच करवाई जाए।
राजस्थान में सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों के युवाओं को तरजीह मिल रही है। जिसकी वजह से ही प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में प्रदेश में सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को ही 95% तक आरक्षण दिया जाए।
28000 CHA संविदा कर्मियों को फिर से नौकरी पर बहाल किया जाए। इसके साथ ही सभी सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे लाखों पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
राजस्थान में भर्ती परीक्षा के दौरान दूसरे राज्यों की फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसे रोकने के लिए प्रभावी रणनीति के तहत कार्रवाई की जाए।