Tripura, Nagaland, Meghalaya में चुनाव प्रचार जोरों पर, Assam ने बाल विवाह पर कसी नकेल

Tripura, Nagaland, Meghalaya में चुनाव प्रचार जोरों पर, Assam ने बाल विवाह पर कसी नकेल

त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार गर्मा गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को राज्य में धुआंधार जनसभाएं कीं और पार्टी के अन्य नेताओं ने भी कई रैलियों को संबोधित कर जनता से एक बार फिर भाजपा गठबंधन की सरकार चुनने का आह्वान किया। भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने त्रिपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पांच साल पहले त्रिपुरा दंगों, बंद और अशांति के लिए जाना जाता था तो वहीं आज त्रिपुरा में विकास, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और शांति दिखती है।


हम आपको बता दें कि त्रिपुरा में विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया जिसमें सत्ता में आने पर 2.5 लाख नयी नौकरियों के साथ ही पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का वादा किया गया है। इसके साथ ही निर्धन वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन और सरकारी कर्मचारियों को साल में दो बार महंगाई भत्ता (डीए) दिए जाने का भी वादा किया गया है। 15 पृष्ठों के घोषणापत्र में, छंटनी किए गए 10,323 शिक्षकों की बहाली, संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने और जनजातीय परिषद को अधिक स्वायत्तता देने का भी वादा किया गया है। वाम मोर्चा के संयोजक नारायण कार ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि 2018 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद त्रिपुरा में लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया।


उधर, जहां तक त्रिपुरा में कुल उम्मीदवारों की बात है तो आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में कुल 259 उम्मीदवार मैदान में हैं। अधिकारियों ने 19 नामांकन पत्रों को रद्द कर दिया जबकि 32 प्रत्याशियों ने अपने पर्चे वापस ले लिए। हम आपको बता दें कि त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 16 फरवरी को होगा और मतगणना दो मार्च को होगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 297 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आज़माई थी।


उधर, वाम मोर्चा और कांग्रेस ने त्रिपुरा में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर समझौता कर लिया है। दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध था। 25 जनवरी को वाम मोर्चा ने 60 विधानसभा सीटों में से 47 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे और कांग्रेस के लिए महज़ 13 सीटें छोड़ी थी। इसके बाद कांग्रेस ने 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए थे। दोनों दलों के केंद्रीय नेताओं ने वाम मोर्चा के लिए 47 और कांग्रेस के लिए 13 सीटों के फॉर्मूले को भाजपा को हराने के लिए स्वीकार किया। इसके बाद कांग्रेस ने 17 में से तीन उम्मीदवारों को वापस ले लिया।


दूसरी ओर, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और आईपीएफटी का मुख्य चुनावी मुद्दा स्थानीय लोगों के समग्र उत्थान पर विशेष रूप से ध्यान देते हुए विकास पर रहेगा। साहा ने प्रतिद्वंद्वी तिपरा मोथा पार्टी द्वारा रखी गयी ‘ग्रेटर तिपरालैंड’ की मांग को भी खारिज कर दिया। राज्य में चुनाव से महज नौ महीने पहले बिप्लव कुमार देब की जगह मुख्यमंत्री बने साहा ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में बहुमत मिलेगा और वह अपने दम पर सरकार बनाएगी। हम आपको बता दें कि भाजपा 60 सदस्यीय विधानसभा में 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने पांच सीट अपनी सहयोगी आईपीएफटी के लिए छोड़ दी हैं।


उधर, त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता माणिक सरकार ने कहा है कि राज्य में भाजपा के “कुशासन” के चलते विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एक साथ आए हैं। दक्षिण त्रिपुरा जिले के जुलाईबाड़ी इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए माणिक सरकार ने कहा, ‘‘माकपा ने राज्य में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से हाथ मिलाने का आह्वान किया था।' उन्होंने कहा, 'पूर्वोत्तर राज्य में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए हमें कांग्रेस तथा एक और पार्टी से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।’’


इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया कि भाजपा त्रिपुरा में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने दम पर अगली सरकार बनाएगी। हिमंत विश्व शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी राज्य में विजयी होगी, क्योंकि भाजपा नीत सरकार के तहत पिछले पांच वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर के इस राज्य में विकास हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा पिछले पांच वर्षों के दौरान हुए विकास के कारण अपने दम पर त्रिपुरा में अगली सरकार बनाएगी। भाजपा ने राज्य की एकता और विकास एवं लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’’


मेघालय


मेघालय से आई खबरों की बात करें तो भाजपा ने अपनी प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष एवं पूर्व उग्रवादी नेता बर्नार्ड एन. मारक को मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा के खिलाफ दक्षिण तुरा सीट से पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा मेघालय विधानसभा की सभी 60 सीट पर चुनाव लड़ेगी और उसने अपने सभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि भाजपा ने पिछले महीने सत्तारुढ़ मेघालय डेमोक्रेटिक गठबंधन से अलग होने और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया था। गौरतलब है कि बर्नार्ड एन. मारक ने 2014 में हथियार डाल दिये थे और उग्रवादी संगठन अचिक नेशनल वालंटियर काउंसिल-बी को भंग कर दिया था। वह गारो जनजाति के लिए अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर सशस्त्र उग्रवादी संगठन एनवीसी में शामिल हुए थे। कोनराड संगमा के खिलाफ मुखर रहने के लिए जाने जाने वाले बर्नार्ड मारक को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था और उन पर अनैतिक मानव तस्करी समेत तुरा स्थित अपने फार्महाउस में वेश्यालय चलाने का आरोप लगाया गया था।

उधर, मेघालय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले प्रचार के लिये कांग्रेस न तो बड़ी रैलियां करेगी और न ही स्टार प्रचारक यहां आएंगे। पूर्वोत्तर राज्य में पार्टी अपना पूरा ध्यान मतदाताओं से जुड़ने में लगाएगी। मेघालय प्रदेश कांग्रेस समिति (एमपीसीसी) के अध्यक्ष विंसेंट एच. पाला ने कहा कि हमारे 80 फीसदी उम्मीदवार नये हैं और पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, कांग्रेस मतदाताओं के घरों में जाएगी और स्थानीय स्तर पर समुदायों से जुड़ने के लिए छोटी-छोटी रैलियां करेगी, ताकि मतदाता अपने उम्मीदवारों को जान सकें।

नगालैंड

नगालैंड से आई खबरों की बात करें तो राज्य में सत्तारुढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने विधानसभा चुनाव के वास्ते 40 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जबकि उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी ने 20 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा है। दोनों दलों ने 16 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए। एनडीपीपी और भाजपा 60 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव लगातार दूसरी बार गठबंधन में लड़ रहे हैं। उत्तरी अंगामी-द्वितीय सीट से मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो एनडीपीपी के उम्मीदवार हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग पेरेन सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं मंत्री जी काइतो आये सटखा सीट से किस्मत आज़माएंगे और पूर्व राज्यसभा सांसद केजी केन्ये को चिजामी सीट से एनडीपीपी ने टिकट दिया है। नगालैंड में भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसक और राज्य सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री को भी मैदान में उतारा है। पीएम मोदी के साथ ट्विटर पर एक फोटो पोस्ट करने वाले नगालैंड के उच्च शिक्षा और आदिवासी मामलों के मंत्री तेमजेन इमना अलांग एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। पीएम मोदी को अपना गुरु बताने वाले बीजेपी नेता की तस्वीर को खूब लाइक मिल रहे हैं। पूर्वोत्तर में अलांग काफी लोकप्रिय हैं। अपनी रोचक टिप्पणियों और तस्वीरों से बड़ी वाकपटुता के साथ वो अपनी बातें रखते हैं। अपनी उम्मीदवारी पर उन्होंने पार्टी का आभार जताया है।

हम आपको बता दें कि नगालैंड में 27 फरवरी को चुनाव होना है और दो मार्च को मतगणना होगी। उधर, नगालैंड के सबसे पुराने क्षेत्रीय दलों में से एक, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) का कहना है कि यदि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी सत्ता में आती है तो नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के लिए जोर दिया जायेगा। इस बीच, जनता दल (यूनाइटेड) ने नगालैंड विधानसभा चुनाव के लिए अपने पहले उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। पार्टी के प्रदेश महासचिव कितोहो एस रोतोखा चुमौकेडेमिया जिले में घासपानी-2 सीट से चुनाव लड़ेंगे।

मिजोरम

मिजोरम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य विधानसभा का बजट सत्र सात फरवरी से 13 मार्च तक के लिए आहूत किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष लालरिंलिआना सैलो ने यह जानकारी दी। बजट सत्र मिजोरम के राज्यपाल हरीबाबु कामभामपति के अभिभाषण के साथ सात फरवरी को शुरू होगा। सैलो ने बताया कि कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) ने तय किया है कि वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री जोरामथंगा 13 फरवरी को वार्षिक बजट पेश करेंगे।

इसके अलावा मिजोरम में सत्तारुढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को इस सप्ताह उस समय एक बड़ा झटका लगा जब राज्य के दक्षिणी हिस्से के सियाहा शहर में कई स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी। राज्य के पूर्व मंत्री और मौजूदा एमएनएफ विधायक के बेछुआ और मारा स्वायत्त जिला परिषद (एमएडीसी) के अध्यक्ष एन वियाखू को पार्टी से निकाले जाने के दो दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ। यह घटनाक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस साल मिजोरम में विधानसभा चुनाव होना है।

मणिपुर

मणिपुर से आई खबर की बात करें तो राज्य के राज्यपाल ला गणेशन ने राज्य विधानसभा को सूचित किया कि 2022 में 75 विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया और 309 चरमपंथियों को गिरफ्तार किया गया। दो दिवसीय सत्र के पहले दिन को संबोधित करते हुए गणेशन ने राज्य सरकार की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रशासन पूर्वोत्तर राज्य के परिदृश्य को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है।

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे शिक्षकों ने शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा शनिवार को एक बैठक बुलाने का आश्वासन देने के बाद परीक्षा बहिष्कार के अपने आह्वान को फिलहाल टाल दिया है। हम आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश शिक्षक संघ (एटीए) के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने काफी वक्त से लंबित अपनी मांगों को पूरा नहीं किए जाने से नाराज होकर राज्य बोर्ड की आगामी परीक्षाओं का बहिष्कार करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाओं का भी बहिष्कार करेंगे।

असम

असम से आई खबरों की बात करें तो असम पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम के तहत शुक्रवार को अब तक 1,800 लोगों को गिरफ्तार किया हैं। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी दी। हिमंत विश्व शर्मा ने एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों को बताया कि राज्य भर में शुक्रवार सुबह से मुहिम शुरू की गई और यह अगले तीन से चार दिन तक जारी रहेगी। हम आपको बता दें कि राज्य मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा है कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा। अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इससे पहले कहा था कि ऐसे विवाह में शामिल पुजारी, काजी और परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा।

दूसरी ओर, असम के गुवाहाटी में हो रही दो दिवसीय जी20 बैठक के दूसरे दिन, शुक्रवार को टिकाऊ वित्त संबंधी क्षमता निर्माण के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। हम आपको बता दें कि भारत की जी20 की अध्यक्षता में टिकाऊ वित्त कार्यसमूह (एसएफडब्ल्यूजी) की पहली बैठक गुवाहाटी में हुई। इसमें जी20 देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों समेत करीब 100 प्रतिनिधि शामिल हुए हैं जिनमें से 95 विदेशी अधिकारी हैं।

इसके अलावा, असम में पुलिस महानिदेशक का प्रभार ग्रहण करने जा रहे ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में आतंकवादी कृत्यों पर लगभग काबू पा लिया गया है और पुलिस बल अब विकास कार्यों पर ध्यान देगा। ग्राम रक्षा संगठन के 74वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बाल विवाह, मादक पदार्थ के दुरुपयोग और मानव तस्करी जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इसके अलावा, असम सरकार ने लंबे इंतजार के बाद संदिग्ध और घोषित विदेशियों को गोवालपारा जिले में नवनिर्मित विशेष हिरासत केंद्र (डिटेंशन सेंटर) में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हिरासत केंद्र को अब “ट्रांजिट कैंप” के रूप में बदल दिया गया है। हम आपको बता दें कि असम सरकार ने राज्य में मिले संदिग्ध और घोषित विदेशियों को रखने के लिए गोवालपारा जिले के मटिया में पहला विशेष केंद्र बनाया है। इसमें 400 महिलाओं सहित 3,000 कैदियों को रखने की क्षमता है।


 14ope5
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *