नई दिल्ली: लोकप्रिय चैटबॉट ChatGTP निर्माता OpenAI ने एक ऐसा टूल लॉन्च किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा जनरेट किए गए टेक्स्ट की पहचान करेगा. इस बात की जानकारी कंपनी ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से दी. कंपनी ने बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि चैटजीटीपी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा जनरेट की पहचान करने के लिए एक सॉफ्टवेयर टूल जारी किया है.
ChatGTP एक फ्री प्रोग्राम है जो आर्टिकल, निबंध, चुटकुले और कविता जैसे टेक्स्ट को जनरेट करता है. चैटबॉट के आने के बाद शिक्षकों और शिक्षाविदों ने कॉपीराइट और साहित्यिक चोरी को लेकर चिंताएं जताई जाहिर की जा रही थीं.
कंपनी ने कहा कि उसने एक ही विषय पर मानव-लिखित और एआई-लिखित टेक्स्ट के डेटासेट पर ट्रेन क्लासिफायरियर को जारी किया है. इसका उद्देश्य एआई द्वारा लिखे गए टेक्स्ट को मानव-लिखित टेक्स्ट से अलग करना है. कंपनी ने कहा कि यह ऑटोमैटिक्ली मिस इंफोर्मेशन कैंपेन और अकादमिक डिसओनेस्टी जैसे मुद्दों को हल करने के लिए अलग-अलग प्रोवाइडर्स का उपयोग करता है.
फीडबैक प्राप्त करेगी कंपनी
अपने पब्लिक बीटा मोड में OpenAI ने स्वीकार किया है कि डिटेक्शन टूल 1,000 अक्षरों से कम के टेक्स्ट पर बहुत अविश्वसनीय है और क्लासिफायर को चकमा देने के लिए एआई-लिखित टेक्स्ट को एडिट किया जा सकता है. OpenAI ने कहा कि हम इस क्लासिफायर को सार्वजनिक रूप से फीडबैक प्राप्त करने के लिए उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि यह पता कर सकें कि इस तरह के इम्प्रफेक्ट टूल उपयोगी हो सकते हैं. कंपनी का कहना है, हम मानते हैं कि एआई-लिखित टेक्स्ट की पहचान करना शिक्षकों के बीच चर्चा का एक महत्वपूर्ण बिंदु है.
स्कूलों में लगा बैन
बता दें कि ChatGPT ने पिछले साल नवंबर में शुरुआत की और कुछ ही दिनों में इसने लोकप्रियता हासिल कर ली. इस बीच अमेरिका के कई बड़े स्कूलों ने एआई चैटबॉट को लेकर चिंता जताई और उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया. स्कूलों का कहना है कि छात्र टेक्स्ट जनरेटर का उपयोग धोखा देने या साहित्यिक चोरी करने के लिए कर सकते हैं.
थर्ड- पार्टी डिटेक्शन टूल
इस बीच अन्य कंपनियों ने GPTZeroX सहित थर्ड- पार्टी डिटेक्शन टूल भी बनाए हैं ताकि शिक्षकों को AI-जनरेट टेक्स्ट का पता लगाने में मदद मिल सके.OpenAI ने कहा कि वह ChatGPT की क्षमताओं और सीमाओं पर चर्चा करने के लिए शिक्षकों के साथ काम कर रहा है और AI-जनरेट टेक्स्ट की पहचान पर काम करना जारी रखेगा.